भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय उदय के कारणों का वर्णन कीजिए और कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए। भारत में स्वाधीनता संग्राम (सन् 1
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय के कारणों का वर्णन कीजिए और कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जन्म के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म कब और किन परिस्थितियों में हुआ ?
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
भारत में स्वाधीनता संग्राम (सन् 1857 ई.) के बाद से राष्ट्रवाद का तेजी से प्रसार प्रारम्भ हो गया था। उत्तरोत्तर राष्ट्रवादी भावना की अभिव्यक्ति व प्रसार की भावना जनमानस में बलवती होती जा दी थी और साथ ही साथ एक शिक्षित व प्रबुद्ध मध्यम वर्ग का भी तेजी से प्रसार हो रहा था। इस मध्यम वर्ग का अहिंसात्मक व वैधानिक तौर-तरीकों में अटूट विश्वास था। अतः इस नवोदित मध्यम वर्ग द्वारा राष्ट्रव्यापी संगठनों की आवश्यकता महसूस की जाने लगी, जिनके द्वारा समस्त भारत की जनता में राष्ट्रवाद का प्रसार किया जा सक तथा साथ ही साथ जनसमस्याओं को सरकार के समक्ष प्रभावी तरीके से रखा जा सके।
फलस्वरूप 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में कई संगठन अस्तित्व में आये और अन्ततः आगे चलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में एक सशक्त राष्ट्रवादी संगठन की भी स्थापना हुई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जन्म, इसके जन्म की परिस्थितियों तथा उद्देश्यों की विवेचना निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत की जा सकती है-
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक अवकाश प्राप्त ब्रिटिश अधिकारी 'ए. ओ. ह्यूम' द्वारा सन 1885 ई. में की गयी थी। ह्यूम ने तत्कालीन परिस्थितियों पर विचार करते हुए इस संगठन की स्थापना की। ह्यूम का मानना था कि इस प्रकार के राष्ट्रवादी संगठन द्वारा जनता की समस्याओं एवं सरकारी नीतियों में व्याप्त दोषों को सरकार के समक्ष प्रभावी रूप से पहुँचाया जा सकता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय के सन्दर्भ में विभिन्न उत्तरदायी परिस्थितियों का उल्लेख किया जा सकता है, जोकि अग्रलिखित हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियाँ
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म विभिन्न परिस्थितियों के संयुक्त प्रभाव से हुआ, जिनमें से कुछ प्रमुख परिस्थितियाँ निम्नलिखित हैं.
- सरकार तथा जनसाधारण के मध्य सम्पर्क सूत्र की आवश्यकता - प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में सरकार व जनसामान्य के मध्य संवाद स्थापित करने वाले माध्यमों की अपरिहार्यता होती है। इसी सन्दर्भ में तत्कालीन परिस्थितियों में भारतीय जनता व ब्रिटिश सरकार के मध्य भी एक सशक्त सम्पर्क माध्यम की आवश्यकता की अनुभूति की जा रही थी। तत्कालीन नवोदित मध्यम वर्ग का मानना था कि जब तक ऐसा कोई सशक्त माध्यम नहीं होगा तब तक राष्ट्रवाद व स्वराज्य का स्वप्न साकार होने की संभावनाएँ अति क्षीण रहेंगी।
- राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक व सामाजिक प्रतिनिधित्व का अभाव - तत्कालीन भारत में ऐसी कोई संस्था नहीं थी जोकि राष्ट्रीय स्तर पर समस्त भारत की जनता का राजनीतिक व सामाजिक प्रतिनिधित्व कर सके। अतः ऐसी परिस्थिति में एक ऐसे संगठन या संस्था की अत्यधिक आवश्यकता महसूस की जा रही थी जोकि सच्चे अर्थों में भारत को एक राष्ट्र के रूप में संगठित कर सके तथा समस्त भारत की जनता को राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक व सामाजिक प्रतिनिधित्व प्रदान कर सके।
- राजनीतिक व आर्थिक विकास हेतु राष्ट्रीय संगठन की वांछनीयता - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय के सन्दर्भ में एक अन्य महत्वपूर्ण उत्तरदायी परिस्थिति यह थी कि भारत में राजनीतिक व आर्थिक विकास की दृष्टि से भी एक राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता थी, जोकि भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक व आर्थिक विकास को दिशा प्रदान कर सके।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्य
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य रहें -
- देशहित में कार्यरत विभिन्न व्यक्तियों को एकजुट करना - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रमुख प्रारम्भिक उद्देश्य यह रहा कि देशहित में कार्यरत विविध क्षेत्रों, वर्गों, समदायों के व्यक्तियों को एकजुट किया जाये। कांग्रेस का उद्देश्य इन व्यक्तियों में घनिष्ठ व मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों की स्थापना करना था।
- राष्ट्रीय एकता का पोषण - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य राष्ट्रीय एकता का पोषण करना भी था। इस उद्देश्य की प्राप्ति में कांग्रेस द्वारा यह प्रयास किया गया कि समस्त देशवासियों में राष्ट्रीयता का प्रसार हो तथा राष्ट्र की सेवा हेतु तीव्र भावनाओं का संचार किया जा सके।
- महत्वपूर्ण सामाजिक समस्याओं का स्पष्टीकरण - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का उद्देश्य तत्कालीन भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न महत्वपूर्ण समस्याओं का स्पष्टीकरण करना एवं इन्हें सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना भी था। कांग्रेस का यह प्रयास था कि इन गम्भीर समस्याओं का स्पष्टीकरण व समूहीकरण करते हुए शासन द्वारा इनके निराकरण हेतु दबाव बनाया जाये।
- जाति, धर्म, भाषा, प्रान्त इत्यादि भेदभावों को समाप्त करना - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक राष्ट्रीय संस्था थी। इसका प्रमुख उद्देश्य समस्त भारत की जनता में जाति, धर्म, भाषा, प्रान्तीयता इत्यादि से सम्बन्धित भेदभावों का उन्मूलन करना भी था। कांग्रेस की मान्यता थी कि जब तक भारतवासी इन भेदभावों में उलझे रहेंगें तब तक ब्रिटिश हुकूमत के समक्ष अपनी गरिमा व अस्मिता हेतु आवाज उठाने में असमर्थ रहेंगें।
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