संसद में बजट पारित होने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए। संसदीय कार्य-प्रणाली के अन्तर्गत बजट पारित होने की प्रक्रिया का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। वार्
संसद में बजट पारित होने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- संसद में बजट पारित होने की प्रक्रिया के प्रमुख चरण क्या हैं ?
- संसद में बजट का प्रस्तुतीकरण कब तथा कैसे किया जाता है ?
- बजट पर सामान्य चर्चा पर टिप्पणी लिखिए।
- विनियोग विधेयक किसे कहते हैं ?
संसद में बजट पारित होने की प्रक्रिया
संसदीय कार्य-प्रणाली के अन्तर्गत बजट पारित होने की प्रक्रिया का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। वार्षिक वित्तीय विवरण अथवा बजट के पारित होने से पूर्व बजट को कई चरणों से होकर गुजरना पड़ता है।
- बजट का प्रस्तुतीकरण
- बजट सामान्य चर्चा
- अनुदान माँगों पर मतदान
- विनियोग विधेयक
- वित्त विधेयक
1. बजट का प्रस्तुतीकरण - सामान्य रूप से फरवरी माह के अन्तिम दिनों में केन्द्र सरकार के क्तिमन्त्री के द्वारा लोकसभा में बजट को प्रस्तुत किया जाता है। बजट प्रस्तुत किये जाते समय वित्तमन्त्री द्वारा विगत वित्तीय वर्ष में सरकार की नीतियाँ एवं कार्यक्रमों तथा देश की वित्तीय स्थितियों के विषय में विस्तृत वक्तव्य भी दिया जाता है।
2. बजट सामान्य चर्चा - बजट पर सामान्य रूप से चर्चा बजट प्रस्तुत होने के तीन दिन पश्चात संसद के दोनों संदनों में होती है। इस चर्चा के दौरान संसद के सदस्य सरकार की आर्थिक नीतियों पर बहस करते हैं सरकार की आलोचना करते हैं और राष्ट्रीय वित्त से सम्बन्धित समस्यायों की जाँच-पड़ताल भी करते हैं।
3. अनुदान माँगों पर मतदान - बजट पर सामान्य चर्चा के साथ ही राज्य सभा की प्रभावी भूमिका लगभग समाप्त हो जाती है और अब लोकसभा अनुदान के लिए माँगों पर विचार करती है।
4. विनियोग विधेयक - जब अनुदान की लगभग सभी माँगों पर लोकसभा द्वारा विचार और मतदान कर लिया जाता है तो उन्हें सम्मिलित रूप से भारत की संचित निधि पर पारित व्यय सहित एक विधेयक का रूप दे दिया जाता है जिसे विनियोग विधेयक कहते हैं। यह विधेयक लोकसभा द्वारा अन्य विधेयकों की तरह से पारित किया जाता है इस विधेयक पर चर्चा उन्हीं मुद्दों तक सीमित रहती है जिन पर अनुदान की माँगों के समय चर्चा न हुई हो।
5. वित्त विधेयक - आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के करारोपण (Taxation Proposals) को एक विधेयक में समाहित किया जाता है जिसे वित्त विधेयक कहते हैं। लोकसभा द्वारा वित्त विधेयक पर उसी तरीके से विचार-विमर्श किया जाता है जैसे कि धन विधेयक पर इसके द्वितीय कथन के उपरान्त इसे एक प्रवर समिति को भेज दिया जाता है। समिति को रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात लोकसभा द्वारा इसकी प्रत्येक धारा पर विस्तार से विचार-विमर्श किया जाता है। आवश्यकतानुसार संशोधन भी प्रस्तावित किये जाते हैं।
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