इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम किस धर्म की समर्थक थी ?
एलिज़ाबेथ प्रथम ब्रिटेन के ट्यूडर वंश की पांचवी और आखिरी सम्राट थीं। एलिज़ाबेथ प्रथम का जन्म ७ सितम्बर १५३३ को ग्रीनविच के महल में हुआ था। वह हेनरी अष्टम की दूसरी संतान थीं। एलिज़ाबेथ की माँ ऐने बोलेन हेनरी की दूसरी पत्नी थी। एलिज़ाबेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली।
एलिज़ाबेथ ने अपने मंत्रिमंडल में योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की जिससे इंग्लैंड में कुशल शासन किया जा सके। इसी दौरान एलिज़ाबेथ प्रथम ने इंग्लैंड में "इंग्लिश प्रोटेस्टैंट चर्च" की नींव रखी और स्वयं उसकी अध्यक्ष बन गयीं। प्रोटेस्टेंट धर्म ईसाई धर्म की एक शाखा थी। इस प्रकार एलिज़ाबेथ प्रथम ईसाई धर्म की समर्थक थी।
इस प्रकार एलिज़ाबेथ इंग्लैंड की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गई। उनके इस कदम से ईसाई धर्म की कैथोलिक शाखा के पोप उनसे नाराज़ हो गए। पोप ने 1560 में ब्रिटिश नागरिकों को एलिज़ाबेथ का आदेश न मानने का आदेश दिया। इस प्रकार ब्रिटेन में कैथोलिक समुदाय ने एलिज़ाबेथ प्रथम के विरुद्ध कई विद्रोह किये परन्तु एलिज़ाबेथ प्रथम की सतर्कता के कारण वह सफल न हो सके।
1588 में स्पेन ने कैथोलिक पोप के आग्रह पर इंग्लैंड पर समुद्री जहाजों के एक विशाल बेड़े से आक्रमण किया। इस आक्रमण को "स्पेनी अर्माडा" कहा जाता है। एलिज़ाबेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैण्ड की सब से ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है।