पत्र लेखन उदाहरण सहित patra lekhan in hindi; पत्र अपनी बात दूसरों तक लिखकर पहुंचाने का एक बहुत अच्छा तरीका है। जैसे-जैसे भाषा का विकास हुआ, उसी के साथ पत्र लेखन का भी विकास होता गया। इस प्रकार यह ,माना जा सकता है की पत्र लेखन का इतिहास
पत्र लेखन उदाहरण सहित (patra lekhan in hindi)
पत्र अपनी बात दूसरों तक लिखकर पहुंचाने का एक बहुत अच्छा तरीका है। जैसे-जैसे भाषा का विकास हुआ, उसी के साथ पत्र लेखन का भी विकास होता गया। इस प्रकार यह ,माना जा सकता है की पत्र लेखन का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन काल में मोबाइल, इंटरनेट जैसे संचार के साधन नहीं हुआ करते थे इसलिए पत्र के माध्यम से ही लोग अपनी बात दूसरों तक पहुंचाते थे।
समय के साथ पत्र लेखन की इस कला में भी अनेक परिवर्तन आये। ई-मेल भी इन्ही परिवर्तनों में से एक है। आज हम टेक्नोलॉजी ( तकनीकी ) की मदद से कुछ ही सेकेंड्स में ई-मेल अर्थात इलेक्ट्रॉनिक पत्र दूर बैठे किसी व्यक्ति को भेज सकते हैं। पत्रों के कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे: सामाजिक ,व्यावसायिक ,शासकीय और प्रशासकीय आदि।
पत्रों के भेद या प्रकार
पत्र किस विषय पर और किसको लिखा जा रहा है इस आधार पर पत्र 2 प्रकार के होते हैं।
औपचारिक पत्र : औपचारिक पत्र का प्रयोग प्रायः दफ्तर ,कार्यालय ,संस्थानों आदि द्वारा एक दूसरे को सूचनाओं, जानकारियों तथा तथ्यों आदि के आदान प्रदान में किया जाता है। इन पत्रों को लिखते समय औपचारिकताओं का ध्यान रखा जाता है। सामाजिक पत्र, शिकायती पत्र तथा आवेदन पत्र इनके उदहारण है।
1-आवेदन पत्र : किसी विशेष उद्देश्य से लिखे प्रार्थना पत्र "आवेदन पत्र" कहलाते हैं। जैसे :अवकाश के लिए पत्र, शुल्क मुक्ति के लिए पत्र ,चरित्र प्रमाण पत्र या फिर बैंक से लोन लेने के लिए पत्र आदि।
- फीस माफ़ी के लिए प्रधानाचार्य को पत्र
- प्रधानाचार्य को छात्रवृति के लिए आवेदन पत्र
- छात्रवृत्ति के लिए प्रधानाचार्य को पत्र संख्या (2)
- शुल्क की माफी के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र हेतु प्रार्थना पत्र
- जुर्माना माफ़ी के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र।
- किये गए अपराध के लिए प्रधानाचार्य से क्षमा याचना पत्र
- नए कंप्यूटर के अध्यापक की व्यवस्था हेतु प्रधानाचार्य को पत्र
- स्थानांतरण प्रमाण पत्र
- विद्यालय में छुट्टी (अनुपस्थिति) पर प्रधानाचार्य को पत्र
- बैंक से व्यापार हेतु ऋण प्राप्ति पत्र
- होम लोन के लिए आवेदन पत्र
- प्रधानाचार्य को बस बदलने के लिए पत्र
- विषय परिवर्तन हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र
- कक्षा की छत चूने के संबंध में प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र
- पुस्तक विक्रेता से पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र
- पुस्तकालय से पुस्तकें घर ले जाने हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र
- पानी की समस्या पर नगरपालिका को पत्र
- डाक की अनियमितता की शिकायत हेतु पोस्ट मास्टर को पत्र
- स्वास्थ्य अधिकारी को अपने मोहल्ले में गंदगी के विषय में पत्र
- जिला अधिकारी को पत्र
- जिला अधिकारी को पत्र सड़क पर किये जा रहे अतिक्रमण के सम्बन्ध में
- थानाप्रभारी को पत्र।
- बिजली आपूर्ति की समस्या के लिए पत्र
2-व्यापारिक या व्यावसायिक पत्र : किसी व्यापारिक या औद्योगिक संस्थानों के आपस में पत्र या किसी संस्था की ओर से किसी व्यक्ति को या फिर किसी किसी व्यक्ति की ओर से किसी संस्था को लिखे गए पत्र इस श्रेणी में आते हैं।
3-सम्पादक के नाम पत्र : वर्तमान युग में समाचार पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। समस्याओ के समाधान के लिए समाचार पत्रो के माध्यम से आवाज उठाई जाती है। इसलिए समाज की विभिन्न समस्याओं के लिए संपादक के नाम पत्र लिखा जाता है। समाचार पत्रों में विभिन्न शीर्षकों से संपादक के नाम पत्र छापे जाते है , जिसे उच्चधिकारिओ तक पहुंचाया जाता है और समाधान शीघ्र हो जाता है।
अनौपचारिक पत्र : अनौपचारिक पत्र निजी सम्बंधिओ ,रिश्तेदारो तथा मित्रो आदि को लिखे जाते है। यह पत्र प्रायः व्यक्तिगत विषयो तथा निमंत्रण के लिए लिखे जाते है। अनौपचारिक पत्र लिखने में औपचारिक भाषा के प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती है। निमंत्रण पत्र , माता को पत्र , पिता को पत्र आदि इनके उदाहरण है।
1-निजी / व्यक्तिगत या पारिवारिक पत्र : परिवार के निकट सदस्यों, निकट सम्बन्धियों, मित्रों आदि को लिखे गए पत्र निजी या पारिवारिक पत्र होते हैं।
- पिताजी को पत्र
- छात्रावास से पिताजी को पत्र
- रूपए मंगवाने हेतु पिताजी को पत्र
- पिताजी को उनकी बीमारी का समाचार पाकर चिंता पत्र
- नई कक्षा तथा विद्यालय का वर्णन करते हुए पिता को पत्र
- अपने मित्र को उसकी सफलता पर बधाई पत्र
- परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर बधाई पत्र
- मित्र को जन्मदिन पर बधाई पत्र
- रक्षाबंधन पर पत्र
- पिता द्वारा पुत्र को समय के सदुपयोग पर पत्र
- छोटे भाई को कुसंगति से बचने के लिए पत्र
- छोटे भाई को देशाटन के लाभ बताते हुए पत्र
- परिश्रम का महत्व बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र
2-सामाजिक पत्र : निमंत्रण पत्र, बधाई पत्र, परिचय पत्र, आभार पत्र एवं सांत्वना पत्र आदि सामाजिक पत्र की श्रेणी में आते हैं।
पत्र लेखन से सम्बंधित अभिवादन व सम्बोधनों की सूची
पत्र लेखन से सम्बंधित अभिवादन व सम्बोधनों की सूची
सम्बन्ध
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सम्बोधन
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अभिवादन
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अभिनिवेदन
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पिता-पुत्र
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प्रिय महेश
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शुभाशीर्वाद
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तुम्हारा शुभाकांक्षी
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पुत्र-पिता
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पूज्य पिताजी
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सादर प्रणाम
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आपका स्त्रेहाकांक्षी
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माता-पुत्र
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प्रिय पुत्र
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शुभाशीष
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तुम्हारी शुभाकांक्षिणी
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पुत्र-माता
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पूजनीया माताजी
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सादर प्रणाम
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आपका स्त्रेहाकांक्षी
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मित्र-मित्र
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प्रिय भाई या मित्र या प्रिय रमेश आदि
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नमस्कार
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आपका स्त्रेहाकांक्षी
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गुरु-शिष्य
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प्रिय कुमार या चिo कुमार
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शुभाशीर्वाद
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तुम्हारा सत्यैषी या शुभचिन्तक
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शिष्य-गुरु
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पूजनीय या आदरणीय गुरुदेव
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सादर प्रणाम
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आपका शिष्य
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दो अपरिचित व्यक्ति
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प्रिय महोदय
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सप्रेम नमस्कार
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भवदीय
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अग्रज-अनुज
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प्रिय राहुल
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शुभाशीर्वाद
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तुम्हारा शुभाकांक्षी
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अनुज-अग्रज
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पूज्य भैया या भ्राता जी
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प्रणाम
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आपका स्त्रेहाकांक्षी
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स्त्री-पुरुष (अनजान)
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प्रिय महाशय
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.......
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भवदीया
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पुरुष-स्त्री (अनजान)
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प्रिय महाशया
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.......
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भवदीय
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पुरुष-स्त्री (परिचित)
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कुमारी कमलाजी
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.......
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भवदीय
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स्त्री-पुरुष (परिचित)
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भाई कमलजी
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भवदीया
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बहुत ही बढ़िया।।
ReplyDeleteमराठी मागणी पञ
ReplyDeletethanks bro for help +918576057402
ReplyDeleteThanks es site ne mere holiday homeswork me bahut help kare thanks bro 😘😘😄😄
ReplyDeleteI like this site
ReplyDeleteGood luck
ReplyDeleteThis did help me but could have been better👍
ReplyDeleteAnyway, thanks 😊
Thanks yaar
ReplyDeleteMeri holiday homework me maadad karne keliye👍👍👍👍☺☺☺☺
welcome.
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