केन्द्रीय अभिकर्ता के रूप में राज्यपाल की भूमिका पर प्रकाश डालिये। संविधान के अनुसार राज्यपाल की दोहरी भूमिका निर्धारित की गयी है। एक राज्य के संवैधान
केन्द्रीय अभिकर्ता के रूप में राज्यपाल की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
राज्यपाल की केन्द्रीय अभिकर्ता की भूमिका
संविधान के अनुसार राज्यपाल की दोहरी भूमिका निर्धारित की गयी है। एक राज्य के संवैधानिक अध्यक्ष के रूप में दूसरी, केन्द्र के अभिकर्ता के रूप में। चूंकि राज्य स्तर पर भी संसदीय शासन की व्यवस्था की गयी है, इसलिए वह राज्य के संवैधानिक अध्यक्ष की भूमिका निभाता है तथा उसकी नियुक्ति चूंकि राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इसलिए उसे केन्द्रीय अभिकर्ता भी कहा जाता है।
वास्तव में, राज्यपाल की राज्य के संवैधानिक प्रमुख की तुलना में केन्द्रीय अभिकर्ता की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है और अपनी इस भूमिका में वह राष्ट्रपति के निर्देशानुसार कार्य करता है। राज्यपाल का यह दायित्व है कि वह राज्य का शासन केन्द्र के निर्देशानुसार चलाना सुनिश्चित कराये। यदि राज्य सरकार केन्द्र के निर्देशानुसार शासन संचालित करने में असफल रहती है तो राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है।
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