महात्मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना (एमजीपीएसवाई) : प्रवासी भारतीय कामगार ज्यादातर ईसाआर देशों के निवासियों को उपलब्ध होने वाले औपचारिक सामाजिक सुरक्षा लाभ के दायरे से बाहर रखे जाते हैं। भारत सरकार ने समावेशी विकास के प्रति टिकाऊ और गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शिता की है और आमदनी को बेहतर बनाने तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने एवं अपने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा तक समान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। हालांकि अभी तक ऐसा कोई तंत्र नहीं था। जो प्रवासी भारतीय कामगारों को ऐसी पहल से लाभ दिला सके।
महात्मा गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना (एमजीपीएसवाई)
खाड़ी देशों में तकरीबन
50 लाख भारतीय नागरिक ईसीआर (इमिग्रेशन चौक रिक्वायर्ड) पासपोर्ट्स पर अस्थायी
रोजगार/अनुबंधवीजा पर काम कर रहे हैं। ऐसा देखा गया है कि प्रवासी भारतीय कामगारों
द्वारा देश में अपने परिवारों को समय पर भेजी गई उनकी कमाई की राशि कभी-कभार ही
बचत के रूप में जमा कराई जाती है और अक्सर उसका इस्तेमाल उनके परिवारों के
रोजमर्रा के खर्च को अस्थायी तौर पर बेहतर बनाने में कर लिया जाता है। परिणामस्वरूप
विदेशों में कार्यरत बहुसंख्य भारतीय कामगारों के भारत लौटने और उनके ज्यादा
वृद्धि होने पर गरीबी के खतरे का सामना करना पड़ता है।
प्रवासी भारतीय कामगार
ज्यादातर ईसाआर देशों के निवासियों को उपलब्ध होने वाले औपचारिक सामाजिक सुरक्षा
लाभ के दायरे से बाहर रखे जाते हैं। भारत सरकार ने समावेशी विकास के प्रति टिकाऊ
और गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शिता की है और आमदनी को बेहतर बनाने तथा रोजगार के अवसर
उपलब्ध कराने एवं अपने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा तक समान पहुंच उपलब्ध कराने
के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। हालांकि अभी तक ऐसा कोई तंत्र नहीं था। जो प्रवासी
भारतीय कामगारों को ऐसी पहल से लाभ दिला सके।
इस संदर्भ में प्रवासी
भारतीय मामलों के मंत्रालय ने ईसीआर देशों के प्रवासी भारतीय कामगरों के लिए महात्मा
गांधी प्रवासी सुरक्षा योजना (एमजीपीएसवाई) नाम की विशेष सामाजिक सुरक्षा योजना
शुरू की है। इस योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया। यह एक स्वैच्छिक
योजना है जिसका लक्ष्य कामगारों को अपनी तीन प्रमुख मांगो को पूरा करने के लिए
प्रोत्साहित करना और सक्षम बनाना है। यह योजना एनपीएस-लाइट (राष्ट्रीय पेंशन
योजना) के माध्यम से उन्हें वृद्धावस्था के लिए पेंशन बचाने,
उनकी वापसी और पुरर्वास के लिए बचत करने तथा नि:शुल्क जीवन बीमा कवर हासिल करने
में मदद करती है, मत्रालंय भी पांच साल की अवधि तक अथवा कामगारों
की भारत वापसी तक, जो भी पहले हो, इस योजना में
सह-योजदान देगा।
वृद्धावस्था पेंशन
यह योजना कामगारों को
उनकी वृद्धावस्था के लिए बचत करने में मदद करेगी है। वृद्धावस्था बचत का प्रबंधन
विश्वसनीय सार्वजनिक क्षेत्र पेंशन निधि द्वारा किया जाएगा। कामगार को जहां अपने
पेंशन खाते में 1000 रुपये से 1200 रुपये तक की राशि जमा करेगा,
वहीं कामगार के पुरुष होने पर 1000 रुपये और महिला होने पर 2000 हजार रुपयेका
सह-योगदान एनपीएस लाइट खाते में मंत्रालय द्वारा जमा कराया जाएगा है।
रिटर्न और रिसेटलमेंट
बचत
कामगारों की भारत में
वापसी पर तत्काल उनकी धन की जरूरत को पूरा करने के लिए रिटर्न और रिसेटलमेंट के
रूप में एक वैकल्पिक होगी। यह योजना एक छोटे समय में पुनर्वास संबंधी व्ययों को
पूरा करने में और धन की बचत करने में मदद करेगी। इस योजना में कामगार द्वारा 4000
रुपये के निवेश के बाद मंत्रालय की ओर से उनके इस खाते में 900 रुपये का योगदान
किया जाएगा है।
बीमा सुरक्षा
इस योजना के अधीन
पंजीकृत प्रवासी भारतीय कामगार को मुफ्त में जीवन की सुरक्षा मिलेगा जो ईएीआर देश
में कार्यरत रहने तक लागू होगी।
एमजीपीएसवाई में
मंत्रालय का योगदान
यदि कोई कामगार 5000
रुपये प्रति वर्ष अंशदान देता है तो पूरी योजना के लिए महिला कामगार के मामले के
मंत्रालय की ओर से 3000 रुपये का योगदान और पुरुष कामगार के मामले में 2000 रुपये
योगदान किया जाता है। मंत्रालय का योगदान इस योजना में उपभोक्ता द्वारा आवश्यक
अंशदान की शर्त पर आधारित है। यह योगदान कम से कम 5 वर्ष अथवा नियोजना की अवधि के
लिए, जो भी पहले हो, लागू होगा।
ईसीआर पासपोर्ट धारक और
18 से 50 वर्ष के बीच उम्र वाला प्रवासी भारतीय कामगार जो रोजगार/अनुबंध वीजा पर
है, वह इस योजना में शामिल होने का पात्र है। मंत्रालय ने पात्र
प्रवासी भारतीय कामगारों को इस योजना से लाभान्वित के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम
और बैंक ऑ बड़ौदा को अधिकृत किय ह। बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय जीवन बीमा निगम पात्र
उपभोक्ताओं को एमजीपीएसवाई खाता खोलने में मदद करेंगे और इन्हें अनेक सेवांए
प्रदान करेंगे।
इस योजना में भागीदारी
के लिए प्रवासी भारतीय कामगारों को प्रोत्साहित करने,
उन्हें सक्षम बनाने और उनकी सहायता करने के उद्देश्य से एक सुरक्षित और संस्थागत
कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रवासी भारतीय कामगारों को इस योजना के प्रति व्यापक
तौर पर स्वैच्छिक पंजीकरण, नियमित बचत और पेंशन संचचन आदि के लिए प्रोत्साहित
किया जाता है।
पात्र कामगार भारत स्थित
प्रवासी संरक्षक (पीओई) के कार्यालय में अथवा ईसीआर देशों में अधिकृत एग्रीगेटर के
कार्यालय स्थित विशेष सहायता डेस्क में एमजीपीएसवाई खाता खोल सकता है। ईसीआर
देशों में भारतीय कामगारों को इस योजना में शामिल होने के लिए सक्षम बनाने के क्रम
में मंत्रालय शीघ्र ही प्रवासी सुरक्षा योजना पंजीकरण केन्द्र शुरू करने जा रहा
है जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से शुरू होगा।
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