विद्यालय स्तर पर शारीरिक शिक्षा का महत्व: विद्यालय स्तर पर बालकों की शारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत शारीरिक गतिविधियों जैसे - खेलकूद, व्यायाम आदि पर विशेष
विद्यालय स्तर पर शारीरिक शिक्षा का महत्व बताइए
विद्यालय स्तर पर शारीरिक शिक्षा का महत्व: विद्यालय स्तर पर बालकों की शारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत शारीरिक गतिविधियों जैसे - खेलकूद, व्यायाम आदि पर विशेष ध्यान दिया जाता है। शारीरिक गतिविधियाँ बालकों में स्मृति, चंचलता, आनन्द, प्रसन्नता, उत्साह और स्वतन्त्रता के भाव भरकर उनकी जीवन-शक्ति को बढाने में विशेष सहयोग प्रदान करती हैं। इनके द्वारा ही बालकों के सर्वांगीण व्यक्तित्व का विकास होता है। यथार्थ में इन गतिविधियों का शारीरिक महत्व ही नहीं वरन शैक्षिक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और बौद्धिक महत्व भी है।
विद्यालय स्तर पर शारीरिक शिक्षा का महत्व
- शारीरिक विकास में सहायक
- मानसिक विकास में सहायक
- मनोवैज्ञानिक विकास में सहायक
- नैतिक विकास में सहायक
- सामाजिकता के विकास में सहायक
1. शारीरिक विकास में सहायक: शारीरिक गतिविधियाँ जैसे- खेलकूद, व्यायाम आदि बालकों के शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाती हैं। इनमें भाग लेकर बालको की मांसपेशीयाँ दृढ़ होती हैं तथा सम्पूर्ण शरीर में रक्त का परिभ्रमण होता है जिससे उनमें ताजगी आती है।
2. मानसिक विकास में सहायक: यह कहना पूर्णतया सत्य है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है। अतः मस्तिष्क की स्वस्थता के लिये शारीरिक गतिविधियाँ अति आवश्यक हैं। यदि बालकों को इनके पर्याप्त अवसर प्रदान किये जाते हैं तो उनका शरीर स्वस्थ रहेगा और वे पढ़ने-लिखने में अधिक श्रम भी कर सकेंगे।
3. मनोवैज्ञानिक विकास में सहायक: शारीरिक गतिविधियों का मनोवैज्ञानिक महत्व भी है। किशोरावस्था में बालकों में अतिरिक्त शक्ति होती है, जो खेलकूद द्वारा उचित स्रोतों में प्रवाहित होकर शुभ गार्ग ग्रहण करती है । खेलकूद जैसी शारीरिक गतिविधियों द्वारा बालक अपने स्वास्थ्य की वृद्धि के साथ-साथ इस अतिरिक्त शक्ति का सदुपयोग करते हैं। इनके माध्यम से बालकों की काम-वासना, सामूहिकता, युयुत्सा तथा विधायिकता जैसी मूल प्रवृत्तियों का भी शोधन हो जाता है।
4. नैतिक विकास में सहायक: शारीरिक गतिविधियों द्वारा बालक का नैतिक विकास भी होता है। माध्यमिक शिक्षा के अनुसार खेलकूदों के द्वारा शारीरिक विकास तथा मनोरंजन के साथ-साथ छात्रों के चरित्र का निर्माण भी होता है।
5. सामाजिकता के विकास में सहायक: सामूहिक रूप से शारीरिक गतिविधियाँ बालकों में सामाजिकता की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इसके बहाने बालक परस्पर मिलते-जुलते हैं, जिससे उनमें सहयोग, सहकारिता तथा परस्पर निर्भरता की भावना का विकास होता है।
विद्यालय में वार्षिक खेल-कूद समारोह से लाभ (Advantages of Annual Sports in School)
शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यालय में वार्षिक खेलकूद समारोह का आयोजन किया जाता है जिससे छात्रों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं -
- खेलकूद समारोह छात्रों में खेल और व्यायाम के प्रति अनुराग उत्पन्न करते हैं तथा जो छात्र खेलकूदों से दूर रहते हैं, उनमें भी खेलकूदों तथा व्यायाम के प्रति आकर्षण उत्पन्न होता है।
- छात्र जब खेलकूद समारोह में भाग लेते हैं तथा उनके संचालन में सहयोग देते हैं तो उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्य करने का अनुभव प्राप्त होता है। इस प्रकार छात्रों में उत्तरदायित्व तथा आत्मनिर्भरता की भावना का विकास होता है।
- खेलकूद समारोह के आयोजन द्वारा छात्रों को संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त होता है। इसके साथ ही छात्रों के अभिभावकों को भी विद्यालय आने का अवसर प्राप्त होता है और वे विद्यालय की प्रगति से परिचित होते हैं।
- खेलकूद समारोह छात्रों और अध्यापकों के मध्य प्रेम और सहयोग की भावना का विकास करते हैं।
- इस प्रकार के आयोजन से छात्रों का स्वस्थ मनोरंजन होता है तथा वे स्वशासन का पाठ पढ़ते हैं। छात्रों में परस्पर सहयोग तथा सामाजिकता की भावना का विकास करने में भी ये बहुत लाभदायक हैं।
COMMENTS