रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में सूक्ष्मजीवों का महत्व: मानव, आवश्यकता बढ़ने के साथ-साथ कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्व
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने में सूक्ष्मजीवों का महत्व।
जैव - नियन्त्रण कारक के रूप में सूक्ष्मजीव (Microbes as Biocontrol Agents): मानव, आवश्यकता बढ़ने के साथ-साथ कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का तथा फसलों को रोगों एवं पीड़कों से बचाने हेतु अनेक रासायनिक कीटनाशकों, पीड़कनाशकों एवं शाकनाशकों (Insecticides, pesticides and herbicides) का उपयोग कर रहा है। इस प्रकार पादपों के रोगों एवं कीटों के नियंत्रण हेतु जैव वैज्ञानिक विधि (Biological method) का प्रयोग, जैव-नियंत्रण (Biocontrol) कहलाता है।
रसायनिक उर्वरकों के रूप में-
रासायनिक उर्वरकों का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ये मृदा, भूमिगत जल, फलों एवं सब्जियों, आदि पर आनिकारक प्रभाव डालते हैं, जिनका सीधा प्रभाव मानव तथा अन्य जन्तुओं पर भी पड़ता है। अतः सूक्ष्मजीवों का उपयोग पीड़कनाशक के रूप में करने की सम्भावनाओं पर कार्य चल रहा है। रोगजनक विषाणु, जीवाणु, कवक, प्रोटोजोअन्स तथा अन्य निमेटोड द्वारा पीड़क कीटों को संक्रमित करके उन्हें नष्ट किया जा सकता है। सूक्ष्मजीवों द्वारा जैविक नियंत्रण निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है -
जीवाणुओं द्वारा नियंत्रण (Control by Bacteria)
इस कार्य के लिए बैसिलस थ्यूरिन्जिएन्सिस (Bacillus thuringinesis or Bt) नामक जीवाणु की सहायता ली जाती है। इस जीवाणु की सहायता से उत्पन्न फसल Bt - फसल कहलाती है। इस जीवाणु का प्रयोग बटरफ्लाई कैटरपीलर के लार्वा को नियंत्रित करने में किया जाता है। इस जीवाणु के शुष्क बीजाणुओं को पानी में मिलाकर दोषपूर्ण पादपों तथा फलों, वृक्षों जिनकी पत्तियाँ लार्वा द्वारा खा ली जाती पर छिड़का जाता है। इस प्रकार टॉक्सिन (Toxin) लार्वा की पाचन नली में चला जाता है। यह टॉक्सिन जीवाणु की आहारनाल को छिद्रित कर देता है। ऊतक द्रव भने के कारण यह फट जाती है। तथा लार्वा की मृत्यु हो जाती है। इससे कीटों को हानि नहीं होती हैं। आनुवंशिकी अभियान्त्रिकी (Genetic engineering) की विधियों से इस जीवाणु के टॉक्सिन जीन के पादपों में पहुँचा दिया जाता है और पादप पीड़क द्वारा किए गए आक्रमण के प्रतिरोधी हो जाते हैं; उदाहरण Bt-कॉटन, Bt-बैंगन, आदि ।
विषाणु द्वारा नियन्त्रण (Control by Virus)
बैकुलोवाइरस (Baculovirus) मुख्यतया न्यूक्लियर पॉलीहाइड्रोसिस विषाणु (Nuclear Polyhydrosis Virus or NPV), रोगजनक कीटों एवं अन्य आर्थ्रोपोडियन जन्तुओं को नष्ट करने के लिए उपयोगी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा भोज्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने बैकुलोवाइरस को पीड़कनाशक के रूप में उपयोग में लाए जाने का समर्थन किया है, क्योंकि ये पादप, स्तनधारियों, पक्षियों अथवा अन्य जीवों पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं डालते हैं।
कवकों द्वारा नियन्त्रण ( Control by Fungi) कवक ट्राइकोडर्मा (Trichoderma ), जो एक मुक्त कवक है, पादपों की जड़ों में पाया जाता है । यह पादपों के रोगों के उपचार में काम आता है। अतः यह जैव-नियंत्रक कारक (Biocontrol agent) के रूप में प्रयोग किया जाता है। उसके (Entomophthora), आदि कवकों को पीड़कों को नष्ट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
COMMENTS