बंदर पर हिंदी निबंध: बंदर एक चतुर, फुर्तीला और शरारती जानवर है, जिसे मनुष्य का सबसे करीबी रिश्तेदार भी माना जाता है। यह नकल करने में माहिर होता है और
बंदर पर हिंदी निबंध - Essay on Monkey in Hindi
बंदर पर हिंदी निबंध: बंदर एक चतुर, फुर्तीला और शरारती जानवर है, जिसे मनुष्य का सबसे करीबी रिश्तेदार भी माना जाता है। यह नकल करने में माहिर होता है और इसकी हरकतें अक्सर लोगों को हंसा देती हैं। बंदर न केवल अपनी शरारतों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी बुद्धिमानी और सामाजिक स्वभाव इसे अन्य जानवरों से अलग बनाते हैं।
बंदर की विशेषताएँ
बंदर एक चौपाया जीव है, लेकिन अपने अगले पंजों का उपयोग हाथों की तरह करता है। यह चलने, खाने, खेलते समय और बच्चों की देखभाल के लिए अपने हाथों का उपयोग करता है। इसकी पूँछ लंबी और मज़बूत होती है, जिससे यह आसानी से पेड़ों पर चढ़ सकता है और एक शाखा से दूसरी शाखा तक कूद सकता है।
बंदर विभिन्न प्रजातियों में पाए जाते हैं और इनके रंग, आकार और स्वभाव में भी भिन्नता होती है। कुछ बंदर छोटे और हल्के होते हैं, जबकि कुछ बड़े और ताकतवर होते हैं। एक सामान्य बंदर लगभग 15 से 35 वर्ष तक जीवित रह सकता है। ये झुंड में रहना पसंद करते हैं और हर झुंड का एक मुखिया होता है, जो समूह को खतरे से बचाने और भोजन खोजने में मदद करता है।
बंदर का भोजन और रहन-सहन
बंदर शाकाहारी और सर्वाहारी दोनों हो सकते हैं। इनका मुख्य भोजन फल, सब्ज़ियाँ, अखरोट, बीज और पत्तियाँ होती हैं। केले बंदरों के सबसे पसंदीदा फलों में से एक हैं। इसके अलावा, जंगलों में रहने वाले बंदर कभी-कभी कीड़े-मकोड़े और छोटे जीवों को भी खा लेते हैं।
बंदरों को पेड़ों पर रहना पसंद होता है। वे ऊँचे पेड़ों की शाखाओं पर झूला झूलते हैं और वहाँ ही अपना बसेरा बनाते हैं। शहरों में भी बंदरों की संख्या बढ़ रही है, जहाँ वे मंदिरों, पार्कों और गाँवों में देखे जा सकते हैं।
बंदर और भारतीय संस्कृति
भारत में बंदरों का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं में भी इनका उल्लेख मिलता है। रामायण में भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी को बंदरों का राजा माना जाता है। उन्होंने रामसेतु बनाने में मदद की और माता सीता की खोज के लिए लंका तक छलांग लगाई। हनुमान जी की बुद्धिमत्ता, शक्ति और निडरता उन्हें देवताओं में उच्च स्थान दिलाती है।
रामायण में वानर सेना का भी उल्लेख मिलता है, जिसने भगवान राम की सहायता की थी। यह सेना बहादुरी, एकता और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक मानी जाती है। भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जहाँ बंदरों को विशेष स्थान दिया जाता है, जैसे कि वाराणसी का दुर्गा मंदिर, गोकर्ण का हनुमान मंदिर और हृषिकेश का नीलकंठ महादेव मंदिर।
निष्कर्ष:
बंदरों को उनकी शरारतों के लिए जाना जाता है। कभी वे छतों पर उछलते-कूदते हैं, तो कभी लोगों के हाथ से खाने-पीने की चीजें छीन लेते हैं। सड़क किनारे मदारी भी बंदरों को प्रशिक्षित करके उनके करतब दिखाते हैं, जिससे लोग खूब मनोरंजन करते हैं। हालाँकि, आजकल यह प्रथा कम हो गई है, लेकिन पहले यह भारतीय मेलों और सड़कों पर आम देखने को मिलती थी।
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