भौतिक पूंजी और मानव पूंजी में अंतर: भौतिक पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन (Passive Resource) है। जबकि मानव पूँजी उत्पादन का सक्रिय साधन (Active Resour
भौतिक पूंजी और मानव पूंजी में अंतर - Bhautik Punji aur Manav Punji mein Antar
भौतिक पूंजी और मानव पूंजी में अंतर: भौतिक पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन (Passive Resource) है। जबकि मानव पूँजी उत्पादन का सक्रिय साधन (Active Resource) है। इसी प्रकार भौतिक पूंजी और मानव पूंजी में प्रमुख अंतर पढ़ने के लिए पूरा लेख पढ़िए।
भौतिक पूंजी और मानव पूंजी में अंतर
भौतिक पूँजी | मानव पूँजी |
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मनुष्य द्वारा निर्मित कोई भी गैर मानवीय परिसंपत्ति जो बाद में उत्पादन में प्रयोग की जाए उसे भौतिक पूँजी कहा जाता है। | जब विद्यमान 'मानव संसाधन को और अधिक। शिक्षित करके एवं स्वस्थ रूप से विकसित किया जाता है तो हम इसे 'मानव पूँजी निर्माण' कहते हैं जो देश की उत्पादन क्षमता में वृद्धि करता है। |
भौतिक पूँजी उत्पादन का निष्क्रिय साधन (Passive Resource) है। | मानव पूँजी उत्पादन का सक्रिय साधन (Active Resource) है। |
भौतिक पूँजी स्पर्श योग्य है और इसे बाजार में बेचा जा सकता है जैसे-बस या कोई मशीन या अन्य सामान | मानव पूँजी स्पर्श योग्य नहीं है और इसे बाजार में नहीं बेचा जा सकता क्योकि इसका निर्माण प्रकृतिक रूप से इसके स्वामी के मस्तिष्क में होता है। केवल मानव पूंजी की सेवाओं को बेच जा सकता है। |
भौतिक पूँजी मानव पूँजी से हीन है। | मानव पूँजी भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों की तुलना में श्रेष्ठ है। |
भौतिक पूँजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकती। | मानव पूँजी भौतिक पूँजी का उपयोग कर सकती है। |
भौतिक पूँजी को इसके मालिक से अलग किया जा सकता है। | मानव पूँजी को इसके स्वामी से अलग नहीं किया जा सकता। |
भौतिक पूँजी केवल इसके स्वामी को लाभ पहुँचाती है। | मानव पूँजी न केवल इसके मालिक अपितु सामान्यतः समाज को भी लाभान्वित करती है। |
भौतिक पूंजी स्वयं उपयोगी नहीं हो सकती। | मानव पूंजी भौतिक पूंजी का उपयोग कर सकती है। |
भौतिक पूँजी देश के अंदर पूर्णतः गतिशील (Perfectly Mobile) होती है। | मानवीय पूँजी पूर्णतः गतिशील नहीं (Not Perfectly Mobile) होती है। |
भौतिक पूँजी में समय के बढ़ने के साथ के इसमें ह्रास होती है। | मानवीय पूँजी में उम्र बढ़ने के साथ इसमें ह्रास हो सकता है। |
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