भारतीय ज्योतिषी पर निबंध। Essay on Astrologer in Hindi : ज्योतिषी भारतीय कस्बों और गांवों में पाये जाते हैं। भारतीय ज्योतिषी अपने कार्य का स्थान बहुत सावधानी से चुनते हैं। साधारण ग्राम निवासी, मजदूर, औरतें, अशिक्षित लोग और हमारे समाज के अंधविश्वासी लोग इसके ग्राहक होते हैं। इसलिए ज्योतिषी सड़क के किनारे बैठता है। वह अपने कार्य का स्थान व्यस्त सड़क पर छायादार स्थान को चुनते हैं। वह अक्सर पेड़ के नीचे बैठते हैं। कभी-कभी ज्योतिषियों का उत्तर बहुत अस्पष्ट और न समझने वाला होता है। कुछ भी हो जाये, ज्योतिषी कभी गलत नहीं हो सकते। वह कभी भी लोग को ऐसी बाते नहीं बताते जिसे वे सुनकर द:खी हो जायें। वे अन्यों को हमेशा उत्साहित करते हैं। यही कारण है कि लोग उन्हें पसन्द करते हैं और इसके लिए वे उन्हें रुपये भी देते हैं।
भारतीय ज्योतिषी पर निबंध। Essay on Astrologer in Hindi
प्रस्तावना- ज्योतिषी भारतीय कस्बों और गांवों में पाये जाते हैं। वह अपने वस्त्र और प्रकृति से सरलता से पहचान लिये जाते हैं। वह पगड़ी, धोती और कुर्ता पहनता है। उसके वस्त्र सामान्यत: फटे हुए या घिसे हुए होते हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो बहुत दिनों से पहन रखे हों। उसके माथे पर एक बड़ा सा सिन्दूर का टीका होता है जो कि उसे धार्मिक व्यक्ति प्रदर्शित करता है। अधिकतर ज्योतिषी सड़क के किनारे बैठे मिल जाते हैं।
ज्योतिषी और उसके ग्राहक- भारतीय ज्योतिषी अपने कार्य का स्थान बहुत सावधानी से चुनते हैं। साधारण ग्राम निवासी, मजदूर, औरतें, अशिक्षित लोग और हमारे समाज के अंधविश्वासी लोग इसके ग्राहक होते हैं। इसलिए ज्योतिषी सड़क के किनारे बैठता है। वह अपने कार्य का स्थान व्यस्त सड़क पर छायादार स्थान को चुनते हैं। वह अक्सर पेड़ के नीचे बैठते हैं। वह नगर निगम के बिजली के खंभे के पास तथा फेरी वाले के पास बैठना भी पसन्द करता है।
भविष्य बताने के तरीके- कुछ ज्योतिषी मस्तक देखकर ही भविष्य बताने का दावा करते हैं तो कुछ टैरो कार्ड देखकर भविष्य बताते हैं। अक्सर भारतीय ज्योतिषी एक हस्तरेखा शास्त्री भी होता है। वह अपने साथ कुछ बड़े प्रिन्ट भी रखता है जिससे वह आसानी से हथेली पड़ सके। उसका हाथ पढने का मूल्य बहुत कम होता है। वह 1 रुपये से 10 रुपये तक ही लेता है।
मानवीय प्रकृति का अध्ययन- वह किसी भी मनुष्य की प्रकृति का अध्ययन करने में निपुण होते हैं। वह मानव प्रकृति को पढ़ सकने वाला बुद्धिमान न्यायाधीश होता है। वह मानव मनोविज्ञान का भी विद्यार्थी होता है। वह बहुत कम शब्दों का विनिमय कर ही अपने ग्राहक की आवश्यकता और समस्याओं को समझ लेता है। वह स्वयं अधिक बात नहीं करता है लेकिन अन्यों को बात करने के लिए उत्साहित करता है। वह ऐसा इसलिए करता है कि वे जितना अधिक बोलेंगे वह उन्हें उतना ही अधिक समझ पायेगा। इस प्रकार वह उन्हें उनके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए तैयार रहता है और उनके उज्ज्वल भविष्य के बारे में बताता है। जवान स्त्री यह जानना चाहती है कि उसका विवाह कब होगा और उसे विवाह के बाद पुत्र कब मिलेगा? वृद्ध स्त्रियाँ यह जानना चाहती हैं कि उनके पुत्र और पुत्री का विवाह कब होगा और उनके पति उन्हें प्रेम क्यों नहीं करते। यदि वह पुरुष है तो वह अपनी उन्नति, भविष्य, धन इत्यादि के बारे में जानना चाहेगा।
अस्पष्ट उत्तरों का सिद्धान्त- कभी-कभी ज्योतिषियों का उत्तर बहुत अस्पष्ट और न समझने वाला होता है। कुछ भी हो जाये, ज्योतिषी कभी गलत नहीं हो सकते। वह कभी भी लोग को ऐसी बाते नहीं बताते जिसे वे सुनकर द:खी हो जायें। वे अन्यों को हमेशा उत्साहित करते हैं। यही कारण है कि लोग उन्हें पसन्द करते हैं और इसके लिए वे उन्हें रुपये भी देते हैं।
उपसंहार- अनेक लोग इनको तुच्छ मानते हैं और इनकी निन्दा करते हैं। अनेक लोग हैं जो इनको धोखेबाज और पाखण्डी मानते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि उन्हें नक्षत्रों का कोई ज्ञान नहीं होता और वह विश्वासी, सीधे-सादे लोगों को धोखा देते हैं। ऐसे लोगों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हमारी राय में ज्योतिषी ईमानदार व्यक्ति है जो अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करके अपनी जीविका कमाता है जैसे कि अन्य करते हैं। वह नक्षत्रों के बारे में कुछ नहीं जानता लेकिन मानव प्रकृति के बारे में बहुत कुछ जानता है। मानव की प्रकृति को जानना भी एक बुद्धिमत्ता है जो वह करता है।
क्या बकवास है ये। ज्योतिष शास्त्र एक जाँचा परख विज्ञान है और आप इसे इस प्रकार से प्रस्तुत कर रहे हैं।शर्म आनी चाहिए।अपनी ही संस्कृति का ऍम6 करते हो।
ReplyDelete