नवीकरणीय ऊर्जा पर निबंध: आज का युग तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियों का युग है। बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और जीवाश्म ईंधन की घटती उपलब्धता ने
नवीकरणीय ऊर्जा पर निबंध / अक्षय ऊर्जा पर निबंध (Essay on Renewable Energy in Hindi)
प्रस्तावना: आज का युग तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियों का युग है। बढ़ता प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और जीवाश्म ईंधन की घटती उपलब्धता ने मानवता के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है—हमारा भविष्य कैसे सुरक्षित होगा? इसका जवाब है नवीकरणीय ऊर्जा। सौर, पवन, जल, और बायोमास जैसे ऊर्जा स्रोत न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि यह मानव सभ्यता के लिए एक स्थायी भविष्य का आधार भी हैं। भारत जैसे विकासशील देश के लिए नवीकरणीय ऊर्जा न केवल एक विकल्प, बल्कि अनिवार्य आवश्यकता है। आइए, इसके महत्व, लाभ, चुनौतियों, और भारत में इसकी संभावनाओं को समझें।
इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है। भारत में सौर ऊर्जा ने लाखों नौकरियाँ पैदा की हैं। 2024 तक भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 70 गीगावाट को पार कर चुकी है, जो इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बनाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सौर पैनल और मिनी-ग्रिड ने बिजली की पहुंच बढ़ाई है, जिससे किसानों, छोटे व्यापारियों, और छात्रों का जीवन आसान हुआ है। उदाहरण के लिए, गुजरात के सौर पार्क ने न केवल बिजली उत्पादन बढ़ाया, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया।
नवीकरणीय ऊर्जा का एक और लाभ है इसकी अनंत उपलब्धता। सूर्य, हवा, और पानी कभी खत्म नहीं होते, जिससे यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करती है। यह भारत जैसे देश के लिए वरदान है, जो ऊर्जा आयात पर भारी खर्च करता है।
दूसरा, तकनीकी सीमाएँ और बुनियादी ढांचे की कमी है। सौर ऊर्जा रात में या बादल छाए होने पर प्रभावी नहीं होती, और पवन ऊर्जा हर क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। बिजली को स्टोर करने के लिए उन्नत बैटरी तकनीक की जरूरत है, जो अभी महँगी है। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी जैसे मुद्दे भी बाधा बनते हैं।
तीसरा, जागरूकता और प्रशिक्षण की कमी है। कई लोग नवीकरणीय ऊर्जा के लाभों से अनजान हैं, और तकनीशियनों की कमी बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को लागू करने में रुकावट डालती है।
नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी है। स्कूलों में बच्चों को नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही, छोटे स्तर पर सौर पैनल और बायोगैस संयंत्रों को प्रोत्साहन देना होगा। उदाहरण के लिए, राजस्थान के गाँवों में बायोगैस संयंत्रों ने ग्रामीण महिलाओं को रसोई में स्वच्छ ईंधन प्रदान किया है।
COMMENTS