Indian Atomic Policy in Hindi भारतीय आणविक नीति का वैश्विक दृष्टिकोण : पं० जवाहर लाल नेहरू ने परमाणु अस्त्रों द्वारा उत्पन्न खतरे को एक प्रमाणिक विभिषिका मानते थे और उनका विश्वास था कि भारत परमाणु ऊर्जा का विकास शांतिपूर्ण कार्यों के लिए करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुए 1948 में भारतीय परमाणु नीति की घोषणा करते हुए कहा कि ‘भारत परमाणु शक्ति वाला शांतिपूर्ण राष्ट्र बनेगा इस नीति की उत्पत्ति ‘गांधीवादी परम्परा और अहिंसा के आदर्शों से हुई थी। जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अंग था। इस नीति में ‘स्वतंत्र तथा शांतिपूर्ण’ परमाणु शक्ति के विकास की भावना समाहित थी इसी लक्ष्य को पं० नेहरू जी ने जीवनपर्यन्त निभाया था। लेकिन चीन के द्वारा 16 अक्टूबर 1964 को चीन ने अपना पहला परमाणु विस्फोट किया इसी पर प्रतिक्रिया स्वरूप श्री लाल बहादुर शास्त्री ने कहा-मेरा यह विचार नहीं है कि, वर्तमान परमाणु शक्ति सम्बन्धी शांतिवादी नीति की जड़े बहुत गहरी है और उसमें परिवर्तन नहीं होगा। वास्तव में यही से भारत ने परमाणु बम सम्बन्धी नीति पर विवाद शुरू हुआ तथा 24 अक्टूबर 1964 को ही डॉ० भाभा ने कहा कि भारत को परमाणु बम बनाना पड़ेगा चीन की नीतियों और उसके द्वारा पूर्व में किए गए विश्वासघात को देखते हुए यह आवश्यक है
Indian Atomic Policy in Hindi भारतीय आणविक नीति का वैश्विक दृष्टिकोण
- भारत-पाक-चीन
- भारत-दक्षिण एषिया-सम्पूर्ण विश्व (विकसित राष्ट्र)
- भारत एक न्यूनतम नाभिकीय निवाकर बनाए रखेगा।
- भारत की किसी खुले उद्देश्य के कार्यक्रम अथवा शस्त्री की किसी होड़ में शामिल होने की मांग नहीं है।
- भारती नाभिकीय हथियारों का पहले प्रयोग न करने और नाभिकीय हथियारों का पहले प्रयोग न करने और नाभिकीय हथियार सहित राष्ट्रों के विरूद्ध प्रयोगन करने की नीति का अनुमोदन करता है।
- भारत का नाभिकीय शस्त्रागार नागरिक अधिकार और नियंत्रण में है।
- एक राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई तथा इसे सामरिक प्रतिरक्षा की समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
- भारत निस्त्रीकरण सम्मेलन में सच्ची भावना से नाभिकीय हथियार तथा अन्य नाभिकीय विस्फोटक यंत्र के निर्माण के उद्देश्य से विखण्डनीय सामग्री के उत्पादन पर रोक लगाने के लिए एक संधि पर वार्ताओं में शामिल है।
- गैर परमाणु हथियार वाले देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा।
- भारत के खिलाफ या भारतीय बलों पर कहीं भी जैविक या रासायनिक हथियारों से हमला होने पर देश जवाबी परमाणु हमले का विकल्प का इस्तेमाल करेगा।
- परमाणु और प्रक्षेपास्त्र से सम्बन्धित सामग्री तथा प्रौद्योगिक के निर्यात पर कड़ा नियंत्रण, विखंडनीय सामग्री कटौती संधि में भागीदारी एवं परमाणु परीक्षणें पर स्वैच्छिका रोक जारी रखना शामिल है।
- भारत ने परमाणु हथियार मुक्त विश्व के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है तथा कहा कि वह प्रमाणित व भेदभाव रहित परमाणु निरस्त्रीकरण के जरिए यह लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- परमाणु हथियारों का नियंत्रण प्रधानमंत्री के अधीन किया गया।
- फ्रांस, रूस, आदि के साथ ऐसे समझौते करके भारतीय ऊर्जा सुरक्षा को विश्वसनीय और दृढ़ बनाना।
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद की पूर्ण समाप्ति के लिए उन सभी देशों विशेषकर U.S.A. इग्लैण्ड, रूस आदि से दृढ़ सहयोग करना तथा पकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बनाना कि वह अपनी आतंकवाद को सर्मथन देने की नीति का त्याग करे और अपनी धरती पर विद्यमान आंतकी संगठनों को बंद करे तथा सीमा पार आतंकवाद पर रोक लगाए।
- पूर्वी एशिया तथा एशिया के देशों के साथ अधिक आर्थिक सहयोग सम्बन्ध स्थापित करना।
- अफ्रीकी देशों के साथ सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सम्बन्धों के विकास को एक नई प्राथमिकता।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य करना।
- परमाणु नि:शस्त्रीकरण का पूर्ण समर्थन करना लेकिन NPT, CTBT जैसी अपूर्ण संधियों पर हस्ताक्षर न करना।
- समकालीन स्थिति में भारतीय परमाणु नीति को बनाए रखना और आवश्यक रूप में भारतीय परमाणु निवारक क्षमता को विकसित करना।
- विश्व आर्थिक मंदी का सामना करने के लिए उचित कदम उठाने और दूसरे राष्ट्रों के साथ अधिक व्यापक आर्थिक सम्बन्धों को विकसित करके भारतीय अर्थव्यवस्था को दृढ़ बनाना।
- विश्व में परमाणु प्रसार के रोकने के लिए अन्य देशो के साथ पूर्ण सहयोग करना।
- चीन व पाक के साथ विद्यमान सीमा सम्बन्धी झगड़े के निपटाने के लिए लगातार प्रयास करना।
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