आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व (Importance of Education in Modern Era in Hindi) - आधुनिक युग में परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहे हैं। इस तेजी से बदलते सम
आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व (Importance of Education in Modern Era in Hindi)
आधुनिक युग में परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहे हैं। इस तेजी से बदलते समाज व हालात में शिक्षा से अर्जित अनुभव के माध्यम से ही हम अपने सामने आने वाली चुनौतियों को निपटा पाते हैं। यह हमें हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्याओं को सुलझाने का उचित तरीका हमें बताती है। शिक्षा का महत्व आधुनिक युग में हमारे जीवन के हर पहलू पर है जिसका वर्णन निम्नलिखित शीर्षकों में किया गया है।
1. समग्र व्यक्तित्व विकास- यह हमारा सर्वोन्मुखी विकास करती है जिसमें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहलू आते हैं ।
2. वयस्क जीवन के लिए तैयार करना - बड़े होने के साथ-साथ हमें जीवन में अनेकानेक कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा हमें उनसे जूझना और विजय प्राप्त करना सिखाती हैं ।
3. व्यवहार में परिवर्तन - शिक्षा हमारे आवेगों में परिवर्तन ला कर हमें तर्कपूर्ण और परिष्कृत बनाती है । हमारे व्यवहार भाषा को अधिक प्रभावी व मजबूत बनाती है।
4. सामाजिक विकास और सामाजिक कल्याण - शिक्षा के द्वारा बच्चे में सामाजिक विकास होता है । वह सीखता है कि उसे किस प्रकार अपने माँ-बाप, भाई-बहन व मित्रों से व्यवहार करना चाहिए । शिक्षित होने पर वह समाज कल्याण की ओर भी अग्रसर होता है ।
5. संस्कृति एवं सभ्यता का परिरक्षण- सभी देश अपनी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यता के द्वारा ही जाने जाते हैं और इसे जीवित रखने का पुरजोर प्रयत्न करते हैं। शिक्षा ही बच्चे को इससे अवगत कराती है और इसका महत्व समझाती है।
6. नेतृत्व की क्षमता - नेतृत्व का अर्थ है दूसरों को साथ लेकर एक उद्देश्य की तरफ चलना । शिक्षा के द्वारा ही उसमें यह कला पनपती है और लोकतांत्रिक देश में प्रगति व विकास तभी संभव है जब देश की बागडोर सही, प्रतिबद्ध नेता के हाथ में हो ।
7. राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को प्रोत्साहन - शिक्षा के माध्यम से ही हममें विभिन्न रीति-रिवाजों, जातियों के बीच भी देश प्रेम की भावना पनपती है । हम समझते हैं कि हम एक होकर अधिक मजबूत व समृद्ध होंगे।
8. आर्थिक निर्भरता - शिक्षा ग्रहण करके ही हम आर्थिक रूप से सम्पन्न व आत्मनिर्भर बनते हैं ।
9. धर्म निरपेक्षता व धार्मिक सहिष्णुता को प्रोत्साहन - भारत में विभिन्न धर्म, जातियों, नस्लों के लोग रहते हैं । शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् ही उनमें प्रगतिशीलता, खुलेपन, बुद्धिमत्ता एवं धार्मिक सहिष्णुता की भावना आती है।
10. आधुनिकीकरण से कदम मिलाना - शिक्षा बच्चे को बदलते समाज का सामना करने के योग्य बनाती है । किस प्रकार बदलते परिवेश में अपने को परिवर्तित कर तालमेल व समायोजन बनाये व आधुनिक युग में अपने आप को ढाल सके।
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