आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या। Terrorism A Global Problem Essay in Hindi :आए दिन हम भारत एवं विश्व के हिस्सों में राजनीतिक विचारधारा के विभिन्न रंगों के आतंकवादियों एवं उग्रवादियों द्वारा किए गए दहशत फैलाने वाले कार्यों के विषय में समाचार सुनते हैं। कभी किसी सुविख्यात राजनीतिज्ञ की हत्या है¸ कभी किसी राजदूत का अपहरण है और कभी अपनी उचित या अनुचित मांगों को मनवाने हेतु आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों को बंदी बनाकर किसी सरकार को ब्लैकमेल करना है। हवाई जहाजों का अपहरण करना¸ उनको अपनी इच्छा के स्थानों में ले जाना और उनके द्वारा दिए गए समय में उनकी मांग पूरी ना किए जाने पर सवारियों के साथ जहाजों को उड़ाने की धमकी देना अब सामान्य घटनाएं हो चलीं हैं।
आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या। Terrorism A Global Problem Essay in Hindi
आए दिन हम भारत एवं विश्व के हिस्सों में राजनीतिक विचारधारा के विभिन्न रंगों के आतंकवादियों एवं उग्रवादियों द्वारा किए गए दहशत फैलाने वाले कार्यों के विषय में समाचार सुनते हैं। कभी किसी सुविख्यात राजनीतिज्ञ की हत्या है¸ कभी किसी राजदूत का अपहरण है और कभी अपनी उचित या अनुचित मांगों को मनवाने हेतु आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों को बंदी बनाकर किसी सरकार को ब्लैकमेल करना है। हवाई जहाजों का अपहरण करना¸ उनको अपनी इच्छा के स्थानों में ले जाना और उनके द्वारा दिए गए समय में उनकी मांग पूरी ना किए जाने पर सवारियों के साथ जहाजों को उड़ाने की धमकी देना अब सामान्य घटनाएं हो चलीं हैं। भीड़ भाड़ के स्थानों¸ राजनीतिज्ञों के घरों या स्थानों पर जहां राजनीतिज्ञ मिलते हैं¸ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर विचार विमर्श करते हैं¸ बम विस्फोटो के बारे में भी समाचार सुने जाते हैं।
उपर्युक्त प्रकारों के अलावा आतंकवाद अन्य कई रूप धारण किए हैं। रेलवे लाइन में प्लेट हटा दी जाती हैं और इस प्रकार से बहुत सी रेल दुर्घटनाएं भी घटित हुई हैं। कभी-कभी आतंकवादियों द्वारा कुएँ या पानी के तालाबों में जहर मिलाए जाने के विषय में भी समाचार प्राप्त हुए हैं। बसों में यात्रा करने वाले या विवाह या जन्मोत्सव पार्टी के लिए एकत्रित होने वाले या शिविरों में शरणार्थी के रूप में रहने वाले निर्दोष व्यक्तियों की सामूहिक हत्या भी असंतुष्ट आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंकवादी कार्यों की अन्य किसमें हैं। हाल ही में असम में विद्रोहियों द्वारा की गई आतंकवादी वारदातों ने वहां पर तैनात सुरक्षा बलों की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। आतंकवादी अपनी योजनाएं और कृत्य इतनी सूक्ष्मता से नियोजित करते हैं कि अत्यंत विकसित गुप्तचर व्यवस्था में भी उनको पकड़ने और अपराध को होने से रोक पाने में अपने को असहाय पाती हैं। स्थिति यहां तक बिगड़ गई है कि जम्मू कश्मीर¸ असम या दुनिया के अन्य प्रभावित स्थानों के लोगों को यह निश्चय नहीं है कि वह आने वाले कल के अस्तित्व में भी रह पाएंगे या नहीं।
आतंकवाद इस प्रकार के असामाजिक व राष्ट्र विरोधी कार्यकलापों में लिप्त इसलिए होते हैं ताकि वे राष्ट्रीय सरकार या विश्व समुदाय का ध्यान किसी समस्या पर केंद्रित कर सकें या अपनी उचित या अनुचित मांगों को मनवा सकें।
आतंकवाद का कोई स्वरूप या इसके कार्य कलाप करने का कोई भी भौगोलिक क्षेत्र क्यों ना हो यह निर्विवाद है कि आतंकवाद ने हमारे जीवन को सुरक्षित एवं अनिश्चित बना दिया है कि हम कल की या फिर अगले क्षण की ताजा हवा का सेवन कर पाएंगे या नहीं¸ यह अनिश्चित हो गया है। किस क्षण हम किस बम विस्फोट¸ रेल या वायुयान दुर्घटना का शिकार बन जाए हम नहीं जानते। हाल ही में मुंबई के ताज होटल में विस्फोट हुआ जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें गई और इससे भी अधिक लोग घायल हुए। यदि समय रहते यथासंभव शीघ्र आतंकवाद को नियंत्रित नहीं किया गया तो आधुनिक सभ्यता की समस्त उपलब्धियों के समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
उद्देश्यों की दृष्टि से आतंकवाद को दो श्रेणियों में रखा जा सकता है (1) धनात्मक एवं (2) ऋणात्मक। धनात्मक आतंकवाद वह हैं जिसमें उद्देश्य अच्छे हैं। उदाहरण के लिए कुछ देशभक्तों ने ब्रिटिश सरकार में आतंक फैला कर उसे भारत को प्रदान करने के लिए बाध्य करने हेतु आतंकवाद अपनाया। कुछ इसी प्रकार की घटनाएं उन देशों में घटित हुई हैं जिन्होंने विदेशी लोगों से अपने को मुक्त कराने हेतु संघर्ष किए हैं। उत्तरी आयरलैंड¸ फिलिस्तीन¸ दक्षिण अफ्रीका आदि के आतंकवादी इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं। इस प्रकार का आतंकवादी तो क्षम्य भी हो सकता है क्योंकि उसके उद्देश्य शुभ हैं। यह लोग अपने को क्रांतिकारी कहा जाना अधिक पसंद करते हैं किंतु हम अच्छे उद्देश्य के लिए इस प्रकार के उपायों को अपनाए जाने का अनुमोदन नहीं करते। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा था अच्छे उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अच्छे ही साधन अपनाए जाने चाहिए ।साधन और साध्य में बड़ा घनिष्ठ संबंध है। उच्च उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सही साधन अपनाने चाहिए। शांतिमय और अहिंसक साधन ही स्थाई उपलब्धियों की ओर ले जाते हैं। इसलिए उद्देश्य कितने ही पवित्र क्यों ना हों आतंकवाद की संस्तुति कभी नहीं की जा सकती।
ऋणात्मक आतंकवाद वह है जिसमें किसी देश या जाति का कोई असंतुष्ट गुट अपनी गुट संबंधी या देश से अलग होने¸ अलग राज्य स्थापित करने की मांग को मनवाने के लिए सारे समुदाय से फिरौती मांगता है। पंजाब के आतंकवाद को जिसने अपने पंजे देश की सीमा के बाहर भी फैला रखे थे और अब वह पूर्णतया समाप्त किया जा चुका है इस श्रेणी में रखा जा सकता है। जम्मू कश्मीर का आतंकवाद जिसने राज्य के लोगों का जीवन नर्क बना दिया है इस श्रेणी का है। असम के विद्रोही और उनके आतंकवादी कारनामे इसी श्रेणी में रखे जा सकते हैं।
आतंकवाद विशेषकर ऋणात्मक आतंकवाद मानव जाति के लिए कलंक है। इसको सख्ती के साथ दबा दिया जाना चाहिए। भारत की संसद ने आतंकवाद विरोधी विधेयक पारित कर दिया है जिसमें आतंकवाद के क्रियाकलापों में लिप्त होने वाले व्यक्तियों को सख्त सख्त दंड देने का प्रावधान किया गया है। (टाडा) टेररिस्ट एंड डेस्ट्रक्टिव एक्टिविटीज एक्ट) स्टेट्यूट बुक पर है और बहुत से अपराधी इसके जहरीले दांतों को अनुभव कर चुके हैं। आतंकवाद की भर्त्सना विश्व नेताओं द्वारा भी की गई है और इस समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। गुप्तचर एजेंसियों को सशक्त किए जाने की आवश्यकता है। कानून एवं व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए। आतंकवादियों को पकड़ने और उनको प्रतिरोधात्मक दंड देने हेतु आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आतंकवाद से लड़ने के साधनों और उपायों के विषय में जनता को शिक्षित किए जाने की आवश्यकता है। विश्व की सभी सरकारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने के लिए आपस में सहयोग करना चाहिए। राष्ट्रीय सरकारों को हठ का रवैया छोड़ देना चाहिए और समुदाय के किसी वर्ग की उचित मांगों को अविलंब स्वीकार कर लेना चाहिए । किसी चीज को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेना एक सरकार के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। ये और अन्य उपाय हमें आतंकवाद से प्रभावी रूप से निपटने हेतु सहायता प्रदान कर सकते हैं। आतंकवाद को समाप्त करने के लिए त्वरित किंतु प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए जिससे लोगों के जीवन को सुरक्षा प्रदान की जा सके और सरकार के प्रभावीपन में उनकी आस्था को फिर से बैठाया जा सके। सभी देश किसी भी प्रकार के आतंकवाद को समाप्त करने की आवश्यकता के प्रति जाग उठे हैं। दुर्भाग्य से हाल ही में हमें विश्व के कुछ भागों में राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद देखने को मिला। उदाहरणार्थ¸ पाकिस्तान सरकार पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर को बढ़ावा दे रही है। यही कार्य यह अफगानिस्तान में भी कर रही है। इस प्रकार के देश दुनिया की दृष्टि में भर्त्सना योग्य हैं। आतंकवाद पर संपूर्ण युद्ध छेड़ा जाना चाहिए। इस बुराई को समाप्त करने हेतु सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संसाधनों का प्रयोग किया जाना चाहिए। क्या हम यह नहीं पहचान सकते हैं कि हम सब एक ही परमात्मा की संतान हैं और हम बुनियादी रुप से एक ही हैं। क्या हम यह नहीं समझ सकते कि किसी की मृत्यु से हम सब का ह्वास होता है। कोई भी व्यक्ति स्वयं अपने में द्वीप नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति समिष्ट का अंश है। इस सत्य की जानकारी का संचार हम सब में किए जाने की आवश्यकता है।
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