प्रशांत महासागर का ज्वालावृत्त (Pacific Ring of Fire in Hindi)-विश्व के ज्वालामुखियों का लगभग दो तिहाई भाग प्रशांत महासागर के दोनों तटीय भागों, द्वीप
प्रशांत महासागर का ज्वालावृत्त किसे कहते हैं (Pacific Ring of Fire in Hindi)
प्रशांत महासागर का ज्वालावृत्त (Pacific Ring of Fire in Hindi)-विश्व के ज्वालामुखियों का लगभग दो तिहाई भाग प्रशांत महासागर के दोनों तटीय भागों, द्वीप चापों तथा समुद्रीय द्वीपों के सहारे पाया जाता है ज्वालामुखी की इस श्रेणी को 'प्रशांत महासागर का ज्वालावृत्त', प्रशांत 'रिंग ऑफ फायर' या सर्कम-पैसिफिक बेल्ट कहते हैं। रिंग ऑफ फायर लगभग 40,000 किलोमीटर लंबी है और इसमें 450 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं। ज्वालामुखी और भूकंप के कारण प्रशांत महासागर के ज्वालावृत्त के क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अधिक होता है।यह पेटी अन्टार्कटिका के एरेबस पर्वत से शुरू होकर दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट एण्डीज पर्वतमाला के सहारे उत्तरी अमेरिका के राकीज पर्वत के ज्वालामुखियों को सम्मिलित करके पश्चिमी तटीय भागों के सहारे अलास्का तक पहुँचती है। यहाँ ये शृखंला मुड़कर एशिया पूर्वी तटीय भाग के सहारे जापान द्वीप समूह तथा फिलीपाइन द्वीप समूह के ज्वालामुखी पर्वतों को सम्मिलित करती हुई पूर्वी द्वीप समूह पहुँचकर मध्य महाद्वीपीय पेटी में मिल जाती है। यह ज्वालावृत्त विनाशी प्लेट किनारे पर पाया जाता है। विनाशी प्लेट सीमान्त वह सीमान्त है जहां प्लेटें एक-दूसरे की ओर बढ़ती हैं और टकराती हैं। इस टकराव में भारी प्लेट हल्की प्लेट के नीचे चली जाती है।
प्रशांत महासागर के ज्वालावृत्त के कुछ प्रमुख ज्वालामुखी निम्नलिखित हैं: उदाहरण-फ्युजीयामा, माउण्ट ताल, माउण्ट मेयान, पिनाटुबा, माउण्ट शस्ता, माउण्ट रैनियर माउण्ट हुड, माउंट एटना, माउंट प्लेटो, माउंट सेंट हेलेन्स, माउंट व्हिट, चिम्बरेजों आदि।
प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ़ फ़ायर में इतने ज्वालामुखी पाए जाने की वजह है, प्लेट टेक्टोनिक्स। प्लेट टेक्टोनिक्स की वजह से पृथ्वी की पपड़ी के टुकड़े आपस में टकरा जाते हैं। जब दो स्थलमंडलीय प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो ज़्यादा भार वाली प्लेट कम भार वाली प्लेट के नीचे धंस जाती है। ज़्यादा गहराई में जाने पर यह प्लेट पिघलकर मैग्मा में बदल जाती है। यही मैग्मा ज्वालामुखी के रूप में धरातल पर प्रकट होता है।
यह वृत्त लगभग 40,000 किलोमीटर लंबा है और इसमें 450 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी स्थित हैं। ज्वालामुखी और भूकंप के कारण प्रशांत महासागर के ज्वालावृत्त के क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा अधिक होता है। प्रशांत महासागर के ज्वालावृत्त के कुछ प्रमुख भूकंप केंद्र निम्नलिखित हैं:
- जापान
- इंडोनेशिया
- चिली
- पेरू
- संयुक्त राज्य अमेरिका
COMMENTS