आँख फेरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग
आँख फेरना मुहावरे का अर्थ- उपेक्षा करना; मुंह मोड़ना; परवाह न करना; ध्यान हटाना; अनदेखी करना; बदल जाना; प्रतिकूल होना।
आँख फेरना मुहावरे का अर्थ वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग- चुनाव के दौरान नेता जनता के आगे-पीछे चक्कर लगाते रहते हैं किन्तु सत्ता में आने के बाद यही नेता जनता से आँखे फेर लेते हैं।
वाक्य प्रयोग- जैसे ही मेरी उच्च पद प्राप्त करने की सम्भावनाएँ क्षीण हुईं, सबने मुझसे आँखें फेर लीं।
वाक्य प्रयोग- दुनिया ऐसे लोगों की कमी नहीं जो मेहनत से जी चुराते हैं और कहते हैं लोगों ने उनसे आँखें फेर ली।
वाक्य प्रयोग- रमेश की सरकारी नौकरी क्या लग गयी, उसने तो सभी आँखें ही फेर लीं।
वाक्य प्रयोग- जब समय आँखे फेर लेता हैं तो गली के कुत्ते भी जंगल के राजा शेर को घेर लेते हैं।
वाक्य प्रयोग- मरीज दर्द से तड़पता रहा परन्तु डॉक्टर ने निर्दयतापूर्वक अपनी ऑंखें फेर लीं।
यहाँ हमने आँख फेरना जैसे मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग समझाया है। आँख फेरना मुहावरे का अर्थ होता है- उपेक्षा करना; मुंह मोड़ना; परवाह न करना; ध्यान हटाना; अनदेखी करना; बदल जाना; प्रतिकूल होना। जब कोई व्यक्ति दूसरों की उपेक्षा कार्य है उनकी और ध्यान नहीं देता तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है जैसे:- जब से श्याम पैसे कमाने लगा, उसने दुनिया से अपनी आँखें फेर लीं।