जब मेरे मोहल्ले में चोरी हुई हिंदी निबंध: रविवार की सुबह थी। मैं आराम से अखबार पढ़ रहा था, तभी अचानक बाहर हल्ला मचने लगा. थोड़ी देर में पता चला कि हमा
जब मेरे मोहल्ले में चोरी हुई हिंदी निबंध - Jab Mere Mohalle Mein Chori Hui Hindi Nibandh
रविवार की सुबह थी। मैं आराम से अखबार पढ़ रहा था, तभी अचानक बाहर हल्ला मचने लगा. थोड़ी देर में पता चला कि हमारे पड़ोसी गुप्ता जी के घर चोरी हो गई! मैं दौड़ता हुआ उनके घर पहुंचा. वहां का नजारा देखकर मेरा दिल बैठ गया. अंदर का सामान बिखरा पड़ा था, अलमारी के दरवाजे खुले थे. गुप्ता जी और उनकी पत्नी हताश और परेशान हाल में बैठे थे. उनकी आंखों में डर साफ झलक रहा था.
उन्होंने बताया कि रात में जब वे सो रहे थे, तब चोरों ने उनके घर का ताला तोड़कर अंदर घुसकर सोने के गहने, नकदी, और कुछ अन्य सामान चुरा लिया। यह सुनकर मेरे गुस्से का ठिकाना नहीं रहा। चोरों ने इन बेगुनाह बुजुर्गों का फायदा उठाया था, यह सोचकर मेरा खून खौल उठा। मैंने तुरंत पुलिस को फोन किया और घटना की जानकारी दी।
यह सुनकर मेरे गुस्से का ठिकाना नहीं रहा. मैंने तुरंत पुलिस को फोन किया और पूरी घटना बताई. कुछ ही देर में पुलिस आ गई. उन्होंने घर की जांच-पड़ताल की और गुप्ता जी से सारी जानकारी ली. आस-पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ की गई, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चला. इस घटना से पूरे मोहल्ले में खलबली मच गई. हर कोई अपने घरों की चिंता करने लगा. कई लोग तो रातभर पहरा देने लगे.
इस घटना के बाद से मेरा गुप्ता जी के प्रति लगाव और भी बढ़ गया। मैं अक्सर उनके घर जाकर उनसे मिलता और उनका हाल-चाल पूछता। मैंने उन्हें अपने घर का अतिरिक्त चाबी भी दे दी, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में मेरे घर आ सकें। कुछ दिनों बाद पुलिस को चोरों का सुराग मिल गया। उन्हें पकड़कर कानूनी कार्रवाई की गई। गुप्ता जी का चुराया हुआ सामान भी वापस मिल गया।
ये घटना मेरे लिए एक सीख बन गई. इसने मुझे ये सिखाया कि हमें कभी भी अपनी सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए. घरों को हमेशा अच्छे से बंद रखना चाहिए और आस-पड़ोस के लोगों के साथ संपर्क बनाकर रहना चाहिए.
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