मरुस्थलीय मिट्टी और जलोढ़ मिट्टी में अंतर - मरुस्थलीय मिट्टी, कम वर्षा वाले शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है जबकि जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदियों द्वारा
मरुस्थलीय मिट्टी और जलोढ़ मिट्टी में अंतर - Difference between Desert Soil and Alluvial Soil in Hindi
मरुस्थलीय मिट्टी: मरुस्थलीय मिट्टी, कम वर्षा वाले शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है। मरुस्थल में जल या वर्षा की अनुपस्थिति के कारण मिट्टी में नमी कम होती है। भारत में मरुस्थलीय मिट्टी राजस्थान, हरियाणा, कच्छ, सौराष्ट्र एवं दक्षिणी पंजाब आदि राज्यों में पायी जाती है।
जलोढ़ मिट्टी: जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदियों द्वारा गाद के जमाव से होता है। जलोढ़ मिट्टी दो प्रकार की होती है, खादर और बांगर। पुराने जलोढ़ को खादर कहते हैं जबकि नए जलोढ़ को खादर कहते हैं। भारत के उत्तरी मैदान तथा प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानों में जलोढ़ मिट्टी मिलती है। यह अत्यंत ऊपजाऊ है इसे जलोढ़ या कछारीय मिट्टी भी कहा जाता है
मरुस्थलीय मिट्टी और जलोढ़ मिट्टी में अंतर
मरुस्थलीय मिट्टी | जलोढ़ मिट्टी |
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मरुस्थलीय मिट्टी का विकास अत्यधिक तापमान वाले ऐसे जलवायवीय क्षेत्रों में होता है, जहाँ वर्षा नगण्य तथा वाष्पीकरण की दर अत्यधिक होती है। | जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदियों द्वारा गाद के जमाव से होता है। जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के कण भी होते हैं। |
भारत में मरुस्थलीय मिट्टी राजस्थान, हरियाणा, कच्छ, सौराष्ट्र एवं दक्षिणी पंजाब आदि राज्यों में पायी जाती है। | जलोढ़ मिट्टी सिन्धु-गंगा के मैदानी इलाकों, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में पायी जाती है। |
मरुस्थलीय मिट्टी आमतौर पर भूरे, हल्के भूरे, या लाल रंग की होती है। | जलोढ़ मिट्टी का रंग हल्के धूसर से राख धूसर जैसा होता है। इसका रंग निक्षेपण की गहराई, जलोढ़ के गठन और निर्माण में लगने वाली समयावधि पर निर्भर करता है। |
मरुस्थलीय मिट्टी में ज्वार, बाजरा, रागी, सरसों और तिलहन आदि की खेती की जाती है। | इसमें चावल, गेहूं, गन्ना, तंबाकू, मक्का, जूट, तिलहन, फल, सब्जियां आदि जैसी कई फसलें उगाई जाती हैं। |
रेतीली मिट्टी की जल धारण क्षमता बहुत कम होती है। इसमें जल अधिक समय तक नहीं ठहरता। | जलोढ़ मिट्टी सूक्ष्म तथा मध्यम कणों से निर्मित होती है। इसमें जल देर तक ठहर सकता है। |
ह्यूमस एवं जैव पदार्थों की न्यूनता के कारण मरुस्थलीय मिट्टी अनुर्वर होती है। | जलोढ़ मिट्टी में खनिजों और ह्यूमस की प्रचुर मात्रा के कारण यह बहुत उपजाऊ होती है। |
मरुस्थलीय मिट्टी को दो भागों में विभाजित किया गया है (1) रिगोसोलिक तथा (2) लिथोसोलिक। | जलोढ़ मिट्टी को दो भागों में बांटा गया है (1) बांगर तथा (2) खादर। |
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