स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए आहार आयोजन का चार्ट: सामान्य रूप से बच्चा 5-6 साल की उम्र में स्कूल जाना प्रारम्भ कर देता है। इस आयु में स्कूल जाने वाले
स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए आहार आयोजन का चार्ट तैयार कीजिये (Diet Chart for School Students in Hindi)
Diet Chart for School Students in Hindi - सामान्य रूप से बच्चा 5-6 साल की उम्र में स्कूल जाना प्रारम्भ कर देता है। इस आयु में स्कूल जाने वाले बच्चों की पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि नये तन्तुओं के निर्माण के लिए पौष्टिक तत्वों से युक्त भोजन (आहार) आवश्यक है। शरीर के कार्य को नियमित रखने, तन्तुओं की मरम्मत आदि के लिए भी इन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
विभिन्न अध्ययनों द्वारा देखा गया है कि इस अवस्था में बच्चे कुपोषण या अपर्याप्त पोषण का शिकार हो जाते हैं। इसका प्रमुख कारण, गरीबी, शिक्षा का अभाव तथा बच्चे की बढ़ती हुई पोषण आवश्यकताओं की पूर्ति न होना है। इस अवस्था में बच्चों को ऐसा भोजन मिलना चाहिए जो उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक हों। उनके भोजन में प्रोटीन, खनिज लवण एवं विटामिन आवश्यक मात्रा में उपस्थित होने चाहिए। इस अवस्था में बच्चों की पोषक तत्वों की मात्राएँ आयु के साथ-साथ आवश्यकतानुसार क्रमशः बढ़ती जाती है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (I. C. M भारतीय परिवेश में विभिन्न आयु वर्गो के बच्चों के लिए निम्न आहार मात्राएँ प्रस्तावित की हैं -
स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए आहार आयोजन का चार्ट
पोषक तत्व | 6 वर्ष | 9 वर्ष | 12 वर्ष |
---|---|---|---|
कैलोरी | 1400 | 1700 | 2000 |
प्रोटीन (ग्राम) | 45 | 60 | 70 |
कैल्शियम (ग्राम) | 0.8 | 1 | 1 |
लोहा (मि. ग्राम) | 10 | 12 | 15 |
विटामिन 'ए' (आई. यू. ) | 2500 | 400 | 5000 |
थायमिन (मि. ग्राम) | 0.7 | 1 | 1.2 |
राइबोफ्लेविन (मि. ग्राम) | 0.8 | 1 | 1.4 |
नायसिन (मि. ग्राम) | 8 | 10 | 15 |
विटामिन 'सी' (मि. ग्राम) | 45 | 50 | 50 |
विटामिन 'डी' (आई. यू. ) | 400 | 400 | 400 |
भारत में किये गये सर्वेक्षण के अनुसार स्कूल जाने वाले बच्चों के आहार में पर्याप्त पौष्टिक तत्व न होने के कारण निम्नलिखित हैं-
- भोज्य पदार्थों का अपर्याप्त उत्पादन,
- भोज्य पदार्थ खरीदने की अक्षमता,
- पोषण के सम्बन्ध में शिक्षा का अभाव ।
अतः जहाँ तक सम्भव हो सके बच्चे के पोषण का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों को स्कूल के लिए जो भी टिफिन दिया जाये वह पौष्टिक होना चाहिए। इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन के साथ मौसमी फल या सब्जी, जैसे अमरूद, केला, पपीता, सन्तरा, टमाटर, खीरा एवं ककड़ी आदि, मिलने चाहिए। सैंडविच, पराठा, मठरी, सूखी सब्जी, पनीर या अण्डे की भुजिया आदि आसानी से पैक किये जा सकते हैं।
भोजन के सातों वर्ग के भोज्य पदार्थ उपरोक्त तालिका में दिये गये हैं उन्हें विविधता के साथ बच्चों के आहार में सम्मिलित करना चाहिए। प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन युक्त भोजन विशेष रूप से दिया जाना चाहिए। शाकाहारी बच्चों को दूध अधिक मात्रा में दिया जाना चाहिए। हरी सब्जियाँ आहार में अधिक प्रयोग की जानी चाहिए। वसा का प्रयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए। निर्धन परिवार के बच्चों को दूध, मांस, मछली, अण्डा इत्यादि उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाते हैं, इनकी पूर्ति दालों, मूँगफली तथा चना आदि से की जा सकती है क्योंकि इसमें प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है। चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है।
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