प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध। Short Essay on Plastic Pollution in Hindi प्लास्टिक के कई फायदे हैं तो इससे नुकसान भी हैं। यह हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है। यह आसानी से अपघटित नहीं होती और इसे जलाने पर वायुमंडल प्रदूषित होता है। जब प्लास्टिक का निर्माण किया जाता है तो इसके निर्माण के दौरान विषैला धुआ निकलता है। जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए तो उत्तरदाई है ही, वायु प्रदूषण भी फैलाता है। प्लास्टिक के सामान नालियों को चोक करते हैं और सीवरेज सिस्टम को नष्ट करते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि इन चीजों के उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया जाए। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। प्लास्टिक की वस्तुओं का आसानी से क्षय नहीं होता इसलिए उन्हें समुद्र में छोड़ दिया जाता है। समुद्र में प्लास्टिक का तेजी से क्षरण होता है। लेकिन क्षरण के दौरान यह समुद्र में हानिकारक विषय रसायन विसर्जित करती है, जिससे समुद्र में रहने वाले जलीय जीवो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। समुद्र में विभिन्न प्रकार का कचरा फेंका जाता है जैसे :-प्लास्टिक के बर्तन, पॉलीथिन, बोतलें आदि जो समुद्र में तैरते रहते हैं। नतीजतन समुद्र के भीतर पर्याप्त मात्रा में सूरज का प्रकाश प्रवेश नहीं कर पाता। इस प्रकार यह समुद्र के भीतर वनस्पतियों के विकसित होने में बाधा उत्पन्न करता है।
प्लास्टिक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे किसी भी मनचाहे आकार में ढाला जा सकता है। यह अन्य सामग्रियों की तुलना में सस्ती होती है तथा टिकाऊ भी होती है। यह हमारे प्रतिदिन के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन किसी भी दूसरी चीज की तरह प्लास्टिक के कई फायदे हैं तो इससे नुकसान भी हैं। यह हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक है। यह आसानी से अपघटित नहीं होती और इसे जलाने पर वायुमंडल प्रदूषित होता है।
प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव : जब प्लास्टिक का निर्माण किया जाता है तो इसके निर्माण के दौरान विषैला धुआ निकलता है। जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए तो उत्तरदाई है ही, वायु प्रदूषण भी फैलाता है। प्लास्टिक के सामान नालियों को चोक करते हैं और सीवरेज सिस्टम को नष्ट करते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि इन चीजों के उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया जाए। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है।
महासागरीय प्रदूषण : प्लास्टिक की वस्तुओं का आसानी से क्षय नहीं होता इसलिए उन्हें समुद्र में छोड़ दिया जाता है। समुद्र में प्लास्टिक का तेजी से क्षरण होता है। लेकिन क्षरण के दौरान यह समुद्र में हानिकारक विषय रसायन विसर्जित करती है, जिससे समुद्र में रहने वाले जलीय जीवो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। समुद्र में विभिन्न प्रकार का कचरा फेंका जाता है जैसे :-प्लास्टिक के बर्तन, पॉलीथिन, बोतलें आदि जो समुद्र में तैरते रहते हैं। नतीजतन समुद्र के भीतर पर्याप्त मात्रा में सूरज का प्रकाश प्रवेश नहीं कर पाता। इस प्रकार यह समुद्र के भीतर वनस्पतियों के विकसित होने में बाधा उत्पन्न करता है।
उपसंहार : जहां समस्या होती है वहां समाधान भी होता है। इसी तरह प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या का भी समाधान है। हमें अपनी धरती को स्वच्छ, रहने योग्य और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए केवल एक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। आज हम जिस प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या का सामना कर रहे हैं। उस पर अंकुश लगाने के लिए हमें कुछ उपाय अपनाने होंगे जैसे रीसाइकिल्ड और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करना। हमें प्लास्टिक बैग के स्थान पर पेपर बैग या जूट के बने हुए बैग का उपयोग करना चाहिए। प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण या बिक्री पर रोक लगाने के लिए नियमों को अधिक सख्त बनाने की आवश्यकता है। सरकार को चाहिए कि ऐसे उत्पादों के किसी भी अवैध निर्माण या बिक्री से संबंधित मामले की सख्ती से जांच होनी चाहिए।
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