राइबोसोम की संरचना एवं कार्य: राइबोसोम झिल्ली विहीन, गोलाकार, आरएनए से निर्मित सूक्ष्म कोशिकीय कण होते हैं, जो यूकैरियोटिक कोशिका में खुरदरी अन्त: प्र
राइबोसोम की संरचना एवं कार्य (Ribosome Structure and Function in Hindi)
राइबोसोम की संरचना: राइबोसोम झिल्ली विहीन, गोलाकार, आरएनए से निर्मित सूक्ष्म कोशिकीय कण होते हैं, जो यूकैरियोटिक कोशिका में खुरदरी अन्त: प्रद्रव्यी जालिका पर, कोशिकाद्रव्य, माइटोकॉण्ड्रिया, केन्द्रक एवं हरितलवक में पाये जाते हैं। राइबोसोम का व्यास 150-250 Á होता है । रोबिन्सन एवं ब्रॉउन (Robinson and Brown) (1953) ने सेम की जड़ों की कोशिकाओं में तथा पैलाडे (Palade) (1955) ने जन्तु कोशिकाओं में राइबोसोम को देखा। इनके आकार का निर्धारण अवसादन गुणांक (Sedimentation Coefficient) के आधार पर किया गया है।
राइबोसोम दो प्रकार के होते हैं- 70S और 80S राइबोसोम।
1. 70S राइबोसोम: इनमें बड़ी 50S एवं छोटी 30S उपइकाइयाँ पायी जाती हैं। ये आकार में छोटे, प्रोकैरियोटिक कोशिका में तथा यूकैरियोटिक कोशिकाओं के हरितलवक एवं माइटोकॉण्ड्रिया में पाये जाते हैं।
2. 80S राइबोसोम: ये 60S एवं 40S उपइकाइयों से बने होते हैं। इनमें 60S बड़ी एवं 40S छोटी उपइकाइयाँ होती हैं। ये आकार में बड़े, सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं में पाये जाते हैं, जैसे- कोशिका द्रव्य, अन्तः प्रद्रव्यी जालिका, केन्द्रक आदि।
दोनों उपइकाइयों में बड़ी उपइकाई गुम्बदाकार एवं छोटी उपइकाई अण्डाकार एवं टोपी समान होती है। इन उपइकाइयों का संयोजन एवं वियोजन मैग्नीशियम आयनों (Mg 2+ ) की सान्द्रता पर निर्भर करता है। सामान्य अवस्था में ये उपइकाइयाँ कोशिकाद्रव्य में अलग-अलग पायी जाती हैं। प्रोटीन संश्लेषण के समय ये सन्देश वाहक आरएनए (Messenger RNA, mRNA) के ऊपर जुड़कर सम्पूर्ण राइबोसोम बनाती हैं। बड़ी उपइकाई पर पेप्टीडाइल स्थल [P स्थल एवं ग्राही स्थल [A स्थल पाये जाते हैं। ये दोनों स्थल प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करते हैं। Mg आयनों की सान्द्रता बढ़ने पर संयोजन एवं कम होने पर वियोजन होता है। प्रोटीन संश्लेषण के समय राइबोसोम सन्देशवाहक आर. एन. ए. पर एक शृंखला में जुड़े होते हैं जिसे बहुराइबोसोम, पॉलीराइबोसोम या पोलीसोम (Polyribosome or Polysome) कहते हैं। इनके रासायनिक संघटन में आर.एन.ए., प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्सियम, मैंगनीज पाये जाते हैं।
राइबोसोम के कार्य (Functions of Ribosome) - राइबोसोम का प्रमुख कार्य प्रोटीन संश्लेषण करना है। इस पर विभिन्न प्रकार के अमीनो अम्ल निश्चित क्रम में व्यवस्थित होकर पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला बनाकर प्रोटीन का निर्माण करते हैं। संश्लेषण के उपरान्त प्रोटीनों की उपयुक्त तहों का जमाव विभिन्न प्रोटीनों की सहायता से सम्भव होता है जिन्हें चैपरोन (Chaperons) कहते हैं और जो माइटोकॉण्ड्रिया जैसे कोशिकांगों में प्रोटीन के संवहन में भी सहायक होते हैं।
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