स्वच्छता की आवश्यकता के संबंध में दो विद्यार्थियों के बीच संवाद: श्याम: (अखबार को नीचे रखते हुए) अरे सुरेश, ये स्वच्छ भारत अभियान के बारे में पढ़ रहा
स्वच्छता की आवश्यकता के संबंध में दो विद्यार्थियों के बीच संवाद
श्याम: (अखबार को नीचे रखते हुए) अरे सुरेश, ये स्वच्छ भारत अभियान के बारे में पढ़ रहा था।
सुरेश: (चाय पीना बंद कर) हाँ श्याम, बहुत अच्छा अभियान है। सच बताऊं तो इसकी काफी जरूरत भी है।
श्याम: जरूरत तो है ही, पर ये अभियान सिर्फ कागजों तक सीमित ना रह जाए, ये मेरी चिंता है।
सुरेश: तेरी बात भी ठीक है। देख, सरकार तो अभियान चला सकती है, पर सफाई तो हमें ही करनी है।
श्याम: बिल्कुल। जब तक लोग खुद नहीं जागेंगे, तब तक कुछ नहीं होगा।
सुरेश: ये तो है। याद है, पिछले हफ्ते मोहल्ले में सफाई अभियान चला था?
श्याम: हाँ, याद है। काफी अच्छा लगा था।
सुरेश: पर क्या हुआ? दो दिन बाद फिर वही गंदगी का अंबार लग गया।
श्याम: लोग मानने को ही तैयार नहीं! थोड़ी सी भी चीज सड़क पर फेंक देते हैं।
सुरेश: ये आदत ही बदलनी होगी। हम भी तो थोड़ा ध्यान दें। कूड़ेदान का इस्तेमाल करें, सड़क पर ना थूकें।
श्याम: वाह, ये बात तो बिल्कुल सही है। और हाँ, हम अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक कर सकते हैं।
सुरेश: बिल्कुल! मिलकर के ही तो बदलाव ला सकते हैं।
श्याम: सोचो, अगर हर कोई थोड़ा-थोड़ा प्रयास करे, तो सचमुच हमारा भारत स्वच्छ बन सकता है।
सुरेश: वाह, ख्याल तो बहुत अच्छा है पर मुझे तो स्वच्छ भारत सिर्फ एक सपना ही लगता है।
श्याम: सपना नहीं सुरेश, बस थोड़ी सी कोशिश!
(दोनों एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं, एक स्वच्छ भारत के सपने को आँखों में सजाए.)
स्वच्छता की आवश्यकता विषय पर में दो छात्रों / विद्यार्थियों के बीच संवाद लिखिए
अनुराग: (रास्ते पर कूड़ा देखकर) अरे रिया, देखो ये क्या है? इतना कूड़ा इधर-उधर बिखरा हुआ है।
रिया: (उदास होकर) हाँ अनुराग, ये बहुत ही गलत बात है। हमारे आसपास का वातावरण स्वच्छ होना बहुत ज़रूरी है।
अनुराग: बिल्कुल सही बात है। स्वच्छता के बिना हम स्वस्थ नहीं रह सकते। गंदगी से कई तरह की बीमारियाँ फैलती हैं।
रिया: हाँ, जैसे कि मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, और भी बहुत सी बीमारियाँ।
अनुराग: और सिर्फ बीमारियाँ ही नहीं, गंदगी से हमारा रहन-सहन भी प्रभावित होता है। गंदे वातावरण में रहना बहुत ही अप्रिय होता है।
रिया: हमें सबसे पहले खुद को स्वच्छ रखना चाहिए। हमें कूड़ा हमेशा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।
अनुराग: हाँ, और हमें अपने आस-पास के लोगों को भी स्वच्छता के बारे में जागरूक करना चाहिए।
रिया: हाँ, हम स्कूल में भी स्वच्छता अभियान चला सकते हैं।
अनुराग: और हम अपने घरों में भी स्वच्छता का ध्यान रख सकते हैं।
रिया: हाँ, हमें अपने घरों को भी साफ-सुथरा रखना चाहिए।
अनुराग: तो चलो, आज से ही हम सब मिलकर स्वच्छता का संकल्प लेते हैं।
रिया: हाँ, स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमें जीवन भर लाभान्वित करती है।
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