राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर निबंध। Pratibha Patil Essay in Hindi : श्रीमती प्रतिभा पाटिल भारत की पूर्व राष्ट्रपति हैं, वह देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति भी हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी श्री भैरोसिंह शेखावत को 3 लाख मतों से पराजित करके 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। उनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को नंदगाँव (महाराष्ट्र) में श्री नारायण राव पाटिल के घर पर हुआ था। उन्होंने जलगाँव के एम. जे. (मूलजी जैथा) कॉलेज से एम.ए. किया है और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई से लॉ की डिग्री ली है। अपने कॉलेज के दिनों में वह टेनिस की अच्छी खिलाड़ी थीं और उन्होंने कई टूर्नामेंट भी जीते थे।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर निबंध। Pratibha Patil Essay in Hindi
उनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को नंदगाँव (महाराष्ट्र) में श्री नारायण राव पाटिल के घर पर हुआ था। उन्होंने जलगाँव के एम. जे. (मूलजी जैथा) कॉलेज से एम.ए. किया है और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई से लॉ की डिग्री ली है। अपने कॉलेज के दिनों में वह टेनिस की अच्छी खिलाड़ी थीं और उन्होंने कई टूर्नामेंट भी जीते थे।
7 जुलाई 1965 में श्री देवीसिंह शेखावत से उनका विवाह हुआ था। उनके मात्र दो संतानें हैं- एक पुत्र और एक पुत्री। सन् 1962 में संप्रति राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को एम. जे. कॉलेज ने कॉलेज क्वीन के लिए अपना मत दिया था। उसी वर्ष उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से ऐदलाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ा था और चुनाव में विजय हासलि की थी। वह सन् 2004 से 2007 तक राजस्थान की प्रथम महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। आज तक उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अपने हर चुनाव में विजय हासिल की है। केवल राजनीतिक क्षेत्र में ही वह अव्वल नहीं रहीं अपितु अपने पति के साथ मिलकर उन्होंने विद्या भारती शिक्षण प्रसारक मंडल नामक एक शैक्षणिक संस्थान की भी स्थापना की है जिसके अंतर्गत जलगाँव एवं मुंबई में कई स्कूल र कॉलेज चलते हैं। इसके अलावा उन्होंने श्रम साधना ट्रस्ट की भी स्थानपना की है जिसकी देख-रेख में नई दिल्ली¸मुंबई वं पुणे में कामकाजी महिलाओं के लिए होस्टल चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने जलगाँव में एक इंजीनियरिंग स्कूल¸ अंधों के लिए एक स्कूल और गरीबों के लिए भी कई स्कूल बनवाए हैं जो सिक्षा के क्षेत्र में अपनी अहम बूमिका निभा रहे हैं।
यह सत्य कम ही लोग जानते हैं कि संजय गाँधी की मृत्यु के पश्चात् प्रतिभा जी ने इंदिरा गाँधी की रसोई संभाली थी। दिसंबर 1977 में उन्होंने इंदिरा गाँधी की गिरफ्तारी का विरोध किया था और वह 10 दिनों तक जेल में भी रही थीं। फिर 1978 में महाराष्ट्र में कांग्रेस जब सत्ता में आई तो उनको राज्यसभा में विरक्ष का नेता चुना गया था। प्रतिभा पाटिल को क बार राज्यसभा के लिए भी चुना गया था और नवंबर 1986 से नवंबर 1988 तक वह डिप्टी चेयरपर्सन रही थीं।
निस्संदेह राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल बहुमुखी प्रतिभा के साथ-साथ एक अत्यंत उदार महिला भी हैं।
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