रेल परिवहन किसे कहते हैं : इस लेख में जानिए रेल परिवहन क्या है, रेल परिपवहन के लाभ तथा समस्याएँ / नुकसान, रेल परिवहन की भाषा तथा प्रकार।
रेल परिवहन - परिभाषा तथा महत्व (Rail Transport in Hindi)
रेल परिवहन किसे कहते हैं : इस लेख में जानिए रेल परिवहन क्या है, रेल परिपवहन के लाभ तथा समस्याएँ / नुकसान, रेल परिवहन की भाषा तथा प्रकार।
रेल परिवहन (Rail Transport in Hindi)
रेलगाड़ी द्वारा सामान और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने को रेल परिवहन कहते हैं। हमारे देश की भू-परिवहन व्यवस्था में रेल परिवहन का महत्वपूर्ण स्थान है और लंबी दूरी तक सामान और यात्रियों को लाने-ले जाने की यह सबसे विश्वसनीय व्यवस्था है।
भारतीय रेल की स्थापना 1853 में हुई तथा मुंबई (बंबई) से थाणे के बीच 34 कि.मी. लंबी रेल लाइन निर्मित की गई। देश में भारतीय रेल सरकार का विशालतम उपक्रम है। भारत में लंबी दूरी के अलावा कुछ महानगरों में स्थानीय रेलगाड़ियाँ या मेट्रो रेलगाड़ियाँ यात्रियों को स्थानीय यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध कराती हैं। कुछ पर्वतीय क्षेत्रों को छोड़ कर रेल परिवहन पूरे देश में उपलब्ध है।
भारत में दो प्रकार की रेलगाड़ियाँ है। एक यात्री गाड़ियाँ और दूसरी माल गाड़ियाँ। यात्राी गाड़ियों से यात्री और कुछ सामान, जबकि मालगाड़ियों से केवल सामान एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया व ले जाया जाता है। ये गाड़ियाँ रेल इंजनों द्वारा खींची जाती हैं और उनमें भाप, डीजल या विद्युत शक्ति का प्रयोग होता है। रेल परिवहन के लाभों और समस्याएं इस प्रकार हैं। इसका अति विशाल आकार वेंफद्रीकृत रेल प्रबंधन तंत्रा पर अत्यधिक दबाव डालता है। अतएव भारतीय रेल को 16 मंडलों में विभाजित किया गया है।
रेल परिवहन के लाभ
रेल परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं:
- लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह सबसे अध्कि सुविधजनक साधन है।
- यह सड़क परिवहन की अपेक्षा ज्यादा तेज है।
- भारी सामान या ज्यादा मात्रा में सामान को लंबी दूरी तक ले जाने के लिए यह उपयुक्त साधन है।
- खराब मौसम, जैसे कि बाढ़, वर्षा, कोहरे आदि का इस पर बहुत कम असर पड़ता है।
रेल परिवहन की समस्याएँ
रेल परिवहन की निम्नलिखित समस्याएँ हैं:
- थोड़ी दूरी तक माल तथा यात्रियों को ले जाने के लिए यह महंगा पड़ता है।
- देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में यह उपलब्ध नहीं हैं।
- रेल गाड़ियाँ एक निर्धरित समय-सारणी के अनुसार चलती है और इनसे कहीं भी और कभी भी माल को चढ़ाना या उतारना संभव नहीं होता।
- दुर्घटना की स्थिति में इससे जान-माल का भारी नुकसान होता है।
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