गाय पर निबंध। Essay on cow in hindi : गाय एक दुधारू पशु है। गाय सफ़ेद, काली, भूरी तथा चितकबरी कई रंगों की होती है। इसकी एक लम्बी पूँछ होती है जिसके अंत में एक बालों का गुच्छा होता है। गाय अपनी पूँछ से शरीर पर बैठने वाली मक्खियों को उडाती है। गाय के एक जोड़ी नुकीले सींग होते हैं जिससे वह अन्य पशुओं से अपनी रक्षा करती है। भारत में गाय को गौ-माता का दर्जा दिया जाता है। हिन्दू धर्म में इसे देवताओं के सामान ही पूजनीय माना जाता है। गाय से हमें दूध प्राप्त होता है। इसका दूध बहुत ही पौष्टिक और स्फूर्तिदायक होता है।
गाय पर निबंध। Essay on cow in hindi
गाय एक दुधारू पशु है। गाय सफ़ेद, काली, भूरी तथा चितकबरी
कई रंगों की होती है। इसकी एक लम्बी पूँछ होती है जिसके अंत में एक बालों का
गुच्छा होता है। गाय अपनी पूँछ से शरीर पर बैठने वाली मक्खियों को उडाती है। गाय
के एक जोड़ी नुकीले सींग होते हैं जिससे वह अन्य पशुओं से अपनी रक्षा करती है।
भारत में गाय को गौ-माता का दर्जा दिया जाता है। हिन्दू धर्म में इसे
देवताओं के सामान ही पूजनीय माना जाता है। गाय से हमें दूध प्राप्त होता है। इसका
दूध बहुत ही पौष्टिक और स्फूर्तिदायक होता है। इसके दूध का प्रयोग बहुत सी
दावाइयों में किया जाता है। गाय के दूध से घी, मक्खन, मट्ठा व खोया और
रबड़ी इत्यादि बनाए जाते हैं। गाय का गोबर कच्चे घरों को लीपने के काम आता है, इससे उपल तथा खाद
भी बनाई जाती है। गाय के गोबर से बने उपल का प्रयोग ईधन के रूप में भी किया जाता
है।
गाय स्वभाव से भोली व सरल होती है। यह घास, खली, पेड़ों की
पत्तियां व भूसा आदि खाती है। गाय के बछड़े को छौना कहते हैं यह बड़े होकर बैल बनता
है। खेती के काम के लिए बैल बड़ा ही उपयोगी पशु है। बैल का प्रयोग हल जोतने व
बैलगाड़ी खींचने में किया जाता है। इस प्रकार गाय से हमें लाभ ही है न की हानि।
हमारे पूर्वज यानी की आर्य भी गाय ही पालते थे और गाय की इन्ही सब खूबियों के कारण
उन्होंने इसे विशेष दर्जा दिया। अतः हमें भी इस खूबसूरत और उपयोगी पशु की सेवा और
रक्षा करनी चाहिए।
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