यदि मैं राष्ट्रपति होता पर निबंध: राष्ट्रपति का पद किसी भी देश का सर्वोच्च पद होता है। यह केवल एक सम्मानजनक पद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और कर्तव्य का
यदि मैं राष्ट्रपति होता पर निबंध - Yadi main Rashtrapati hota Essay in Hindi
यदि मैं राष्ट्रपति होता पर निबंध: राष्ट्रपति का पद किसी भी देश का सर्वोच्च पद होता है। यह केवल एक सम्मानजनक पद नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और कर्तव्य का प्रतीक भी है। यदि मुझे यह गौरव प्राप्त होता कि मैं अपने देश का राष्ट्रपति बनता, तो मैं इसे केवल एक पद के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के उत्थान के लिए एक अवसर के रूप में देखता। मेरी प्राथमिकता होती कि मैं अपने देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाऊँ और एक समृद्ध, सशक्त तथा आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दूँ।
यदि मैं राष्ट्रपति होता, तो मेरा पहला कर्तव्य यह सुनिश्चित करना होता कि देश में समानता और न्याय की भावना बनी रहे। हमारा संविधान हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है, लेकिन आज भी समाज में अनेक प्रकार की असमानताएँ देखने को मिलती हैं। मैं इस दिशा में ठोस नीतियाँ लागू करता जिससे जाति, धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर भेदभाव समाप्त हो। मैं इस बात पर ज़ोर देता कि सभी नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के समान अवसर प्राप्त हों, ताकि कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।
मैं मानता हूँ कि शिक्षा ही वह चाबी है जो सफलता का दरवाज़ा खोल सकती है। लेकिन आज भी हमारे देश में कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह सुनिश्चित करता कि हर बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े और उसे वही सुविधाएँ मिलें जो बड़े शहरों के बच्चों को मिलती हैं। सरकारी स्कूलों की हालत सुधारना मेरी पहली प्राथमिकता होती।
शिक्षा के बाद सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह सुनिश्चित करता कि हर युवा के पास नौकरी हो। मैं स्टार्टअप और नए बिज़नेस को बढ़ावा देता ताकि लोग खुद का काम शुरू कर सकें और दूसरों को भी रोज़गार दें। गाँवों में कुटीर उद्योग और खेती से जुड़े नए साधन विकसित करता ताकि लोगों को शहरों की तरफ़ भागने की ज़रूरत न पड़े।
आज के समय में महिलाओं की सुरक्षा भी एक बहुत बड़ी समस्या है। अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो महिलाओं के लिए ऐसे कड़े कानून बनाता जिससे कोई भी अपराधी अपराध करने से पहले सौ बार सोचने पर मजबूर हो जाए। मैं सुनिश्चित करता कि हर गली, हर सड़क और हर मोहल्ले में महिलाओं के लिए सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम हों। मैं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाएँ लागू करता। साथ ही, यह सुनिश्चित करता कि हर लड़की को पढ़ाई और नौकरी के समान अवसर मिलें और वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।
अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो मैं अपने देश की विदेश नीति को और मज़बूत बनाने पर विशेष ध्यान देता। आज के समय में कोई भी देश अकेले तरक्की नहीं कर सकता, इसलिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को सुधारना बहुत ज़रूरी है। सबसे पहले, मैं अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करता। हम शांति और सहयोग की नीति अपनाकर क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देते। इसके अलावा, मैं विकसित देशों के साथ भी रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करता। व्यापार, रक्षा, विज्ञान, और तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने से हमारे देश को भी आधुनिक तकनीकों और नए अवसरों का लाभ मिलता।
निष्कर्ष: राष्ट्रपति का पद केवल एक प्रतिष्ठा का विषय नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। यदि मैं राष्ट्रपति होता, तो मैं अपने देश को प्रगति और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करता। मेरा सपना होता कि भारत एक ऐसा देश बने जहाँ कोई भी नागरिक भूखा न सोए, जहाँ हर बच्चा शिक्षित हो, जहाँ महिलाएँ सुरक्षित महसूस करें और जहाँ हर व्यक्ति के पास रोजगार हो। मैं अपने हर निर्णय में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखता और यह सुनिश्चित करता कि भारत सिर्फ़ आर्थिक और तकनीकी रूप से ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक रूप से भी एक सशक्त राष्ट्र बने।
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