मेरा प्रिय विषय अंग्रेजी पर निबंध: हर बच्चे का कोई न कोई ऐसा विषय होता है जो उसे सबसे ज़्यादा पसंद होता है। किसी को गणित अच्छा लगता है, किसी को विज्ञा
मेरा प्रिय विषय अंग्रेजी पर निबंध - Mera Priya Vishay Angreji par Nibandh
मेरा प्रिय विषय अंग्रेजी पर निबंध: हर बच्चे का कोई न कोई ऐसा विषय होता है जो उसे सबसे ज़्यादा पसंद होता है। किसी को गणित अच्छा लगता है, किसी को विज्ञान, तो किसी को इतिहास। लेकिन मेरा सबसे प्रिय विषय अंग्रेज़ी है। हाँ, यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है क्योंकि कुछ साल पहले तक मैं अंग्रेज़ी से बहुत डरता था।
जब मैं पाँचवीं कक्षा में था, तब अंग्रेज़ी मेरे लिए सबसे कठिन विषय था। मुझे न तो स्पेलिंग्स समझ आती थीं, न ही ग्रामर के रूल्स। जब भी अंग्रेज़ी की किताब खोलता, तो ऐसा लगता जैसे मैं किसी दूसरी दुनिया की भाषा पढ़ रहा हूँ। मेरी कॉपी में हर बार टीचर लाल पेन से ढेर सारी गलतियाँ निकालती, और मुझे बहुत शर्म आती। क्लास में जब अंग्रेज़ी पढ़ने को कहा जाता, तो मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगता।
लेकिन फिर मेरी ज़िंदगी में एक बहुत अच्छा मोड़ आया। छठी कक्षा में हमारी नई अंग्रेज़ी टीचर आईं — नीतू मैम। वो बहुत ही प्यारी और समझदार थीं। एक दिन उन्होंने क्लास में सबको पढ़ने को कहा और जब मेरी बारी आई, तो मैं बहुत घबरा गया। मैंने धीरे-धीरे, रुक-रुक कर पढ़ा और कई गलतियाँ भी कर दीं। क्लास में कुछ बच्चे हँसने लगे। मुझे बहुत बुरा लगा और मैं चुपचाप बैठ गया।
उस दिन नीतू मैम ने मुझे क्लास के बाद रोका। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “डरो मत, अंग्रेजी सीखना बहुत आसान है। मैं तुम्हें अंग्रेजी सिखाऊँगी।” इसके बाद मैम ने मुझे हर दिन थोड़ा-थोड़ा पढ़ाया। उन्होंने मेरी स्पेलिंग्स सुधारीं, मुझसे रोज़ एक नया शब्द लिखवाया और उसका मतलब समझाया। जब भी मैं गलती करता तो वो कभी डांटती नहीं थीं, बल्कि समझाती थीं। उन्होंने मुझे अंग्रेज़ी में कहानियाँ पढ़ने को दीं, जैसे "Alice in Wonderland" और "The Jungle Book", हर कहानी मेरे दिल को छू जाती थी।
धीरे-धीरे मेरा डर खत्म होने लगा। अब मुझे अंग्रेज़ी में पढ़ना अच्छा लगने लगा। मैं खुद से छोटे-छोटे पैराग्राफ लिखने लगा। जब टीचर ने मेरी कॉपी में “Very Good” लिखा, तो मेरा मन खुशी से झूम उठा। मुझे पहली बार महसूस हुआ कि अंग्रेज़ी तो एक बहुत ही मज़ेदार और आसान भाषा है।
अंग्रेज़ी मुझे इसलिए भी प्रिय है क्योंकि यह आज के युग की सबसे ज़रूरी भाषाओं में से एक है। यह केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय भाषा है जो अलग-अलग देशों के लोगों को आपस में जोड़ती है। अगर मैं अच्छी अंग्रेज़ी बोलना और समझना जानता हूँ, तो मैं दुनिया के किसी भी कोने में जाकर अपने विचार व्यक्त कर सकता हूँ। चाहे स्कूल की पढ़ाई हो, कॉलेज का इंटरव्यू हो या किसी बड़ी कंपनी की नौकरी — अंग्रेज़ी हर जगह ज़रूरी हो गई है। इंटरनेट पर उपलब्ध अधिकतर जानकारी भी अंग्रेज़ी में ही होती है। इसलिए अगर हमें दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है, तो अंग्रेज़ी का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है।
मैं मानता हूँ कि कोई भी विषय मुश्किल नहीं होता, बस एक अच्छा टीचर और थोड़ी मेहनत चाहिए। अगर नीतू मैम ने मुझे उस दिन समझाया नहीं होता, तो शायद मैं आज भी अंग्रेज़ी से डरता रहता। इसलिए अंग्रेज़ी मेरे लिए सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि एक यादगार सफर है — डर से दोस्ती का। यही वजह है कि आज अंग्रेज़ी मेरा सबसे प्रिय विषय है।
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