(1) लिखित संविधान निश्चित और स्पष्ट है - यह स्पष्ट और स्पष्ट होना महत्वपूर्ण है ताकि संविधान के अतिरिक्त, सरकार के विभिन्न हिस्सों के अधिकार क्षेत्र के संबंध में कोई विवाद न हो। अंगों के संगठन, उनके कार्यों और शक्तियों, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का उल्लेख ऐसे स्पष्ट शब्दों में अंकित किया जाता है कि किसी भी प्रकार के झगड़े की संभावना न हो ।
(2) शासन में सुगमता - लिखित संविधान के अन्तर्गत ही शासन में सुगमता आ सकती है; क्योंकि इसमें शासन संगठन तथा अधिकारों और कर्तव्यो की स्पष्ट व्याख्या होती है।
(3) संघीय प्रणाली के लिए बहुत उपयोगी - संघीय सरकार की यह प्रमुख विशेषता केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की शक्तियों को विभाजित करना है। शक्तियों का। ऐसा वितरण केवल लिखित संविधान द्वारा किया जा सकता है। इसके अलावा संघीय प्रणाली में सरकार के प्रकार हैं और दोनों प्रकार के सरकारी अधिकार क्षेत्र स्पष्ट रूप से पहचाने जाने चाहिए। यह सब लिखित संविधान में ही संभव है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच विवादों को निपटाने के लिए केवल लिखित संविधान में उचित प्रावधान किया जा सकता है।
(4) नागरिक अधिकारों की रक्षा - लिखित संविधान के अन्तर्गत नागरिकों के अधिकारों की स्पष्ट व्याख्या कर दी जाती है। उन अधिकारों को कोई भी छीन नहीं सकता। नागरिक अधिकारों को व्यवस्थापिका और न्यायपालिका ले नहीं सकती। इसलिए, देश के नागरिक लिखित संविधान से काफी सन्तुष्ट रहते हैं।
(5) लिखित संविधान एक स्थिर संविधान है - लिखित संविधान एक संविधान सभा द्वारा बनाया गया है जो एक प्रमुख विधिवेत्ता और प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ है। लिखित और विवाद के बाद लिखित संविधान। संविधान का गठन न केवल संविधान का निर्माण करता है, बल्कि उस समय की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों का भी गठन करता है। डिवाइस है, लेकिन देश में जब हम संविधान के प्रत्येक खंड का सामना के भविष्य की तस्वीर के सामने है। तो लिखित संविधान में तत्काल परिवर्तन करने के लिए कोई जरूरत नहीं है और संविधान स्थिर बनी हुई है। इसके अलावा, लिखित संविधान में लिखना आमतौर पर बहुत मुश्किल होता है। इस तरह, यह बहु-शासित सत्ताधारी पार्टी के हाथों में एक खिलौना नहीं हो सकता है, लेकिन इसके कड़े संशोधन के कारण यह स्थिर हो जाता है।
(6) पवित्र अभिलेख - लिखित संविधान में जनता की पूर्ण आस्था है। चूंकि संविधान में जनता के अधिकारों, कर्तव्यों तथा दायित्वों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होता है, इसलिए इसे पवित्र अभिलेख माना जाता है।
(7) पिछड़े देशों के लिए उपयुक्त - लिखित संविधान पिछड़े देशों के लिए उपयुक्त इसलिए होता है, क्योंकि इसके अन्तर्गत विकासशील देश अपनी विकास सम्बन्धी सम्भावनाओं को राज्य के नीति-निदेशक तत्वों के अन्तर्गत लिपिबद्ध कर देता है।
(8) नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता सुरक्षित हैं - नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता एक लिखित संविधान में अच्छी तरह से रह सकते हैं। लिखित संविधान में वर्णित नागरिकों के अधिकारों को यातना से बचाया जा सकता है। नागरिकों को लिखित संविधान में वर्णित अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी है। इसलिए वे अपने अधिकारों का पूरा लाभ उठा सकते हैं।
(9) स्थायित्व -लिखित संविधान स्थायी इसलिए होता है क्योंकि इसका निर्माण काफी सोच-समझकर विवेक के आधार पर किया जाता है।
(10) दृढ़ और निश्चित शासन - लिखित संविधान देश के लिए एक दृढ़ और निश्चित शासन सुनिश्चित करता है।
(11) निरंकुशता की समाप्ति -लिखित संविधान के अंतर्गत सरकार का कोई भी अंग निरंकुश नहीं हो सकता; क्योंकि संविधान सरकार के सभी अंगों पर नियंत्रित स्थापित करता है।
(12) दलबन्दी से दूर - लिखित संविधान दलबन्दी से इसलिए दूर रहता है, क्योंकि इस पर जनता तथा राजनीतिक दलों की उत्तेजनाओं, भावावेशों और भावुकताओं का प्रभाव कम पड़ता है।