काली मिट्टी और लेटराइट मिट्टी में अंतर बताइए (Difference between black soil and laterite soil in Hindi) काली मिट्टी का रंग काला होता है; अतः इसे 'काली
काली मिट्टी और लेटराइट मिट्टी में अंतर बताइए (Difference between black soil and laterite soil in Hindi)
काली मिट्टी: काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, काली कपास मिट्टी, और लावा मिट्टी भी कहा जाता है। भारत में काली मिट्टी मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, और कर्नाटक में पाई जाती है। यह मिट्टी नमी को बनाए रखने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है। काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण फसल कपास है।
लैटेराइट मिट्टी: लैटेराइट मिट्टी लाल से पीले रंग की होती है। यह मिट्टी आयरन ऑक्साइड और पोटाश से भरपूर है। भारत में लैटेराइट मिट्टी मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, और ओडिशा राज्यों में पाई जाती है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी लैटेराइट मिट्टी पाई जाती है।
काली मिट्टी और लैटेराइट मिट्टी में अंतर
काली मिट्टी (रेगुर) | लैटेराइट मिट्टी |
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काली मिट्टी का रंग काला होता है; अतः इसे 'काली मिट्टी' कहा जाता है। | लैटेराइट मिट्टी का रंग लाल या पीला होता है। |
काली मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी क्रिया द्वारा लावा प्रवाह से हुआ है। | लैटेराइट मिट्टी का निर्माण उष्ण कटिबन्धीय भारी वर्षा द्वारा होने वाली तीव्र निक्षालन क्रिया का परिणाम है। |
काली मिट्टी में लोहा, मैग्नीशियम, चूना, बॉक्साइट तथा जीवांशों की मात्रा अधिक होती है। यह चिकनी तथा बारीक कणों से युक्त होती है। | लैटेराइट मिट्टी सिलिका तथा लवण कणों से युक्त होती है। इसमें चूना, फॉस्फोरस कैल्शियम और नाइट्रोजन कम मात्रा में पाया जाता है, परन्तु जीवांशों की मात्रा पर्याप्त होती है। |
काली मिट्टी में नमी धारण करने की शक्ति अत्यधिक होती है। | लैटेराइट मिट्टी में नमी धारण करने की शक्ति बहुत कम होती है। |
रेगुर मिट्टी बहुत उपजाऊ होती हैं। इसमें कपास का भारी मात्रा में उत्पादन किया जाता है। इसी कारण इसे 'कपास की काली मिट्टी' भी कहा जाता है। | उर्वरकों की सहायता से इस मिट्टी में चावल, गन्ना, काजू, चाय, कहवा, रबड़ आदि की फसलें उगायी जाती हैं। यह मिट्टी अपेक्षाकृत कम उपजाऊ होती है। |
भारत में रेगुर मिट्टी का विस्तार गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिमी मध्य प्रदेश और उत्तरी कर्नाटक राज्यों में पाया जाता है। | भारत में लैटेराइट मिट्टी ओडिशा, आन्ध्र प्रदेश, असोम, मेघालय, केरल, महाराष्ट्र के दक्षिणी भागों तथा पूर्वी कर्नाटक राज्यों में पायी जाती है। |
वर्षा होने पर यह मिट्टी चिपचिपी हो जाती है तथा सूखने पर इसमें दरारें पड़ जाती हैं। | वर्षा होने पर यह मिट्टी कोमल हो जाती है, परन्तु सूखने पर कठोर हो जाती है। |
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