आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं? आहार आयोजन का महत्व तथा आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य प्रमुख बातें बताइए। आहार योजना करने का कोई विशेष सूत्र न
आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं? आहार आयोजन का महत्व तथा आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य प्रमुख बातें बताइए।
आहार आयोजन (Meal Planning)
आहार योजना करने का कोई विशेष सूत्र नहीं होता है। कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया भोजन हर व्यक्ति के लिए आनन्ददायक होता है, चाहे उसका सेवन गृह में किया गया हो या बाहर। अतः आहार योजना एक कला है तथा एक गृहिणी के दैनिक कार्यों के साथ-साथ परिवार के लिए भोजनं आयोजित करना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है । समस्त परिवार का सुख व स्वास्थ्य गृहणी की योग्यता, कार्यकुशलता, रुचि, दूरदर्शिता तथा आहार एवं पोषण सम्बन्धी ज्ञान के ऊपर निर्भर करता है । रुचिपूर्वक तैयार किया गया भोजन हमें सन्तोष, तृप्ति तथा जीवन के समस्त सुख एवं विनोद की प्राप्ति करता है। संतुलित एवं पौष्टिक भोजन शरीर को स्वस्थ तथा मस्तिष्क को प्रसन्नचित रखता है। शरीर की रोगों से रक्षा तथा सुरक्षा प्रदान करता है। भोजन हमें समाज में प्रतिष्ठा दिलाता है, सम्बन्धियों एवं मित्रों के साथ सुखी व शान्ति पूर्ण सम्बन्ध स्थापित रखने में सहायता करता है । अनेक पर्वों, समारोहों, त्यौहारों पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर हम अपने इष्ट मित्रों का मनोरंजन भी करते हैं।
परिवार के प्रत्येक सदस्य की आयु एवं कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं, कुशल गृहिणी उनको उनकी अवस्था के अनुसार भोजन देकर सुखी रखती है । गृहिणी परिवार के लिए आहार आयोजन करते समय आहार में पौष्टिक तत्वों का उचित समावेश करने का प्रयास करती है जिससे परिवार को आहार में, शारीरिक विकास से सम्बन्धित सभी चीजें प्राप्त हो सकें। इस प्रकार आहार आयोजन विज्ञान से भी अपनी सम्बद्धता प्रकट करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आहार आयोजन कला एवं विज्ञान दोनों हैं।
आहार आयोजन का महत्व (Significance of Meal Planning)
आहार आयोजन के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है, यद्यपि आहार आयोजन का कोई सूत्र (formula) नहीं होता, जिसका प्रयोग करके बड़े वैज्ञानिक रूप से हम आहार आयोजन कर लें, परन्तु यह पाया गया है कि हर वह स्थान जहाँ भोजन से सम्बन्धित क्रियायें होती हैं वहाँ इसका आयोजन आवश्यक हो जाता है। घर, होटल, रेस्टोरेन्ट, हॉस्टल, अस्पताल, कैन्टीन, वायुयान इत्यादि समस्त स्थानों पर आहार आयोजन एक परम आवश्यक गतिविधि है।
आहार आयोजन के कुछ विशेष महत्व नीचे दिये जा रहे हैं -
1. परिवार में आहार आयोजन परिवार के सदस्यों को स्वस्थ व निरोग रखने के लिए तथा उन्हें वृद्धि और विकास के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए आवश्यक है।
2. होटल, रेस्टोरेन्ट व भोजनालयों में आहार आयोजन का प्रमुख उद्देश्य खाद्य पदार्थों को आकर्षक रूप व स्वाद प्रदान करने में किया जाता है, जिससे अधिकाधिक ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके।
आहार आयोजन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
1. पहले से योजना बनाना: गृहणी को चाहिए कि एक सप्ताह के आहार की पहले से ही योजना बना ले। इसकी एक सूची तैयार कर ले। इस सूची के अनुसार यह जाँच कर लें कि आवश्यक खाद्य-सामग्री घर में उपलब्ध है या नहीं। सूची तैयार करने का कार्य रविवार को छुट्टी के दिन किया जा सकता है।
2. क्रय करने की योजना: पूरे सप्ताह की आहार सामग्री की सूची तैयार करने के पश्चात् यह देखना चाहिए कि कौन सी सामग्री उसे बाजार से खरीदनी है । यदि खाद्य सामग्री क्रय कार्य योजनाबद्ध तरीके से सप्ताह में केवल एक बार ही किया जाये तो इससे समय व शक्ति दोनों की बचत होती है।
3. सरल आहार तालिका: कार्यशील गृहणियों के लिए समय एवं शक्ति की बचत के लिए भी आवश्यक है कि सप्ताह की आहार तालिका सरल हो तथा इसमें ऐसी खाद्य सामग्री सम्मिलित की जाये जो पौष्टिक होने के साथ-साथ सरलता से उपलब्ध हो सकें।
4. चुनाव संग्रहण: कुशल ग्रहणी को चाहिए कि परिवार के आर्थिक स्तर के अनुसार ऐसी खाद्य सामग्री का चयन करें जो कम कीमत के हों तथा उनसे लगभग सभी पोषक तत्व जैसे- प्रोटीन, वसा, कार्बोज, खनिज, लवण, विटामिन आदि प्राप्त हो सकें।
5. पूरक पदार्थों का उपयोग: लगभग एक ही प्रकार का पौष्टिक तत्व विभिन्न भोज्य पदार्थों में विद्यमान रहता है। अण्डा, माँस, मछली आदि में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है परन्तु प्रत्येक परिवार या तो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण या फिर धार्मिक परम्पराओं के कारण इनका प्रयोग नहीं कर पाता है। इनके स्थान पर सोयाबीन, मूँगफली तथा दालों से प्राप्त प्रोटीन इनके पूरक के रूप में प्रयोग कर सकता है।
6. बचे खाद्य पदार्थों का उपयोग: आहार के व्यय में कमी करने के लिए गृहणी को बचे आहार का भी उपयोग करना चाहिए। उदाहरणार्थ - यदि कभी पकाई गयी दाल बच जाती है तो उसे आटे में गूंथकर पराठे आदि बनाये जा सकते हैं जो स्वादिष्ट तथा पौष्टिक होते हैं। कुशल गृहणी वही है जो आहार को नष्ट न होने दे तथा बचे हुए आहार का सदुपयोग करे।
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