श्वेत और लाल पेशी तन्तुओं में अंतर - Differences between Red and White Muscles Hindi: लाल पेशी तन्तुओं में मायोग्लोबिन नामक हीम प्रोटीन पाया जाता है।
श्वेत और लाल पेशी तन्तुओं में अंतर - Differences between Red and White Muscles Hindi
लाल तथा श्वेत पेशी तन्तुओं में अंतर: लाल पेशी तन्तुओं में मायोग्लोबिन नामक हीम प्रोटीन पाया जाता है। जबकि लाल पेशी तन्तुओं में मायोग्लोबिन अनुपस्थित होता है।लाल पेशियाँ पतले, छोटे, गहरे, लाल रंग के होतीं हैं जबकि श्वेत पेशी तन्तुमोटे, लम्बे तथा हल्के रंग के होते हैं।
श्वेत और लाल पेशी तन्तुओं में अंतर
लाल पेशी (Red muscle) | श्वेत पेशीय (White muscle) |
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लाल पेशियाँ लाल रंग की होती है जिसका कारण मायोग्लोबिन नामक हीम प्रोटीन है। | सफेद पेशियाँ सफेद या हल्के लाल रंग की होती है क्योंकि इनमें मायोग्लोबिन अनुपस्थित होता है। |
वायवीय श्वसन के कारण लाल पेशियों में लैक्टिक एसिड का संचय कम होता है। | सफेद पेशियों में लैक्टिक एसिड का संचय अधिक होता है। |
लाल पेशियाँ थकावट महसूस नहीं करतीं। | श्वेत पेशियाँ शीघ्र थकावट महसूस करती हैं। |
लाल पेशियाँ पतले, छोटे, गहरे, लाल रंग के होतीं हैं। | ये मोटे, लम्बे तथा हल्के रंग के होते हैं। |
लाल पेशियों में ऑक्सी श्वसन के फलस्वरूप ऊर्जा प्राप्त होती है। | श्वेत पेशियों में अनॉक्सी श्वसन द्वारा ऊर्जा प्राप्त होती है। |
इनमें माइटोकॉण्ड्रिया की संख्या अधिक होती है। | इनमें माइटोकॉण्ड्रिया की संख्या कम होती है। |
रक्त केशिकाएँ अपेक्षाकृत अधिक संख्या में पाई जाती हैं। | रक्त केशिकाएँ अपेक्षाकृत कम संख्या में पाई जाती हैं। |
सार्कोप्लाज्मिक जालिका कम होती है। | सार्कोप्लाज्मिक जालिका अधिक होती है। |
संकुचन धीरे-धीरे लेकिन लम्बी अवधि तक होता है।अतः स्लो फाइबर कहलाते हैं। | संकुचन अल्प समय के लिए तीव्र गति से होता है। अतः फास्ट फाइबर कहलाते हैं। |
ये उन पेशियों में पायी जाती है जिनमें संकुचन देर तक होता है जैसे: पीठ की पेशी। | ये उन पेशियों में पाए जाते हैं जिनके अल्प समय के लिए संकुचन होता है जैसे: नेत्र गोलक की पेशी। |
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