कपि और मानव में अंतर - Difference between apes and Humans in Hindi: कपि के अग्रपाद लम्बे तथा घुटनों के नीचे तक पहुँचते हैं। जबकि मानव के अग्रपाद छोटे
कपि और मानव में अंतर - Difference between apes and Humans in Hindi
कपि और मानव में अंतर: कपि के अग्रपाद लम्बे तथा घुटनों के नीचे तक पहुँचते हैं। जबकि मानव के अग्रपाद छोटे होते हैं तथा घुटनों के ऊपर ही रहते हैं। कपि पेड़ों पर वास करते हैं अर्थात् वृक्षाश्रयी (arboreal) हैं जबकि मानव स्थल पर निवास करता है।
कपि और मानव में अंतर
कपि (Apes) | मानव (Men) |
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कपि के अग्रपाद लम्बे तथा घुटनों के नीचे तक पहुँचते हैं। अग्रपादों तथा पश्चपादों से समान कार्य लेते हैं। पैर हाथों की तरह ही किसी वस्तु को पकड़ सकते हैं। | कपि की अपेक्षा मानव के अग्रपाद छोटे होते हैं तथा घुटनों के ऊपर ही रहते हैं। अग्रपादों तथा पश्चपादों के कार्य भिन्न हैं। पैर किसी वस्तु को पकड़ने में सहायक नहीं होते। |
कपि के चारों पाद जन्तु का सन्तुलन बनाने में सहायक हैं। चार पादों पर चलता है और चतुष्पादचारी है। | मानव में पश्चपाद सम्पूर्ण शरीर का भार उठाते हैं, साथ ही सन्तुलन बनाये रखने तथा सीधा चलने में सहायक होते हैं। सीधा (ऊर्ध्व) चलता है और द्विपदचारी है। |
इसका अँगूठा छोटा होता है तथा अँगुलियों के समानान्तर होता है, वस्तुओं को पकड़ने में सुविधाजनक नहीं है। | मानव का अँगूठा अधिक विकसित तथा अँगुलियों के साथ समकोण पर होता है, वस्तु को सुविधापूर्वक तथा मजबूती से पकड़ने में सहायक है। इससे वह अपने हाथों का अनेक कार्यों के लिए उपयोग कर सकता है। |
मादा के स्तन उभरे हुए नहीं होते । | मादा के स्तन उभरे हुए होते हैं। |
भौंहें मोटी तथा ऊँची होती हैं। माथा संकरा, नाक चपटी, चेहरा थूथन की तरह आगे निकला हुआ (प्रोग्नैथस = prognathus ) होता है। | भौंहें पतली तथा अपेक्षाकृत आँखों के पास होती हैं। माथा चौड़ा (ऊँचा), नाक उठी हुई, चेहरा चपटा (ऑर्थोग्नैथस = orthognathus) होता है। |
इनमें महारन्ध्र (foramen magnum) खोपड़ी के पीछे की ओर स्थित होता है। खोपड़ी कशेरुकदण्ड पर टंगी हुई होती है। | मानव में महारन्ध्र खोपड़ी के नीचे स्थित होता है। खोपड़ी कशेरुक दण्ड पर सीधी सधी होती है। |
कपालगुहा का औसत आयतन 400-450 c.c. अतः कपि मस्तिष्क बहुत कम विकसित होता है। | कपालगुहा का औसत आयतन 1450cc. अतः मानव मस्तिष्क अत्यधिक विकसित होता है। |
इनकी स्पष्ट तथा तर्कसंगत वाणी नहीं होती। इनमें सामाजिक जीवन, शिक्षा एवं भावनात्मक पक्ष का अभाव होता है। | मानव की भाषा स्पष्ट, तर्कसंगत और विकसित होती है। इनमें सामाजिक जीवन, शिक्षा एवं भावनात्मक पक्ष सुविकसित होता है। |
कपि पेड़ों पर वास करते हैं अर्थात् वृक्षाश्रयी (arboreal) हैं। | मानव स्थल पर निवास करता है अर्थात स्थलवासी (terrestrial) हैं। |
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