एडमंड हैली का जीवन परिचय Edmond Halley Biography in Hindi एडमंड हैली ब्रिटिश खगोलशास्त्री थे, जो धूमकेतुओं (Comets) के अध्ययन की अपनी खोजी पहल के लिये याद किए जाएंगे। वह यह पता लगाने वाले पहले व्यक्ति थे कि धूमकेतु भी आकाशीय वस्तुएं हैं, अचानक प्रकट होते और गायब होते हैं। उन्होंने पता लगाया कि वे कहां जाते हैं और कैसे आकाश में पुन: प्रकट होते हैं। हैली का जन्म 1656 में हुआ। बहुत शुरूआत से ही वह आकाशीय वस्तुओं के प्रति आकर्षित थे। जैसे-जैसे बड़े हुए, उनका जिज्ञासु मस्तिष्क आकाशीय वस्तुओं के बारे में जानने के लिये और उत्सुक हो गया। 17 वीं सदी तक खगोलशास्त्र काफी विकसित हो गया था। खगोलशास्त्री विभिन्न ग्रहों, उपग्रहों, तारों आदि को ढूंटने में व्यस्त थे, लेकिन हैली धूमकेतु के रहस्य पता लगाने के लिये बहुत परेशान थे।
एडमंड हैली का जीवन परिचय Edmond Halley Biography in Hindi
इंग्लैंड : ब्रिटिश
खगोलशास्त्री
जन्म : 8 नवंबर, 1656,
ईसवी
मृत्यु : 14 जनवरी, 1742 ईसवी
एडमंड
हैली ब्रिटिश खगोलशास्त्री थे, जो धूमकेतुओं (Comets)
के अध्ययन की अपनी खोजी पहल के लिये याद किए जाएंगे। वह यह पता लगाने वाले पहले
व्यक्ति थे कि धूमकेतु भी आकाशीय वस्तुएं हैं, अचानक
प्रकट होते और गायब होते हैं। उन्होंने पता लगाया कि वे कहां जाते हैं और कैसे
आकाश में पुन: प्रकट होते हैं।
हैली
का जन्म 1656 में हुआ। बहुत शुरूआत से ही वह आकाशीय वस्तुओं
के प्रति आकर्षित थे। जैसे-जैसे बड़े हुए,
उनका जिज्ञासु मस्तिष्क आकाशीय वस्तुओं के बारे में जानने के लिये और उत्सुक
हो गया। 17 वीं सदी तक खगोलशास्त्र काफी विकसित हो गया था।
खगोलशास्त्री विभिन्न ग्रहों, उपग्रहों,
तारों आदि को ढूंटने में व्यस्त थे, लेकिन हैली धूमकेतु के रहस्य पता
लगाने के लिये बहुत परेशान थे।
हैली
ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी में खगोलशास्त्र के प्रोफेसर थे। उन्होंने व्यापक रूप
से चौबीस धूमकेतुओं का अध्ययन किया। जो पहला धूमकेतु ढूंढा गया और जिसका अध्ययन
किया गया, उसका नाम उनके नाम पर ‘हैला
कॉमेट’ रखा गया।
हैली
लगातार आगे बढ़ते रहे और न्यूटन के अनुसंधानों में भी उनकी सहायता की। वह अत्यंत
प्रतिभावान थे और अपने मित्र न्युटन को उनके द्वारा लिखी पुस्तक ‘प्रिंसिपिया’को
प्रकाशित करने केलिये मना लिया। हैली पहले वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने वह घोषणा की कि ‘हैली कॉमेट’
हर 76 वर्ष बाद दिखेगा। उन्होंने यह स्थापित किया कि
धूमकेतु भी तारों की तरह घूर्णन करने वाली आकाशीय वस्तुएं हैं और सौरमंडल में
सूर्य के आसपास चक्कर लगाते हैं। उनकी मृत्यु 1742 में
हुई।
COMMENTS