विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi: विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्
विश्व जल दिवस पर निबंध - Essay on World Water Day in Hindi
प्रस्तावना: विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है। विश्व जल दिवस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में साफ पीने योग्य जल का महत्व, आवश्यकता और जल संरक्षण का महत्व आदि बताना है। प्रत्येक वर्ष जल दिवस की एक थीम होती है जिसकी घोषणा UN water द्वारा की जाती है। वर्ष 2023 में विश्व जल दिवस थीम त्वरित परिवर्तन निर्धारित की गयी है।
विश्व जल दिवस की शुरुआत
विश्व जल दिवस मनाए जाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 1992 में ब्राजील के रियो द जेनेरियो में आयोजित 'पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन' (UNCED) में की गई थी। पहला विश्व जल दिवस 22 मार्च 1993 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 4 बिलियन लोग वर्ष में कम से कम एक महीने के लिए पानी की भारी कमी का अनुभव करते हैं और लगभग 1.6 बिलियन लोग - दुनिया की आबादी का लगभग एक चौथाई - जिन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
विश्व जल सूचकांक
वैश्विक जल संसाधनों का पहला मूल्यांकन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 2002-2003 में किया गया था। भारत को अपने नागरिकों के लिए उपलब्ध पानी की गुणवत्ता के मामले में दुनिया में 139वां स्थान दिया गया है। पानी की सबसे अच्छी गुणवत्ता फिनलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और जापान आदि में पाई जाती है।
स्वच्छ पानी की कमी
प्रत्येक मनुष्य को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिदिन औसतन 150 से 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। वास्तव में जल मानवता के लिए वरदान है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पेयजल की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। इस दुनिया में ऐसी जगहें हैं, जहां पीने के पानी की बहुत कमी है और लोग इससे परेशान हैं। ग्लोबल वार्मिंग की बढ़ती समस्याओं के कारण हम केवल पृथ्वी के प्राकृतिक जल संसाधनों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसीलिए सही मायने में विश्व जल दिवस जल के महत्व को जानने, समय रहते जल संरक्षण को लेकर सचेत होने और पानी बचाने का संकल्प लेने का दिन है। इसलिए जब भी हम पानी का उपयोग करते हैं तो उसका ज्यादा से ज्यादा बचाने का प्रयास करें। पानी का सावधानी से उपयोग करना और दैनिक जीवन में पानी को बचाने में मदद करने वाली आदतों को अपनाना महत्वपूर्ण है। इससे अपना और दूसरों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
जल संवर्धन के तरीके
- हमें पानी को व्यर्थ बहाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। अनावश्यक जल निकासी से बचने के लिए सभी नल ठीक से बंद होने चाहिए।
- कभी भी शौचालय को फ्लश न करें या अनावश्यक रूप से लंबे समय तक शावर का उपयोग न करें क्योंकि इससे पानी की भारी हानि हो सकती है।
- लोगों को चाहिए कि वे नहाने या कपड़े धोने के लिए जरूरी पानी का ही इस्तेमाल करें।
- अनावश्यक रूप से लॉन की सिंचाई करके पानी बर्बाद न करें। गर्मियों में लॉन को हर 5 से 7 दिनों में और सर्दियों में हर 10 से 14 दिनों में पानी की जरूरत होती है।
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