अर्नेस्ट हेमिंग्वे की जीवनी। Biography -Jivani of Ernest Hemingwa in Hindi
नाम : अर्नेस्ट हेमिंग्वे
जन्म : 21 जुलाई 1899
अर्नेस्ट हेमिंग्वे का जन्म इलिनोइस के ओक पार्क में हुआ था। उनका पूरा नाम अर्नेस्ट मिलर हेमिंग्वे (Ernest Miller Hemingway) था। अर्नेस्ट हेमिंग्वे एक महान अमेरिकन उपन्यासकार तथा कहानीकार थे। उन्होंने इलिनोइस के एक पब्लिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। 1917 में स्नातक के बाद कानसास सिटी स्टार समाचार पत्र में पत्रकार बन गये, लेकिन उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान इटली में एंबूलेंस ड्राइवर के रूप में अपनी सेवाएं देने के लिये नौकरी छोड़ दी। बाद में उनका तबादला इटली की पैदल सेना में कर दिया गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गये।
युद्ध के बाद जब हेमिंग्वे टोरंटो स्टार के लिये संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे थे, तब पैरिस में बस गये। इसी दौरान प्रवासी अमेरिकी लेखक इजरा पाउंड और गेरट्यूड स्टेन ने उन्हें सृजनात्मक कार्य के लिये प्रेरित किया। 1927 के बाद हेमिंग्वे ने लंबा समय की वेस्ट, फ्लोरिडा, स्पेन और अफ्रीका में बिताया। स्पेन और अफ्रीका में बिताया। स्पेन में एक समाचार-पत्र के संवाददाता के रूप में वापस आ गये। द्वितीय विश्वयुद्ध में वह फिर से एक संवाददाता थे और बाद में संयुक्त राष्ट्र की पहली सेना के लिये पत्रकार बने। युद्ध के बाद हेमिंग्वे क्यूबा में हवाना के पास बस गये। 1958 में वह केटचुम, इडाहो चले गये।
हेमिंग्वे के रोमांचक जीवनने कई बार उन्हें मौत के करीब पहुंचा दिया। स्पेन के गृहयुद्ध में एक गोला उनके होटल के कमरे के अंदर फट गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्लैक आउट के कारण वह एक टैक्सी से टकरा गये और 1954 में अफ्रीका में उनका एयरोप्लेन हादसे का शिकार हो गया।
हेमिंग्वे के प्रारंभिक कार्यों में लघु कथाओं का संकलन थ्री स्टोरीज एंड टेन पोयम्स (1923), इन अवर टाइम (1924), कहानियां, जो उत्तरी मिशिगन के जंगलों में एक युवा के रूप में उनके अनुभवों का वर्णन करती हैं और विनर टेक नथिंग भी कहानियां हैं, जो उन लोगों की विशेषताएं बताती हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण हालात में फंसे हैं।
द एन ऑल्सो राइजेज (1926), वह उपन्यास था, जिसने हेमिंग्वे की प्रतिष्ठा को स्थापित कर दिया। हेमिंग्वे महत्वपूर्ण उपन्यास था ए फेयरवेल टू द आर्म्स (1929) यह एक प्रेम कहानी थी, युद्ध के दौरान इटालियन एम्बूलेंस सेवा में कार्यरत एक अमेरिकी अधिकारी और एक ब्रिटिश नर्स की।
हेमिंग्वे ने शुरूआती लेखन में असहायता और पराजय को विषय-वस्तु के रूप में उपयोग किया था, लेकिन 1930 के अंत में उनका लेखन सामाजिक समस्याओं के प्रति उनके सरोकारों को प्रतिबिंबित करने लगा। उनका उपन्यास टू हैव एंड हैव नॉट (1937) और नाटक द फिफ्थ कॉलम और द फर्स्ट फोर्टी नाइन स्टोरीज (1938) जोरदार ढंग से आर्थिक और राजनीतिक अन्याय की निंदा करते हैं। उनका कालजयी उपन्यास फॉर हूम द बेल टॉल्स (1940) यह दृष्टिकोण अभिव्यक्त करता है कि विश्व में कहीं भी स्वतंत्रता को खोना, हर जगह स्वतंत्रता को एक खतरा है।
1952 में हेमिंग्वे एक सशक्त लघु उपन्यास द ओल्डमैन एंड द सी प्रकाशित हुआ, यह एक बूढ़े मछुआरे और उसके संघर्षों की कहानी थी। इस कार्य ने उन्हें 1953 का साहित्य का पुलित्जर पुरस्कार दिलाया। 1954 में उन्हें नोबल पुरस्कार मिला। हेमिंग्वे की अंतिम कृति कलेक्टेड पोयम्स थी।
मृत्यु के बाद उनकी जो रचनाएं प्रकाशित हुईं, उनमें ए मुविएबल फीस्ट (1964), पैरिस में उनके शुरूआती वर्षों का विवरण बाइलाइन: अर्नेस्ट हेमिंग्वे (1967), उनके समाचार-पत्रों में प्रकाशित कुछ चयनित लेख, एक अधूरा उपन्यास द गार्डन ऑफ ईडन (1986), टू एट फर्स्ट लाइट (1999), इसे उनके पुत्र पैट्रिक ने संपादित किया था
1961 में उन्होंने आत्महत्या कर ली।
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