ऐस्कैरिसता क्या है इसके बचाव व उपचार का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए: ऐस्कैरिसता आँतों एक रोग है जो एस्केरिस लुम्बीकॉइडिस (Ascaris lumbricoides) नामक निमैट
ऐस्कैरिसता क्या है इसके बचाव व उपचार का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए
ऐस्कैरिसता (Ascariasis) : ऐस्कैरिसता आँतों एक रोग है जो एस्केरिस लुम्बीकॉइडिस (Ascaris lumbricoides) नामक निमैटोड द्वारा होता है। यह रोग छोटे बच्चों में अधिक पाया जाता है। यह रोग छोटी आंत में होता है।
संक्रमण (Infection) - एस्केरिस के अण्डे रोगी की आँत में उपस्थित होते हैं तथा मल के साथ ये बाहर आ जाते हैं। ये मिट्टी, जल, पौधों व पालतू पशुओं के दूध (थन के सम्पर्क से) को संदूषित कर देते हैं। ये संदूषित पदार्थ स्वस्थ मानव के सम्पर्क में (भोजन व दूध पीने के साथ) आते हैं तो ये अण्डे स्वस्थ मनुष्य की आँत में पहुँच जाते हैं। आँत में अण्डे का कवच घुल जाता है और लार्वा मुक्त जाता है। यह आँत की दीवारों को भेदकर रुधिर के साथ यकृत (Liver) में तथा फिर फेफड़ों (Lungs) में पहुँच जाता है।
ऐस्कैरिसता के लक्षण (Symptoms) - आँत में एस्केरिस ( Ascaris ) की उपस्थिति का परपोषी पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता, किन्तु अधिक संख्या (500-5000 ) में होने पर पेट में दर्द होने लगता है, भूख कम हो। जाती हैं तथा अनिद्रा (Insomnia), दस्त (Diarrhoea), वमन ( Vomiting ), सन्निपात (Delirium), घबराहट, ऐठन आदि होते हैं कभी-कभी ये मस्तिष्क और गुर्दे में पहुँचकर उन्हें नष्ट कर देते हैं।
ऐस्कैरिसता से बचाव एवं उपचार (Prophylaxis and Treatment)
(1) वैयक्तिक और सामाजिक सफाई इस रोग की सर्वश्रेष्ठ रोकथाम है।
(2) भोजन करने से पूर्व हाथ साबुन से धोने चाहिए।
(3) उचित आरोग्य संबंधी (Hygenic) सावधानियाँ अपनानी चाहिए एवं लोगों को स्वच्छता संबंधी जानकारी देनी चाहिए।
(4) शरीर से प्रौढ़ कृमियों को चेनोपोडियम एवं टेट्राक्लोरोएथिलीन के तेल के मिश्रण को देकर रोका जा सकता है। जिलैटिन कैप्सूल में बंद हैक्सिल रिसोर्सिनॉल (Hexyl resorcinol) के क्रिस्टल देकर भी इनकी रोकथाम कर सकते हैं।
(5) पाइपेराजीन सिट्रेट (Piperazine citrate) तथा पाइपेराजीन फॉस्फेट (Piperazine phosphate) इन कीटाणुओं को अगतिशील कर देते हैं। इनके अतिरिक्त मेबेन्डाजोल (Mebendazole), ऐल्बेन्डाजोल ( Albendazole) तथा पाइरान्टोल पामोएट (Pyrantol pamoate), डीमैटोड (Dematode), हेट्राजान (Hetrazan ) केट्राक्स (Ketrax), जेन्टेल (Zentel), एन्टीपार (Antipar), आदि औषधियाँ भी इस रोग के उपचार के लिए प्रभावी होती हैं।
COMMENTS