अनुवाद की अवधारणा - (1) संस्कृत साहित्य में अनुवाद की अवधारणा (2) अंग्रेजी साहित्य में अनुवाद की अवधारणा। अनुवाद शब्द "वद् " धातु से बना है, जिसका अर्
अनुवाद की अवधारणा स्पष्ट करें।
अनुवाद की अवधारणा - Anuvad ki Avadharna
- संस्कृत साहित्य में अनुवाद की अवधारणा
- अंग्रेजी साहित्य में अनुवाद की अवधारणा
अनुवाद शब्द "वद् " धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है "बोलना" या " कहना " " वद् " धातु में " धत्र्" प्रत्यय लगने से "वाद " शब्द बनता है और फिर उसमें "अनु " उपसर्ग जुड़ने से " अनुवाद " शब्द बना है।
आज "अनुवाद "का अर्थ भाषांतरण से लिया जाता है, लेकिन संस्कृत साहित्य में अनुवाद का आशय किसी बात को दोहराने या सप्रयोजन उसकी पुनरावृति करने से था। इसीलिए अनुवाद का अर्थ अनुवचन, अनुकथन, पुन: कथन और पुनरावृति लिया जाता था। इस प्रकार गुरूं के वचनों को शिष्यों द्वारा दोहराना, विद्यार्थियों द्वारा अपने एक साथी के बाद गिनती या पहाड़े बार-बार दोहराना, किसी नाट्य मंच पर किसी व्यिक्त दवारा पर्दे के पीछे से बोले गए संवादों को मंच पर किसी पात्र द्वारा दोहराना जैसी प्रक्रिया को अनुवाद कहते थे। कभी-कभी कम शिक्षित पात्र के अशुद्ध उच्चारण या कथन को शुद्ध रूप में उच्चारित करना भी अनवाद कहलाता था अथवा जटिल या कठिन शब्दों या वाक्यों को उसी भाषा में सरल करके प्रस्तुत करना भी अनुवाद कहलाता था। संस्कृत साहित्य में अनुवाद के बारे में जो अवधारणाएं मिलती हैं वे इस प्रकार हैं :
1. ऋग्वेद (2.13.3) अन्वेको वदति यद्ददाति।
यहां "अनु...वदति" का अर्थ है "दुहराता है" या "पीछे से कहता है"| ऋग्वेद में एक अन्य स्थान पर आया है -
2. पाणिनि की अष्टाध्यायी में भी "अनुवाद" शब्द का प्रयोग मिलता है --
अनुवादे चरणानाम् (2.4.3) इस सूत्र के "अनुवाद " शब्द की भट्टोज्रि दीक्षित व्याख्या करते हैं --
सिद्धस्य उपन्यासे
3. जैमिनीय न्यायमाला (1.4.6) में आता है --
ज्ञातस्य कथनमनुवादः।
अर्थात् ज्ञात का कथन अनुवाद है।
4. मनुस्मृति के प्रसिद्ध टीकाकार कुल्लूक भट्ट (4.124 पर) कहते हैं --
सामगानश्रुतौ ऋग्यजुषोरनध्याय उक्तस्तस्यायमनुवादः ।
यहां भी "अनुवाद " का अर्थ "पुन:कथन " ही है।
5. शब्दार्थ चिंतामणि
1. प्राप्तस्य पुन:कथनेऽनुवादः
(पहले कहे गए वचन का पुनर्कथन ही अनुवाद है।)
2. ज्ञातार्थस्य प्रतिपादने अनुवादः
(ज्ञात अर्थ का प्रतिपादन ही अनुवाद है।)
ब्राह्मण ग्रन्थों वृहदारण्यक उपनिषद, यास्क के निरुक्त, न्यायसूत्र, न्यायदर्शन, जैमिनीय न्यायमाला में "दुबारा कहना " या "पुन: कथन " अर्थ में "अनुवाद " का प्रयोग मिलता है। इस प्रकार संस्कृत साहित्य में अनुवाद से तात्पर्य उसी भाषा में पुनर्कथन से है, भाषा बदलने से नहीं।
(ख) अंग्रेजी साहित्य में
Translation शब्द के मूल में फ्रांसीसी भाषा का शब्द Transferre है और लैटिन भाषा का शब्द Trans-latum शब्द से अंग्रेजी में Trans+lation शब्द बना है। Trans का अर्थ होता है - पार, lation का अर्थ होता है - ले जाना।
इस प्रकार Transferee/Translation शब्द का अर्थ है इस पार से उस पार ले जाना अर्थात् एक भाषा में व्यक्त विचारों को दूसरी भाषा में ले जाना। संभवत: इस शब्द के उद्गम का एक कारण यह भी रहा है कि संसार के सभी बड़े-बड़े नगर या बड़ी-बड़ी बस्तियाँ बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे बसी हुई हैं। इसलिए नदी के इस पार वाले लोग जब नदी के उस पास जाते रहे होंगे तो वे इस प्रकार के शब्दों अभिव्यक्तियों आदि को इस पार से उस पार और उस पार से इस पार लाते होंगे इसलिए इसीलिए Translation=Translation शब्द का इन अर्थो में प्रयोग होता रहा होगा।
हालांकि जैसे बताया गया है कि हमारे संस्कृत साहित्य में अनुवाद से तात्पर्य उसी भाषा में पुन: कथन, पुन: बोलना और पुनरावृत्ति करना था, लेकिन बाद में भाषा बदलने अर्थात Translation शब्द के लिए हमने "अनुवाद" शब्द का प्रयोग करना आरंभ कर दिया है जो अब रूढ़ हो चुका है। आज अंग्रेजी के Translation शब्द का अर्थ अनुवाद ही हो गया है।
Translation consists in producing in the receptor language the closest natural equivalent to the message of the source language, first in meaning and second in style.
(स्रोत भाषा में कही गई बात को लक्ष्य भाषा में उसके सहज और निकटतम अर्थ देने वाले शब्दों दवारा व्यक्त करना अनवाद है परंत इसमें पहली प्राथमिकता अर्थ को और दसरी शैली को दी जानी चाहिए।) -Nida (नाइडा)
The action or process of turning from one language into another, also the product of this, a version in a different language.
(किसी एक भाषा के लेख एवं उसकी लेखन शैली को किसी दूसरी भाषा में अंतरित करने की क्रिया अथवा प्रक्रिया को अनुवाद कहते हैं।) - Oxford English Dictionary
The replacement of textual material in one language (SL) by equivalent textual material in another language (TL).
(किसी एक भाषा (स्रोत भाषा) की पाठ्य सामग्री को किसी दूसरी भाषा (लक्ष्य भाषा) में उसी रूप में रूपांतरित करने का नाम अनुवाद है।) - Catford
To translate is to change into another language retaining the sense.
(अनुवाद मूल के भावों की रक्षा करते है र उसे दूसरी भाषा में बदल देना है।) - Samual Johnson
Translation is a mode of self-expression, it springs from a desire to instruct and to enrich literature.
एक भाषा में व्यक्त विचारों को यथासंभव समान और सहज अभिव्यक्तिद्वारा दूसरी भाषा में व्यक्त करने का प्रयास अनुवाद है। - डा. भोलानाथ तिवारी
A translation is perhaps the most direct form of commentary.
(अनुवाद संभवत: टिप्पणी का सर्वाधिक प्रत्यक्ष रूप है।) - रोजेटी
Translation is unification of cultural contexts.
अनुवाद, सांस्कृतिक संदर्भो का एकीकरण है। - सुविख्यात समाजशास्त्री मलिनॉस्की
अनुवाद एक प्रकार से दो संस्कृतियों के बीच सांस्कृतिक सेतु का महत कार्य करता है। - प्रो. गोपीनाथन
अनुवाद भाषाओं की नहीं प्रत्युत संस्कृतियों की अदला-बदली है। - जे.बी. कांसाग्रांदे
एक भाषा के प्रतीकों के स्थान पर दूसरी भाषा के निकटतम समतुल्य और सहज प्रतीकों का प्रयोग ही अनुवाद है। - एफ. ग्रीन
समस्त अभिव्यक्ति अनुवाद है, क्योंकि वह अव्यक्त को भाषा में प्रस्तुत करती है। - अज्ञेय
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