पंचपरमेश्वर कहानी की कथावस्तु - ‘पंचपरमेश्वर' कहानी का निर्माण कथावस्तु के आधार पर होता है। समाज, धर्म, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, पुराण, जीवनदर्शन, जी
पंचपरमेश्वर कहानी की कथावस्तु - Panch Parmeshwar Kahani ki Kathavastu
पंचपरमेश्वर कहानी की कथावस्तु - ‘पंचपरमेश्वर' कहानी का निर्माण कथावस्तु के आधार पर होता है। समाज, धर्म, संस्कृति, सभ्यता, इतिहास, पुराण, जीवनदर्शन, जीवन की किसी भी आवश्यक घटना को कहानी का विषय बनाया जा सकता है। जहाँ एक ओर लेखक ने अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की मित्रता के माध्यम से समाज को प्रेम-भाव का सुदृढ़ संदेश दिया है, वही दूसरी ओर उनके अंतर्द्वद को उजागर कर कर्तव्य और सत्य की विजय पताका को भी लहराया है। कहानी में मौलिकता, रोचकता, क्रमबद्धता, विश्वसनीयता, प्रभावात्मकता आदि गुण होने चाहिए।
मुंशी प्रेमचन्द द्वारा रचित 'पंचपरमेश्वर' एक आदर्शवादी कहानी है। इस कहानी में कहानीकार ने अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की मित्रता, अंतर्द्वद के साथ ही जुम्मन के खालाजान के प्रति कर्तव्य की सफल अभिव्यक्ति की है। जुम्मन शेख और अलगू चौधरी में घनिष्ठ मित्रता थी। इसका कारण उनका विचारों का मिलना था। दोनों एक दूसरे के प्रति गहरा विश्वास रखते थे। जब कभी भी उन्हें घर से बाहर जाना पड़ता तो वह एक दूसरे के भरोसे अपना घर छोड़कर जाते । जुम्मन शेख की एक बूढ़ी मौसी थी, वह जुम्मन के साथ ही रहती थी। जुम्मन ने मौसी से जीवन भर उसकी सेवा का वायदा किया था परन्तु जमीन-जायदाद अपने नाम करवाने के बाद से ही मौसी की सेवा, सत्कार बंद हो गया। इस बात से मौसी और जुम्मन की पत्नी में आय दिन झगड़े होने लगे। मौसी के प्रति जुम्मन के व्यवहार में भी बदलाव आ गया था। पति-पत्नी के इस कठोर व्यवहार से मौसी बहुत दःखी हो गई थी। उसने पंचायत बुलाने का निर्णय किया। अलगू चौधरी को सभी की सम्मति से सरपंच नियुक्त किया जाता है। पंचायत ने मौसी की करुण कथा सुनने के बाद फैसला मौसी के पक्ष में सुना दिया। इस फैसले के बाद से ही जुम्मन अलगू को अपने शत्रु मानने लगा और उससे बदला लेने की ठान लेता है। शीघ्र ही उसे यह अवसर अलगू और समझू साहू के बीच चल रहे झगड़े में प्राप्त हो गया । जुम्मन को सरपंच चुना गया। सरपंच के पद की मर्यादा रखते हुए जुम्मन ने न्यायसंगत फैसला सुनाया। सब हैरान थे। फैसला अलगू चौधरी के पक्ष में आता है। पंचपरमेश्वर की जयघोष होने लगती है।
कहानी की कथावस्तु में मौलिकता, रोचकता, विश्वसनीयता आदि गुण स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हैं। अतः कथावस्तु की दृष्टि से पंचपरमेश्वर' एक सफल कहानी है।
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