च्यांग काई शेक का जीवन परिचय। Chiang Kai-shek Biography in Hindi : च्यांग काई शेक ताईवान के सबसे प्रभावी राष्ट्रवादी नेता थे। वह महान क्रांतिकारी नेताओं के समूह और चीन के प्रथम राष्ट्रपति, डॉ. सनयात सेन, जिन्होंने 1891 में राष्ट्रवादी पार्टी की स्थापना की थी, के मुखिया थे। चियांग ने 1911 की चीनी क्रांति में भी भाग लिया था। च्यांग का जन्म 1887 में सिकियांग प्रांत के चिकोउ (Xikou) नामक कस्बे में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने सिकियांग में ही अपनी पढ़ाई पूरी की। वह सेना में भर्ती हो गये। बचपन से ही उनमें साहस और ईमानदारी के गुण दिखाई देते थे। धीरे-धीरे अपनी देश-भक्ति की विशेषताओं के कारण सेना में उनकी रुचि और विश्वास बढ़ता गया। इस विश्वास ने चियांग को अच्छे नेता के रूप में गढ़ने में सहायता की।
च्यांग काई शेक का जीवन परिचय। Chiang Kai-shek Biography in Hindi
नाम : च्यांग काई शेक
जन्म : 31 अक्टूबर 1887
राष्ट्रीयता : चीन गणराज्य
मृत्यु : 5 अप्रैल 1975
च्यांग काई शेक ताईवान के सबसे प्रभावी राष्ट्रवादी नेता थे। वह महान क्रांतिकारी नेताओं के समूह और चीन के प्रथम राष्ट्रपति, डॉ. सनयात सेन, जिन्होंने 1891 में राष्ट्रवादी पार्टी की स्थापना की थी, के मुखिया थे। चियांग ने 1911 की चीनी क्रांति में भी भाग लिया था।
च्यांग का जन्म 1887 में सिकियांग प्रांत के चिकोउ (Xikou) नामक कस्बे में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने सिकियांग में ही अपनी पढ़ाई पूरी की। वह सेना में भर्ती हो गये। बचपन से ही उनमें साहस और ईमानदारी के गुण दिखाई देते थे। धीरे-धीरे अपनी देश-भक्ति की विशेषताओं के कारण सेना में उनकी रुचि और विश्वास बढ़ता गया। इस विश्वास ने चियांग को अच्छे नेता के रूप में गढ़ने में सहायता की।
उन्होंने खुद को एक योग्य सेनाध्यक्ष के रूप में साबित किया, जिसने विद्रोह दबाने और चीन के एकीकरण में सफलता प्राप्त की। 1925 में डॉ. सनयात सेन की मृत्यु के बाद चियांग राष्ट्रवादी पार्टी के मुखिया बन गये। 1928 में चीन में एक नई राष्ट्रीय सरकार का गठन किया। धीरे-धीरे एक और राजनीतिकदल शक्तिशाली होने लगा। अत: चियांग को चीन के साम्यवादियों से सामना करना पड़ा। कुछ समय बाद चियांग ने देखा की उनकी शक्ति कमजोर पड़ रही है। 1936 में साम्यवादियोंने उन्हें पकड़ लिया।
जल्दी ही साम्यवादियों ने जापानी आक्रमणकारियों से लड़ने के लिये चियांग को छोड़ दिया। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की पराजय हुई, लेकिन चीन में चियांग की सेना और साम्यवादियों के बीच गृह-युद्ध छिड़ गया। च्यांग माओ त्से-तुंग के सामने बुरी तरह पराजित हुआ और चीन से भागना पड़ा। उन्होंने ताईवान में शरण ली। वहां एक स्वतंत्र सरकार की स्थापना की और शसन किया।
1975 में इस साहसी नेता की मृत्यु हो गई।
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