स्वाभिमान योजना पर निबंध Swabhiman Yojna in Hindi : भारत की ग्रामीण और शहरी आर्थिक असमानता को खत्म करने के लिए केन्द्रीय सरकार और भारतीय बैंक संघ का एक अनूठा प्रयास है ‘स्वाभिमान’। ‘स्वाभिमान’ एक आर्थिक सुरक्षा कार्यक्रम है जिसे केन्द्र सरकार द्वारा 2000 से अधिक की आबादी वाली बस्तियों में मार्च, 2012 तक बैंकिंग सुविधा सुनिश्चित करने के लिए आरंभ किया गया। वित्तीय समावेशन का राष्ट्रीय स्तर का यह कार्यक्रम फरवरी 2011 में शुरू हुआ जिसका लक्ष्य समाज के वंचित वर्गों को बैंकिंग तंत्र से जोड़कर आर्थिक विकास के लाभ का फायदा हर एक को पहुंचाना सुनिश्चित करना था।
स्वाभिमान योजना पर निबंध Swabhiman Yojna in Hindi
भारत की ग्रामीण और शहरी आर्थिक असमानता को खत्म
करने के लिए केन्द्रीय सरकार और भारतीय बैंक संघ का एक अनूठा प्रयास है ‘स्वाभिमान’। यह अभियान सामाजिक-आर्थिक समानता के
लिए एब बड़ा कदम है और पहली बार इसके द्वारा वंचित भारतीय जनंसख्या को औपचारिक
बैंकिंग व्यवस्था में सम्मिलित किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने में
आधुनिक तकनीक की मदद ली जाएगी।
‘स्वाभिमान’ एक आर्थिक
सुरक्षा कार्यक्रम है जिसे केन्द्र सरकार द्वारा 2000 से अधिक की आबादी वाली बस्तियों
में मार्च, 2012 तक बैंकिंग सुविधा
सुनिश्चित करने के लिए आरंभ किया गया। वित्तीय समावेशन का राष्ट्रीय स्तर का
यह कार्यक्रम फरवरी 2011 में शुरू हुआ जिसका लक्ष्य समाज के वंचित वर्गों को
बैंकिंग तंत्र से जोड़कर आर्थिक विकास के लाभ का फायदा हर एक को पहुंचाना सुनिश्चित
करना था।
भारत जैसे विशाल देश में सभी इलाकों, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना स्वतंत्रता
के बाद से ही एक बड़ी चुनौती बना रहा है। यद्यपि राष्ट्रीकरण से भी ग्रामीण
क्षेत्रों में बैंकों का विस्तार हुआ। निजी क्षेत्र के बैंकों ने भी ग्रामीण
बैंकिंग व्यवस्था और ग्रामीण जीवन शैली बदलने में अहम भूमिका निभाई है। यह महसूस
किया गया कि ग्रामीण स्तर पर ग्राहकोन्मुखी बैंकिंग व्यवस्था हो जो ग्रामीणों
की पहुंच में और अधिकतम तीन से चार किलोमीटर के दायरे में हो। इसके लिए यह महत्वपूर्ण
है कि सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्रों में अच्छी सेवा देने वाली कंपनियों को
लगाया जाए। इससे न केवल बैंकों तक लोगों की पहुंच बढ़ेगी बल्कि सामाजिक सुरक्षा
लाभों या सरकार द्वारा दी जा रही छूट को सीधे लाभार्थियों को खाते में डाला जा
सकेगा, जहां से लाभार्थी अपने गांव के बैंक साथी की मदद से
पैसे निकाल सके।
इस अभियान से लघु एवं मध्यम किसानों को बैंकों
एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से न्यूनतम ब्याज दर ऋण लेने की सुविधा भी उपलब्ध
होगी। इससे किसान साहुकारों के शोषण से बचेंगे। सरकार का प्रयत्न है कि बैंक
लोगों को विशेषकर छोटे कर्जदारों को सेवा देने में जिम्मेदारी एवं समझ, शिष्टाचार एवं सम्मान के अभ्यास के तहत कार्य करें।
यह अभियान ग्राहकों विशेषकर कमजोरों के लिए
वित्तीय लेनदेन की परेशानी और कर्ज के अत्यधिक दबाव से बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण
है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इसका उद्देश्य वित्तीय क्षमता को बढ़ाकर
अपना लक्ष्य हासिल करने में लोगों को सशक्त बनाना होना चाहिए।
इस अभियान के अंतर्गत भारत के गांवों में निम्नलिखित
सेवाएं प्रदान की जाएंगी:
2,000 व उससे अधिक की आबादी वाले गांवों में बेसिक बैंकिंग सेवाएं दी जाएंगी
जहां बैंक नहीं हैं।
इस अभियान में बैंकों
में खाते खोलने, जरूरत के आधार पर ऋण प्रदान करना और गांव
में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने में मदद करने अलावा प्रेषण की सुविधा।
- इस कार्यक्रम को छोटे और हासिए पर चले गए लाखों किसानों और ग्रामीण शिल्पियों की ऋण की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया जिन्हें बैंकिंग की सुविधा तक पहुंच से फायदा मिलेगा।
- इस वित्तीय अभियान का उद्देश्य प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल से शाखा रहित बैंकिंग सेवा प्रदान करना है।
- बैंक मूलभूत सेवाएं जमा, निकासी और प्रेषण जैसी सेवाएं देंगे। इनके लिए व्यावसायिक संपर्क (बिजनेस करपांडेट्स) की सेवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे ‘बैंक साथी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- इस पहल से सरकार द्वारा दी जाने वाली राज सहायता और सामाजिक सुरक्षा लाभों को सीधे ही लाभान्वित के खाते में जमा करायाजा सकेगा ताकि वे अपने गांव में व्यावसायिक संपर्क से धन निकाल सकें।
- सरकार को उम्मीद है कि सूक्ष्म बीमा और सूक्ष्म पेंशन उत्पादों के लाभ बैंकिंग संपर्क के जरिए जनता तक पहुंच सकेंगे।
- यह कार्यक्रम बड़ी संख्या में शहरी इलाकों में आए उन मजदूरों के लिए सुदूरवर्ती गांवों में रहने वाले अपने रिश्तेदारों तक तेजी से और सुरक्षित तरीके से धन प्रेषित करने के कार्य को संभव करेगा।
- यह सुविधा बैंकिंग आउटलेट के जरिए प्रदान की जाएगी और इससे सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी।
- बैंकोंमें सेविंग बैंक, रिकरिंग डिपाजिट, फिक्स डिपाजिट, प्रज़ण, ओवर ड्राफ्ट की सुविधा, किसान क्रेडिट कार्ड, सामान्य क्रेडिट कार्य और चेकों के संग्रहण की सुविधा दी जाएगी।
- बैंक नामाकंन, बैंक खाते खोलने और सरकारी राज सहायता और अन्य भुगतानों के हस्तांतरण के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ भी काम कर रहे हैं।
- सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में इस पहल के लिए बैंकों को 50 करोड़ रुपये प्रदान किए।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने स्वाभिमान
अभियान को पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों के 1,000 से
अधिक घरों वाले इलाकों तथा 2,000 से अधिक घरों वाले अन्य
इलाकों तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। अगले कदम के रूप में इन स्थानों पर बहुत
छोटी शाखाएं स्थापित की जा रही हैं जहां व्यावसायिक संपर्क (बिजनेस करसपांडेट्स)
नकदी के लेन-देन का काम देखेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने सूचित किया कि स्वाभिमान
अभियान के अंतर्गत 70,000 घरों को शामिल किया गया है। इस
कार्य के लिए मार्च 2012 तक 73,000 घरों की पहचान की गई थी। ‘स्वाभिमान’ आंदोलन वित्तीय मदद के जरिए ग्रामीण
भारत की तस्वीर बदलने के लिए महत्वपूर्ण शुरूआत है।
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