द्वंद्वात्मक भौतिकवाद के आवश्यक तत्व बताइये।
इस लेख में द्वंद्वात्मक भौतिकवाद के सभी आवश्यक तत्वों का वर्णन किया गया है।
द्वंद्वात्मक भौतिकवाद के आवश्यक तत्व
- पदार्थों में गतिशीलता-मार्क्स ने यह स्वीकार किया कि पदार्थ में अन्तर्विरोध के कारण गतिशीलता बनी रहती है तथा वह विकास की ओर अग्रसर होता है।
- विचारों तथा चिन्तनीय वस्तु की अपृथक्ता-पदार्थ की अस्थिति के कारण ही हमारे मस्तिष्क के विचार का सृजन होता है। अतः पदार्थों तथा विचारों का अभिन्न सम्बन्ध होता है।
- पदार्थों की आत्मनिर्भरता-संसार के सभी पदार्थ परस्पर रूप से आपस में सम्बद्ध रहते हैं, इन्हें एक-दूसरे से पृथक नहीं किया जा सकता है।
- चेतना व पदार्थ का सम्बन्ध-विश्व की सम्पूर्ण संरचना का आधार संघर्ष है। प्रत्येक पदार्थ को देखकर चेतना जाग्रत होती है तथा यह चेतना पदार्थ के अधीन होती है। यह चेतना ही है जो पदार्थ के स्वरूप को निश्चित करती है।
- विकास की प्रक्रिया-विश्व में जो वस्तु पदार्थ या दृष्टिगोचर है वह विकास का ही परिणाम है। पुराने तत्त्वों का विरोध तथा नए तत्त्वों का समर्थन ही विकास की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया सतत् व अनवरत रूप से चलती रहती है।
- परिमाणात्मक व गुणात्मक परिवर्तन-विकास की एक ऐसी अवस्था आती है जब पदार्थ से परिमाणात्मक, परिवर्तन होने के स्थान पर गुणात्मक परिवर्तन होने लगाता है। एक समय ऐसा भी होता है परिवर्तन क्रान्ति का रूप धारण कर लेता है।