विद्यालय में वन महोत्सव कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के महान उद्देश्य और सफल प्रस्तुति पर छात्रों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए। करण: "नमस्ते दोस्तो
विद्यालय में वन महोत्सव कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम के महान उद्देश्य और सफल प्रस्तुति पर छात्रों की बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए।
(अमित और रिया विद्यालय परिसर में चल रहे वन महोत्सव कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। करण उनसे मिलता है।)
करण: "नमस्ते दोस्तों! क्या बात है? इतने खुश क्यों दिख रहे हो?"
अमित: "करण, आज हमारे विद्यालय में वन महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह बहुत ही रोमांचक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम रहा।"
रिया: "हाँ करण, इस कार्यक्रम में हमें प्रकृति के महत्व और पर्यावरण संरक्षण के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला।"
करण: "वाह! यह तो बहुत अच्छी बात है। अब तो मुझे भी इस कार्यक्रम के बारे में जानने की उत्सुकता हो रही है।"
अमित: "तो चल, हम तुम्हें सब कुछ बताते हैं।"
(तीनों दोस्त कार्यक्रम में हुए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बातें करते हैं।)
अमित: "इस कार्यक्रम को पेड़ लगाने के लिए आयोजित किया गया था। मैंने भी अपने हाथों से एक पेड़ लगाया है।"
रिया: "और मैंने पक्षियों के लिए घोंसले बनाना सीखा।"
करण: "वाह! तुम दोनों ने तो बहुत अच्छा काम किया। प्रकृति को बचाना हम सबका कर्तव्य है।"
अमित: "हाँ करण, इस कार्यक्रम ने हमें प्रकृति में वृक्षों का महत्व् समझाया। अब हम सब मिलकर अपने विद्यालय और समाज को हरा-भरा बना सकते हैं।"
रिया: "बिल्कुल अमित। हमें पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।"
करण: "यह तो बहुत अच्छी बात है। चलो हम सब मिलकर एक वचन लेते हैं कि हम हमेशा प्रकृति की रक्षा करेंगे और पर्यावरण को स्वच्छ रखेंगे।"
अमित और रिया: "हाँ करण, हम वचन देते हैं!"
विद्यालय में आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम विषय पर छात्रों के बीच बातचीत / संवाद लेखन
(अनुष्का पेड़ों के नीचे बनी बेंच पर बैठी हुई है। युवराज उसके पास आता है।)
युवराज: "अनुष्का, देखो ये हरे-भरे पेड़ कितने सुंदर लग रहे हैं! वन महोत्सव का कार्यक्रम वाकई कमाल का था।"
अनुष्का: (मुस्कुराते हुए) "हाँ युवराज, ये पेड़ हमें हमेशा याद दिलाएंगे कि हमने पर्यावरण बचाने के लिए एक छोटा सा कदम उठाया है।"
(तभी आदर्श किताब पढ़ते हुए उनके पास आता है।)
आदर्श: "किस बारे में बातचीत हो रही है दोस्तों ?"
युवराज: "हम वन महोत्सव कार्यक्रम के बारे में बात कर रहे हैं, आदर्श। अनुष्का तो पेड़ लगाकर बहुत खुश है।"
आदर्श: "मैंने भी आज एक पेड़ लगाया है। इस कार्यक्रम में वनों के महत्व और पर्यावरण के खतरों के बारे में बताई गई बातें भी बहुत ज्ञानवर्धक थीं।"
अनुष्का: "सच है आदर्श। पेड़ ना सिर्फ हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि धरती का तापमान भी संतुलित रखते हैं। वनों के खत्म होने से बाढ़ और सूखा जैसे प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।"
युवराज: "पर आदर्श, ये सब पेड़ बच पाएंगे ना? इतने बड़े शहर में प्रदूषण इतना ज्यादा है।"
आदर्श: "तभी तो वन महोत्सव जैसे कार्यक्रम ज़रूरी हैं युवराज। ये हमें पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। साथ ही, पेड़ों की देखभाल करना भी हमारी ज़िम्मेदारी है।"
अनुष्का: "बिल्कुल आदर्श। हमें सिर्फ पेड़ लगाना ही काफी नहीं है। उनकी नियमित देखभाल करनी होगी, पानी देना होगा। तभी ये पेड़ बड़े होकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर पाएंगे।"
युवराज: "मैं भी अब स्कूल के बाद पेड़ों को पानी दूंगा। और अपने घरवालों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करूंगा।"
आदर्श: "बहुत अच्छा युवराज! अगर हर कोई ये छोटे-छोटे कदम उठाए, तो पर्यावरण को बचाने में एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।"
(तीनों दोस्त आपस में हाथ मिलाते हैं और वन महोत्सव कार्यक्रम से मिली सीख को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं।)
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