वित्तीय समावेशन निबंध। Financial Inclusion Essay in Hindi for UPSC. वित्तीय समावेशन विगत कुछ वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था का एक चर्चित शब्द बना हुआ है। आर्थिक उदारीकरण एवं अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण के इस युग में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासशीलता का लाभ समाज के निर्धनतम व्यक्ति तक पहुंचे और वह भी आर्थिक विकास में भागीदार बने यही वित्तीय समावेशन का मूल आधार होना है। आर्थिक विकास की मुख्यधारा में सबको सम्मिलित करना जिससे आर्थिक विकास के लाभ से सभी लोग समान रूप से लाभान्वित हो सकें को समावेशी विकास कहा जाता है। वस्तुत: यह एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न वर्ग के लोग अपने को आर्थिक विकास से लाभान्वित महसूस करते हैं। सामान्यतया इसमें लक्षित वर्ग ग्रामीण तथा शहरी गरीब, लघु कृषक, अनुसूचित जाति, जनजाति के तथा अल्पसंख्यक समुदाय के निर्धन तथा वे लोग जो अभी तक आर्थिक विकास की सामान्य प्रक्रिया अथवा बाजार व्यवस्था पर आधारित विकास की सामान्य प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाये हैं।
वित्तीय समावेशन निबंध। Financial Inclusion Essay in Hindi for UPSC
वित्तीय समावेश : विकास का मूल आधार
वित्तीय समावेशी : भारत की तस्वीर
वित्तीय समावेशन: बैंकों की भूमिका
वित्तीय सहायता
- वित्तीय साक्षरता को बढ़ाया जाय। इसके लिए साक्षरता और जागरूकता हेतु कार्यक्रम चलाया जाय।
- बैंकों को दलालों व बिचौलियों के चंगुल से मुक्त किया जाय।
- ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतम निवासियों को किसान क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता समूह, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम तथा अन्य विकास योजनाओं से जोड़ा जाय।
- आधारभूत आवश्यक वस्तुओं तक सभी की पहुंच को सुनिश्चित किया जाय।
- शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी के लिए रोजगार के अवसरों की वृद्धि की जाय।
- शिक्षा स्वस्थ्य, आवास तथा खाद्य सुरक्षा पर अधिक सार्वजनिक व्यव किया जाय।
- आधारभूत बैंकिंगसे सभी को परिचित कराया जाय। इसके लिए व्यापक कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।
- बैंकों द्वारा लिंकेज कार्यक्रम शुरू किया जाय तथा प्रत्येक गांव के सभी वयस्कों को बैंक से जोड़ा जाय।
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