बालक के विकास को प्रभावित करने वाले तत्व: बालक के विकास को प्रभावित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं- 1. परिवार में स्थान, 2. आर्थिक स्थिति, 3. संस्कृति,
विकास को प्रभावित करने वाले तत्व (कारक) बताइए ।
बालक के विकास को प्रभावित करने वाले तत्व: बालक के विकास को प्रभावित करने वाले तत्व निम्नलिखित हैं- 1. परिवार में स्थान, 2. आर्थिक स्थिति, 3. संस्कृति, 4. पोषण, 5. सूर्य का प्रकाश, 6. वायु, 7. रोग तथा चोट, 8. प्रजाति, 9. धर्म, 10. लिंग-भेद और 11. निर्देशन।
1. परिवार में स्थान - पहली सन्तान को परिवार में बहुत सुविधा मिलती है और बाद की सन्तानों को कम सुविधा मिलती है। इसीलिए पहली सन्तान का विकास अच्छी तरह होता है।
2. आर्थिक स्थिति - जिस परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है उन बालकों का विकास निर्धन परिवार की अपेक्षा अधिक अच्छा होता है।
3. संस्कृति - व्यक्ति के मानसिक एवं सामाजिक विकास का प्रभाव समाज की संस्कृति अर्थात् रहन-सहन, शिक्षा सभ्यता, साहित्य, विज्ञान, कला आदि पर अधिक होता है।
4. पोषण - यदि बालक को भोज्य एवं पेय पदार्थ अच्छा मिलता है तो उसके शरीर के अंगों का विकास भी अच्छी तरह होता है।
5. सूर्य का प्रकाश - सूर्य का प्रकाश भी वायु के समान बालक के विकास के लिये आवश्यक होता है।
6. वायु - स्वस्थ शरीर एवं जीवन के लिये शुद्ध वायु की जरूरत होती है। बालक के विकास पर इसका बहुत प्रभाव पड़ता है।
7. रोग तथा चोट - बालक के विकास पर रोग और चोट का भी बहुत असर पड़ता है। इससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से अशान्त रहता है।
8. प्रजाति - प्रजाति का भी प्रभाव बालक के विकास पर अधिक पड़ता है । अनुसूचित जनजातियों का विकास अपने देश में अन्य लोगों से कम होता है। अमरीका, इंग्लैण्ड आदि देशों का विकास भारतीयों से अधिक होता है। इसका कारण प्रजाति ही है ।
9. धर्म - धर्म के अनुसार आचरण करने से विकास अधिक होता है। विकास में धर्म का बहुत बड़ा स्थान होता है।
10. लिंग-भेद - बालक-बालिकाओं के विकास में लिंगीय भेद भी बहुत महत्व रखता है । बालक-बालिकाओं का विकास अलग-अलग होता है। शुरू में बालिकायें तेजी से बढ़ती हैं बाद में कम | परन्तु 14-15 वर्ष के बाद बालकों का विकास तीव्र गति से होता है ।
11. निर्देशन - बालक के विकास के लिये उचित ढंग से निर्देशन भी आवश्यक है। इससे उसका विकास थोड़े से परिश्रम से एवं थोड़े समय में अधिक हो जाता है।
12. अभिप्रेरण - अभिप्रेरण का प्रभाव भी बलाक के विकास पर अधिक होता है। पुरस्कार पाने के लिये बालक कार्य करने के लिये आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं इसका प्रभाव बालक के शारीरिक एवं मानसिक विकास, दोनों पर पड़ता है।
13. बुद्धि - यह विकास शारीरिक एवं मानसिक दोनों प्रकार का होता है। अधिक बुद्धि वालों का विकास तीव्र होता है और कम बुद्धि वालों का विकास धीमा होता है।
14. अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ - बालक के शरीर में कुछ अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ होती हैं, जिनका स्राव विकास को प्रभावित करता है, जैसे- थायरॉइड ग्रन्थि का स्राव शरीर के बढ़ने को रोकता है।
COMMENTS