डेविड ईस्टन के उत्तर व्यवहारवाद से क्या अभिप्राय है?
डेविड ईस्टन का उत्तर व्यवहारवाद
डेविड-ईस्टन का उत्तर-व्यवहारवाद सन् 1959-60 में अमेरिका विश्वविद्यालयों में व्यवहारवाद पूर्ण रूप से असफल हो गया इसी के परिणामस्वरूप उत्तर-व्यवहारवाद के समर्थक डेविड ईस्टन ने अपना व्यापक दृष्टिकोण अपनाया और उत्तर व्यवहार के रूप में व्यवहारवाद को सुधारने का प्रयास किया। डेविड ईस्टन ने व्यवहारवाद के विषय में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा है कि “अमेरिका राजनीति विज्ञान में एक अभिनव क्रान्ति का श्री गणेश हुआ। व्यवहारवादी क्रान्ति अभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुई थी कि सामाजिक व आर्थिक संकटों ने इसे पीछे छोड़ दिया, जब यह अपनी चरम पर पहुँचा तो उसी समय यह अनेक राजनीतिक विवादों से घिर गया और तब इसे 'कालातीत' की संज्ञा दी गई और इन्हीं विरोधों व संकटों के परिणामतः हमारे सामने एक नई चुनौती थी और इसके विश्लेषणों के आधार पर उत्तर-व्यवहारवाद का विकास हुआ।"