इस लेख में पढ़ें " जीवन बीमा का महत्व पर निबंध ", " Essay on Life Insurance in Hindi ", " Jeevan Bima par Nibandh &q...
इस लेख में पढ़ें "जीवन बीमा का महत्व पर निबंध", "Essay on Life Insurance in Hindi", "Jeevan Bima par Nibandh" for Students.
Hindi Essay on "Life Insurance", "जीवन बीमा का महत्व पर निबंध"
जीवन बीमा पर निबंध
बीमा का अर्थ है -इंश्योरेंस। बीमा वह साधन हैं जिसके द्वारा हम कुछ शुल्क (प्रीमियम) जमा करके हानि का जोखिम दूसरे पक्ष अर्थात बीमा करने वाली कंपनी (बीमाकार या बीमाकर्ता) पर डाला जा सकता है। जो पक्ष बीमा पालिसी लेता है उसे 'बीमाकृत' कहते हैं। वास्तव में बीमा बीमाकर्ता और दूसरा बीमाधारक के बीच एक ऐसा अनुबंध होता है जिसमे नुकसान, नुर्धतना या हानि की स्थिति में बीमा कंपनी एक निश्चित राशी की भरपाई का वायदा करती है ।
जीवन बीमा से लाभ
जीवन बीमा हमारे लिए अत्यधिक उपयोगी है। हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए तो जीवन बीमा लाभदायक है ही, साथ ही राष्ट्रीय हित के लिए भी जीवन बीमा आवश्यक है । हमारे व्यक्तिगत जीवन में जीवन बीमा का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि हम अपना बीमा करवा लेते हैं तो हम अपने परिवार की ओर से निश्चित हो जाते हैं । जीवन बीमा के लाभों को नीचे दिए शीर्षकों में समझाया गया है .
दुर्घटना बीमा कवर
भविष्य पूर्णतः अनिश्चित घटना होती है कई बार हम दुर्घटनाओं या बीमारियों का शिकार हो जाते है। दुर्घटना के बाद इलाज करवाने में बड़ी लागत के जरुरत होती है। जीवन बीमा व्यक्ति को ऐसे समय में अपेक्षाओं के मुताबिक सहयता प्रदान करती है।
सुनिश्चित आय
कुछ योजनाएं ऐसी है जिनसे आप रिटायरमेंट के बाद एक न्यूनतम आय सुनिश्चित कर सकते है। इसके अंतर गत आप निश्चित समय के भीतर पैसों की बचत करते जाते है, बाद में यही पैसा आपको एक आय के रूप में वापस मिलते है। ये रिटायरमेंट के समय एक निश्चित आय का काम करती है।
ऋण की सुविधा
जो लोग जीवन बीमा पालिसी धारक होते हैं, जरुरत पड़ने पर वह अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से लोन अथवा ऋण का लाभ उठाने का उठा सकते है। जो उन्हें खरीदी गई पॉलिसी पर सुनिश्चित लाभों को काम किये बिना उनके जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।
आयकर लाभ
जीवन बीमा की पालिसी लेने पर करों पर आकर्षक लाभ छूट प्रदान होती है और जिससे आप धन कि एक बड़ी राशि की बचत कर पाते है। लगभग सभी जीवन बीमा पॉलिसी लेने पर सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी प्रीमियम के भुगतान पर आयकर कटौती का लाभ प्रदान करती हैं और 10 (10) डी के तहत कर-मुक्त इंश्योरेंस राशि भी प्रदान करती हैं।
भारत में प्रमुख जीवन बीमा योजनायें
भारत की प्रमुख जीवन बीमा योजनायें इस प्रकार हैं -
योजनायें | न्यूनतम / अधिकतम प्रवेश आयु | अधिकतम परिपक्वता आयु | न्यूनतम सम एश्योर्ड |
एचडीएफसी लाइफ संचय प्लस | 5 साल / 60 साल | 80 साल | प्रीमियम के आधार पर |
आईसीआईसीआई आईप्रोटेक्ट स्मार्ट | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 75 साल | न्यूनतम प्रीमियम के अधीन (2,400 रुपये) |
मैक्स लाइफ स्मार्ट टर्म प्लान प्लस | 18 वर्ष / 60 वर्ष | 85 साल | 25 लाख |
एलआईसी टेक टर्म प्लान | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 80 साल | 50 लाख |
एसबीआई ई-शील्ड प्लान | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 80 साल | 35 लाख |
एसबीआई शुभ निवेश प्लान | 18 वर्ष / 60 वर्ष | 65 साल | 75,000 (x 1000) |
कोटक लाइफ ई-टर्म प्लान | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 75 साल | 25 लाख |
एचडीएफसी क्लिक2प्रोटेक्ट प्लस | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 85 साल | 25 लाख |
एगॉन आईटर्म प्लान | 18 वर्ष / 65 वर्ष | 100 वर्ष | 25 लाख |
बजाज आलियांज आई सिक्योर टर्म प्लान | 18 वर्ष / 60 वर्ष | 70 साल | 2.5 लाख |
जीवन बीमा के विरोध में तर्क
- जीवन बीमा के विरोध में दिये जाने वाले तर्क और उनकी समीक्षा-भारत में ऐसे व्यक्तियों की भी कमी नहीं है जिनका दृष्टिकोण अत्यन्त संकुचित है और वे स्वयं तो अपना बीमा कराते ही नहीं, साथ ही अपने मित्रों को भी यह सलाह देते हैं कि जीवन-बीमा से लाभ नहीं है । ये लोग यह प्रदर्शित करते हैं कि वे चार्वाक के अनुयायी हैं। वे कहते हैं कि जब हम ही मर जायेंगे तो हमारे द्वारा जमा किया गया धन किस काम का ? हमारे बच्चे और स्त्री आदि तभी तक हमारे हैं जब तक कि हम हैं और 'जब मुंद गयी आँखें तो लाखों किस काम की' । यदि दार्शनिक दृष्टि से देखा जाय तो इन लोगों का कथन सत्य ही प्रतीत होता है, परन्तु इस सम्बन्ध में स्मरण रखना चाहिए कि 'अधिक ज्ञान बघारना सत्यानाश की जड़ है' । यदि इनकी निगाह से देखें तो संसार के समस्त कार्य हो व्यर्थ हैं। जब हम अपने पुत्रों और परिवार वालों के लिए कुछ नहीं कर सकते तो हमारे जीने से क्या लाभ ? मनुष्य और पशु में अन्तर ही क्या रहा ? संसार का यह जो चक्र चलता रहता है, इसके मध्य सूचारु रूप से जीवनयापन करते रहना और आने वाली संतति के लाभ के लिए प्रयत्न करते रहना ही मानव का सबसे बड़ा कर्तव्य है । थोथा ज्ञान व्यर्थ है।
- बीमा विरोधियों का एक अन्य तर्क यह है कि भारत में रुपये की कीमत दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है, आज से २० वर्ष पूर्व जो रुपये की कीमत थी वह आज नहीं है और जो कीमत आज है वह आज से २० वर्ष बाद नहीं रहेगी। इस सम्बन्ध में यह स्मरण रखना चाहिए कि मुद्रा की कीमत घटने या बढ़ने की बात तो समय पर निर्भर करती है। यह ठीक है कि आज से २० वर्ष पहले जिन्होंने दो हजार रुपये का बीमा कराया होगा और उनकी जो धनराशि आज मिली होगी उसे देखते हुए उन्हें विशेष आर्थिक लाभ नहीं हुआ होगा परन्तु यह सोचना ठीक नहीं है कि रुपये की कीमत जो आज है आज से २० वर्ष बाद उससे भी कम हो जायेगी। यदि कम हो भी जाय तो इसकी चिन्ता व्यर्थ है । जो धन आज हम अनिवार्य रूप से जमा नहीं करेंगे उसे हम अवश्य ही खर्च कर डालेंगे। इसलिए जीवन बीमा यह सोचकर न करवाना कि रुपये की कीमत घट जायेगी, उचित नहीं है।
- जीवन बीमा के विरोधी एक तर्क यह प्रस्तुत करते हैं कि जीवन बीमा निगम हमारे द्वारा जमा किए गए धन पर जो ब्याज देता है वह अन्य स्थानों से मिलने वाले ब्याज की अपेक्षा बहुत कम है । यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्तिगत उद्योग के लिए कुछ धन ऋण पर दे तो उस पर जीवन बीमा निगम में जमा करने वाले धन की अपेक्षा अधिक ब्याज मिलेगा । बीमा के विरोधियों का यह तर्क भी ठीक नहीं है। यह तो ठीक है कि बहत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ हमारे धन पर अधिक ब्याज मिल सकता है परन्तु यह भी हो सकता है कि हमारा धन ही डूब जाय और हमें आगे चलकर कुछ भी न मिले । जीवन-बीमा हमारे जीवन की सुरक्षा की भी गारण्टी लेता है जो अन्य कोई भी संस्थान जहाँ कि हम धन देंगे, लेने को तैयार नहीं होगा। कौन सा ऐसा मिल मालिक होगा जो हम से २० रुपये प्रतिमाह लेने के बाद यह कहे कि दुर्भाग्यवश दो वर्ष में आपकी मृत्यु हो जायगी तो आपके घर वालों को हम ५ हजार रुपये दंगे। यह कार्य तो केवल जीवन-बीमा निगम ही कर सकता है। अतएव यह सोचकर कि जीवन बीमा निगम हमारे धन पर हमें बहुत कम सूद देता है, बीमा न कराना उचित नहीं है।
भारत में जीवन बीमा निगम की स्थिति
जीवन बीमा के महत्व और उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए हो हमारे देश में बीमे को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आज से कुछ वर्ष पूर्व लोग बीमा कराने में अधिक विश्वास नहीं करते थे परन्तु प्रसन्नता की बात है कि आज स्थिति बदल गयी है और लोग प्रसन्नता से बीमा कराते हैं। सरकारी कर्मचारियों और बहुत से शिक्षकों आदि के लिए जीवन-बीमा अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही अनेक ऐसी संस्थाएँ हैं जहाँ अनिवार्य रूप से जीवन बीमा का नियम है । परन्तु अभी जीवन बीमा के क्षेत्र में हम अन्य देशों के मुकाबले बहुत पीछे हैं । हमारी अशिक्षित ग्रामीण जनता जीवन-बीमा से लाभ नहीं उठा पाती। इसके लिए आवश्यकता इस बात की है कि जीवन-बीमा के महत्व को समझाने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किया जाय । गांव में बहुत अधिक प्रचार करने की आवश्यकता है और इसलिए हर सम्भव प्रयास किया जाना चाहिए । इस बात की भी आवश्यकता है कि जीवन-बीमा निगम प्रति वर्ष अपने द्वारा जमा किये गये और व्यय किये गये धन के आँकड़े जनता के सन्मुख रखे जिससे कि बीमा कराने वालों को इस बात का संतोष हो सके कि उनका धन उचित रूप में व्यय हो रहा है। जीवन बीमा निगम की बीमा कराने वालों को और अधिक सुविधाएं देनी चाहिये । जीवन बीमा निगम मकान आदि बनवाने के लिए तो ऋण देता है परन्तु इसके साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी ऋण देने की व्यवस्था की जानी चाहिये।
निष्कर्ष
जीवन-बीमा हमारे लिए अत्यन्त उपयोगी और लाभदायक हैं। हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक देश है और हमारी सरकार ऐसे कार्यों को करने के लिए दृढ़ संकल्प है जिनसे कि जनता का अधिक से अधिक हित हो सके । यदि हम जीवन बोमा कराते हैं तो अपने भविष्य से तो निश्चिन्त होते ही हैं साथ ही देश के नवनिर्माण में भी योगदान करते हैं। इसलिए हम सबका कर्तव्य हैं कि हम जीवन-बीमा को प्रोत्साहन दें।
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