रॉबर्ट डाहल की राजकीय विचारधारा
अमेरिकी विचारक रॉबर्ट डाहल ने वर्तमान राजनीतिक व्यवस्थाओं का विश्लेषण करते हुए राज्य व राजव्यवस्था से सम्बन्धित कुछ विशिष्ट विचारों का प्रतिपादन किया है। यह रॉबर्ट डाहल की 'राज्यकीय विचारधारा' के नाम से जाने जाते हैं। इसके अन्तर्गत रॉबर्ट डाहल का मानना है कि व्यवस्था में उच्च अधिकारियों समेत कुछ नेता एक निश्चित विचारधारा को दर्शाते रहते हैं जो कि न केवल नेतृत्व को न्यायसंगत ठहराती है, अपितु समग्र राजनीतिक व्यवस्था को भी न्यायसंगत ठहराती है। रॉबर्ट डाहल के अनुसार राज्यकीय विचारधारा किसी भी व्यवस्था के धार्मिक, तार्किक, तथ्यात्मक, एवं अन्य प्रकार के विश्वासों को दर्शाती है, जो कि व्यवस्था द्वारा अपनाये गये हों। राज्यकीय विचारधारा को स्पष्ट करते हुए रॉबर्ट डाहल लिखते हैं कि-"राज्यकीय विचारधारा उन विश्वासों का स्थिर समूह है, जो कि व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपनाये गये हैं।" राज्यकीय विचारधारा एक प्रकार से अति-लोचशील एवं परिवर्तनीय युक्तियों एवं विचारों का समूह है।