मेरा प्रिय विषय विज्ञान पर निबंध: हर छात्र का कोई न कोई प्रिय विषय होता है। किसी को गणित पसंद आता है, तो किसी को इतिहास में रुचि होती है। लेकिन मेरा स
मेरा प्रिय विषय विज्ञान पर निबंध - Mera Priya Vishay Vigyan par Nibandh
मेरा प्रिय विषय विज्ञान पर निबंध: हर छात्र का कोई न कोई प्रिय विषय होता है। किसी को गणित पसंद आता है, तो किसी को इतिहास में रुचि होती है। लेकिन मेरा सबसे प्रिय विषय विज्ञान है क्योंकि यह मुझे सोचने की आज़ादी देता है। बचपन से ही मैं यह सोचता था कि बिजली कैसे बनती है? बादल क्यों गरजते हैं? मोबाइल फोन बिना तार के कैसे काम करता है? ये सारे प्रश्न विज्ञान के बिना अनुत्तरित रहते, लेकिन जैसे-जैसे मैं विज्ञान पढ़ता गया, इन सवालों के जवाब मिलने लगे। विज्ञान न केवल सवालों के जवाब देता है, बल्कि सोचने की एक नई दिशा भी देता है।
विज्ञान में मेरी सबसे ज़्यादा रुचि अंतरिक्ष और प्रकृति से जुड़ी बातों में है। मैं अक्सर सोचता हूँ कि चाँद पर लोग कैसे गए होंगे, या पृथ्वी सूरज के चारों ओर कैसे घूमती है। जब मैंने पहली बार पढ़ा कि धरती गोल है और पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण नाम की एक शक्ति है जो सबको नीचे खींचती है, तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि हमारे शरीर, हमारे आसपास की चीज़ें और यहाँ तक कि पूरा ब्रह्मांड भी विज्ञान के नियमों से चलता है।
आज हम जिन चीजों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सामान्य मानते हैं—जैसे इंटरनेट, मोबाइल, एयर कंडीशनर, फ्रिज, ट्रेन, हवाई जहाज़—ये सब विज्ञान की देन हैं। सोचिए, अगर विज्ञान न होता, तो न जाने हम कितने वर्षों पीछे होते। न तो इतनी तेजी से इलाज संभव होता, न ही चाँद पर कदम रख पाना। विज्ञान ने न केवल हमारी ज़िंदगी को आसान बनाया है, बल्कि हमारी सोच की सीमाएँ भी तोड़ी हैं।
विज्ञान की सबसे सुंदर बात यह है कि यह तर्क और प्रमाण पर आधारित होता है। इसमें कोई बात सिर्फ मान्यता के आधार पर नहीं मानी जाती, बल्कि हर बात को सिद्ध किया जाता है। यही कारण है कि विज्ञान हमें अंधविश्वासों से मुक्त करता है और सोचने-समझने की शक्ति देता है। विज्ञान हमें सिखाता है कि अगर हम उसे समझें और सही दृष्टिकोण अपनाएँ हर समस्या का समाधान है।
विज्ञान का एक और पहलू जो मुझे बेहद पसंद है, वह है फेल होने की आज़ादी। विज्ञान कहता है – “अगर तुम एक बार असफल हुए, तो दोबारा कोशिश करो। फिर भी असफल हुए, तो फिर से कोशिश करो।” जब थॉमस एडिसन ने हजारों बार प्रयास करके बल्ब बनाया, तो उन्होंने कहा था – “मैं फेल नहीं हुआ, मैंने बस 1000 तरीके सीखे जो काम नहीं करते।” यही विज्ञान की असली भावना है – लगातार सीखना, सवाल करना, और कभी हार न मानना।
विज्ञान सिर्फ एक विषय नहीं है, यह एक सोचने का तरीका है। यह हमें सिखाता है कि सवाल पूछना अच्छी बात है और हर सवाल का कोई न कोई जवाब जरूर होता है। यह हमारी जिज्ञासा को बढ़ाता है और हमें बेहतर इंसान बनाता है। मुझे यकीन है कि अगर हम सब विज्ञान को अच्छे से समझें, तो हम अपनी और दूसरों की ज़िंदगी को और भी बेहतर बना सकते हैं।
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