कला और समाज के बीच संबंध (Relationship between Art and Society in Hindi) कला समाज का अभिन्न अंग है लोगों में सामाजिक चेतना का संचार कला के माध्यम से क
कला और समाज के बीच संबंध (Relationship between Art and Society in Hindi)
कला और समाज के बीच संबंध: समाज का निर्माण व्यक्तियों के समूह का परिणाम है लोग पारस्परिक तौर पर सामाजिक सम्बन्धों का जाल बनाते है। और प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी कला विशिष्टता से सम्बध रखता है या प्रत्येक व्यक्ति के अन्दर एक विशिष्ट अभिरूचि और अभिक्षमता विद्यमान होती है तभी तो कोई बहुत बड़ा संगीतज्ञ होता है तो कोई बहुत बड़ा साहित्यकार और कवि, ये कला समाज को किसी न किसी रूप से आपस में जोड़ने का कार्य करता है। इसलिए तो कहा गया है, कला समाज का हिस्सा है कला के माध्यम से एक कलाकार सामाजिक परम्पराओं, रीति रिवाजों और नैतिक मूल्यों को वास्तविक जीवन में रंग भरने का कार्य करता है। समाज की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर कला का विकास किया गया है। कला का सम्बध सृजनशीलता से है, क्रियात्मकता से है ना कि विध्वसंकता से है इसलिए हम कह सकते है कला समाज को जोड़ने का कार्य करता न कि तोड़ने का।
कलाकार समाज का एक सदस्य होता है। समाज में कलाकार जीवन की सभी अवस्थाएँ व्यतीत करता है एवं अपने वातावरण के अनुसार विविध अनुभव प्राप्त करता है। इन्हीं अनुभवों को अपनी कला के कौशल पर विभिन्न कला के माध्यम से व्यक्त करता है। कलाकार के कला का वैयक्तिक चरित्र उसके वैयक्तिक गुणों पर निर्भर करता है। अतः उसकी कला का मूल्य उसकी व्यक्तिकता, समय और परिस्थितियों पर आधारित होता है।
कला समाज का अभिन्न अंग है लोगों में सामाजिक चेतना का संचार कला के माध्यम से किया जा सकता है। समाज और कला का संबंध का अन्दाजा इसी से लगा सकते हैं। सामाजिक अवसरों में कला का प्रदर्शन हम अक्सर देखते हैं अलग-अलग कलाएँ समाज के विभिन्न सांस्कृतिक सौहार्द्र को दिखाता है। तभी तो समाज से कलाकार का सम्बंध होता है। कला का सम्बंध कलाकार से होता है कलाकार का सम्बंध समाज से होता है। जैसे - एक चित्रकार समाज का हिस्सा है सामाजिक पहलूओं को अपने चित्रकारी के माध्यम से विभिन्न समाज के सामने लाता है, जिसके कारण वह इतना प्रसिद्ध हो जाता है कि समाज में एक व्यापक बदलाव ला सकता है। कला का संबंध समाज और संस्कृति से भी है तभी तो विभिन्न संस्कृतियों को कला ही जीवित रखे हुए है। कला के माध्यम से हम अलग अलग सांस्कृतिक पहलूओं को जान पाते है।
अतः कहा जा सकता है कला का समाज से अभिन्न संबंध है। कला समाज में एक सकारात्मक दिशा में भावात्मक कार्य करता है। समाजिक पहलूओं से लोगों को रूबरू कराता है। कला ही समाज को आपस में जोड़ने का कार्य करता है। कला के माध्यम से शिक्षा के कारण लोगों में क्रियात्मक सृजनात्मक उत्थान संभव हो पाता है।
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